Tuesday, February 18, 2025
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Rashes On Thighs : जांघ पर लाल चकत्ते (Fungal Infection) का 5 आयुर्वेदिक उपचार

लोगों को यह समस्या (Fungal infection on thighs) अक्सर मानसून (Monsoon) या अत्यधिक गर्मी वाले मौसम (extreme heat weather) में होती है।

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फंगल संक्रमण (Fungal Infection) की वजह से होते हैं जांघ पर लाल चकते (Red Rashes On Thighs) 

Rashes On Thighs, Ayurvedic treatment for red rashes, treatment of fungal infection on thighs : जांघ पर होने वाले लाल चकते (Rashes On Thighs), छोटे दाने या गोलानुमाकार आकार (granular or spherical shape) यह फंगल संक्रमण (Fungal Infection) की वजह से होता है।
लोगों को यह समस्या (Fungal infection on thighs) अक्सर मानसून (Monsoon) या अत्यधिक गर्मी वाले मौसम (extreme heat weather) में होती है। कई बार ठंड के मौसम (cold weather) मे साफ-सफाई की कमी (Lack of cleanliness) या अन्य वजहों से भी इस तरह के संक्रमण देखने को मिल सकते हैं।
हम यहां जांघ पर लाल चकते (red rash on thigh), इसके कारण (Cause) और जांघ पर लाल चकते के आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic treatment for red rash on thigh/treatment of fungal infection on thighs) के बारे में बता रहे हैं।

क्यों होते हैं जांघ पर लाल चकते? (Causes of red rashes on thighs in Hindi)

इसकी कई वजह हो सकती है। जिसमें कपडों में बनने वाली नमी (Moisture in clothes), त्वचा पर लगातार लगने वाले घर्षण (friction on the skin), गीले कपडे पहनना (Wearing wet clothes), किसी संक्रमित पौधों के संपर्क में आना (exposure to infected plants) या साफ-सफाई में कमी (lack of cleanliness) शामिल हैं। कई बार जहरीले कीडों के डंक (poisonous insect stings) से भी इस तरह की समस्या हो सकती है।
Rashes On Thighs : जांघ पर लाल चकत्ते (Fungal Infection) का 5 आयुर्वेदिक उपचार
Rashes On Thighs : जांघ पर लाल चकत्ते (Fungal Infection) का 5 आयुर्वेदिक उपचार

जांघ पर लाल चकते (jock itch) का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic treatment for red rash on thigh in Hindi)

जांघ पर लाल चकत्ते का घरेलू उचार (Home remedies for red rash on thigh in Hindi)

इस समस्या का उपचार हम तुलसी (tulsi), हल्‍दी (Turmeric), नीम (neem), चंदन पाउडर (Sandalwood Powder), एलोवेरा (Aloe Vera), नार‍ियल का तेल (Coconut oil) आदि‍ का उपयोग करके कर सकते हैं।
इन तमाम उपायों को करने के बाद भी अगर संक्रमण की समस्या (Infection problems) में सुधार न हों तो तत्काल त्वचा रोग विशेषज्ञ (Dermatologist) से संपर्क जरूर करें। आइए, समझते हैं कि आयुर्वेदिक और प्राकृतिक पद्धति से जांघ पर लाल चकते का उपचार (Ayurvedic and natural treatment for red rash on thigh) कैसे करें?

तुलसी और हल्‍दी (Tulsi and Turmeric)

तुलसी के कई गुणों मे से एक गुण यह भी है कि इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्‍टीर‍ियल (Antifungal and antibacterial) दोनों प्रापर्टीज पाई जाती है।
तुलसी के पत्तों से जांघ पर लाल चकत्तों का उपचार (Treatment of red rashes on thighs with basil leaves) किया जा सकता है। तुलसी के पत्तों को साफ करें। पत्तों को पीसकर इसका पेस्ट तैयार कर लें। इसमें चुटकी भर हल्दी मिलाएं।
इसके त्वचा पर लगाकर 30 मिनट के लिए छोड दें। इसके बाद त्वचा को पानी से धो लें। इस उपाए को दिन में तीन से चार बार इस्तेमाल करें। संक्रमण में शीघ्र आराम मिलेगा। हल्दी में सूजन रोधी गुण (Anti-inflammatory properties) होता है। तुलसी और हल्दी के औषधीय गुणों से संक्रमण को ठीक करने में मदद मिलती है।

नीम और नार‍ियल का तेल (Neem and Coconut Oil)

नीम तो वैसे भी गुणकारी है। इसमें एंटीफंगल गुण भी होता है। वहीं नारियल तेल में सूजन रोधी गुण (Anti-inflammatory properties of coconut oil) होते हैं। दोनों को मिलाकर लगाने से एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी दोनों ही गुणों का फायदा मिलता है।
नीम के पत्तों को साफ करके इसे पीस लें। इसमें 2 चम्मच नारियल तेल मिला दें। इस मिश्रण को जांघ के संक्रमण प्रभावित हिस्से (Infection of the affected part of the thigh) पर लगा दें।
15 मिनट के लिए मिश्रण लगा रहने दें। इसके बाद त्वचा को पानी से साफ करके, वहां एंटीफंगल क्रीम (antifungal creams) लगा लें। इससे दर्द में तो आराम मिलेगा ही, संक्रमण भी जल्दी ठीक हो जाएंगे।

दही और मुल्‍तानी म‍िट्टी (Curd and Multani soil)

अगर जांघ पर लाल चकत्ते उभर आए हैं तो इसके लिए दही और मुल्तानी मिट्टी का पेस्ट (Yogurt and Multani Mitti Paste) इस्तेमाल किया जा सकता है। मुल्‍तानी मिट्टी में एंटीसेप्‍ट‍िक गुण (Antiseptic properties of Multani mitti) मौजूद होते हैं।
जबकि, दही में एंटीफंगल तत्व (Antifungal properties in yogurt) पाया जाता है। दही में प्रोबायोट‍िक्‍स लैक्‍टि‍क एस‍िड (probiotics lactic acid) की मौजूदगी होती है।
यह फंगल संक्रमण को न्यूट्रलाइज (Neutralize) कर सकता है। इस पेस्ट को तैयार करने के लिए एक चम्मच दही में 1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी का पाउडर मिक्स करें। इस पेस्ट को लाल चकत्तों पर लगाएं। 30 मिनट के बाद त्वचा को पानी से साफ कर लें।

प्‍याज और शहद (Onion and honey)

त्‍वचा में संक्रमण का उपचार (skin infection treatment) करने में प्याज और शहद का भी इस्तेमाल (Use of onion and honey) किया जा सकता है। शहद और प्याज में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज (Antibacterial Properties) होती है।
जो संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है। प्याज में शहद को मिलाएं। इसे त्वचा पर लगाएं। फिर 30 मिनट के बाद पानी से धो लें। प्याज के अलावा लहसुन के रस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

चंदन पाउडर और एलोवेरा (Sandalwood Powder and Aloe Vera)

चंदन पाउडर की उपयोगिता (Uses of Sandalwood Powder) जांघ पर लाल चकते के उपचार में भी होती है। त्वचा से संबंधित समस्याओं में चंदन का प्रयोग (Use of sandalwood for skin related problems) किया जाता है।
चंदन के पाउडर में एलोवेरा जेल का फ्रेश पल्‍प म‍िलाएं। इस पेस्ट को संक्रमण वाले हिस्से पर लगाएं। जब यह सूख जाए तो ठंडे पानी से त्वचा को साफ कर लें। एक हफ्ते तक इस उपाए को करें। इसका फर्क (treatment of fungal infection on thighs) देखने को मिल जाएगा।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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