Delhi Aiims Trauma Centre में ढाई घंटों तक चली सर्जरी
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Delhi Aiims : पीठ में धंसा था 6 सेमी का चाकू, डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी- दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) के ट्रॉमा सेंटर (Delhi Aiims Trauma Centre) के डॉक्टरोें ने हरियाणा के करनाल निवासी 30 वर्षीय युवक को नई जिंदगी दी है। युवक की पीठ में छह सेंटीमीटर का चाकू धंसा था। जिसे ढाई घंटों तक सर्जरी कर सफलतापूर्वक निकाल दिया गया। युवक के स्वास्थ्य में अब सुधार हो रहा है और वह सर्पोट लेकर चल पा रहा है। यह सर्जरी को एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख और ऑर्थोपेडिक सर्जरी में प्रोफेसर डॉ. कमरान फारूकी और उनकी टीम ने अंजाम दिया।
बदमाशों ने मारी थी चाकू
एम्स (Delhi Aiims) के डाक्टरों के मुताबिक 12 जुलाई को दोपहर करीब एक बजे आभूषण दुकान में लूट की वारदात हुई। जिसका विरोध करने पर बदमाशों ने युवक को चाकू मार दिया। चाकू युवक की पीठ के बीच में धंस गया। चाकू रीढ की हड्डी और वर्टिब्रा डी-6 और डी-5 को चीर कर अंदर तक धंस गया। इस वजह से युवक के शरीर का बायां हिस्सा निष्क्रिय हो गया।
दो अस्पताल के चक्कर लगाने के बाद पहुंचा एम्स
इस घटना के बाद दो स्थानीय अस्पतालों में उपचार के लिए जाने के बाद अंत में युवक को एम्स ट्रॉमा सेंटर (Delhi Aiims Trauma Centre) ले जाया गया। उसे 12 जुलाई की रात करीब 9:30 बजे ट्रामा सेंटर की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। इस दौरान जब डॉक्टरों ने मरीज के प्रभावित हिस्से की सीटी स्कैन की तो पाया कि चाकू महाधमनी (aorta) से महज दो मिलीमीटर ही दूर था। अगर चाकू जरा सी और धंसी होती तो युवक लकवाग्रस्त हो सकता था।
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चुनौतीपूर्ण थी सर्जरी
एम्स (Delhi Aiims) ट्रॉमा सेंटर प्रमुख डॉ. कमरान फारूकी ने कहा कि अगर चाकू थोडा और अंदर धंसा होता तो महाधमनी (aorta) को नुकसान पहुंचने का खतरा था। महाधमनी कट भी सकता था। ऐसे में युवक की जान भी जा सकती थी। मरीज को पेट के बल उल्टा लेटा कर एनेस्थीसिया और वेंटिलेटर सपोर्ट देना मुश्किल कार्य सााबित हो रहा था। कुलमिलाकर यह सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण बताई गई है।
रॉड और स्क्रू की मदद से स्पाइन को किया स्टेबल
एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक ने बताया कि लैरिंगोस्कोप की मदद से युवक को एनेस्थीसिया दी गई और वेंटिलेटर सर्पोट देकर फिर सर्जरी की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान सावधानी बरतते हुए चाकू को निकाल लिया गया और स्पाइन के प्रभावित हिस्से को स्टेबिलिटी और सपोर्ट देने के लिए स्क्रू और रॉड को इंपलांट किया गया। मरीज के बाएं पैर में फिलहाल कमजोरी है। डॉक्टरों को उम्मीद है कि रिहैबिलिटेशन की प्रक्रिया के बाद स्थिति में सुधार आएगी।
चाकू निकालने की कोशिश हो सकती थी जानलेवा
एम्स ट्रामा सेंटर (Delhi Aiims Trauma Centre) में सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. अमित गुप्ता के मुताबिक इस घटनाक्रम में सबसे अच्छी बात यह रही कि युवक के शरीर में धंसे चाकू को निकालने की कोशिश नहीं की गई। ऐसे केस में अगर चाकू निकालने की कोशिश की गई होती तो अंदरूनी नुकसान बढ सकता था। जिससे मरीज लकवाग्रस्त हो सकता था। स्पाइन कॉड में नुकसान मरीज के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता था। प्रोफेसर के मुताबिक अगर किसी के साथ ऐसी काई घटना घट जाती है, तो मरीज के शरीर में धंसे चाकू या अन्य सामान निकालने की कोशिश करें। खून के रिसाव को रोकने का प्रयास करें और तत्काल मरीज को किसी विशेषज्ञता वाले अस्पताल में भर्ती कराएं।
Delhi Aiims : पीठ में धंसा था 6 सेमी का चाकू, डॉक्टरों ने दी नई जिंदगी
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बहुत ही सुंदर ख़बर