Mobile Addiction : सर्वेक्षण में सामने आए चौंकाने वाले नतीजे
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Mobile Addiction : हर आयु वर्ग सुनने की समस्या से प्रभावित- कम्यूनिकेशन डिसऑर्डर (Communication Disorders) पर देश में किए गए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। यह सर्वेक्षण इंडियन स्पीच एंड हियरिंग एसोसिएशन (आईएसएचए) की दिल्ली शाखा द्वारा स्वास्थ्य संसद और अंतर्राष्ट्रीय रोगी संघ की साझेदारी में आयोजित किया गया। बोलने और सुनने के क्षेत्र में समर्पित पेशेवरों और छात्र स्वयंसेवकों के नेतृत्व में, यह प्रयास दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर), जम्मू और कश्मीर में संचार चुनौतियों का समाधान करने में विशेष भूमिका निभाएगा।
यह सर्वेक्षण आईएसएचए की दिल्ली शाखा और इंडियन स्पीच-लैंग्वेज एंड हियरिंग एसोसिएशन (आईएसएचए) द्वारा वित्त पोषित थी। इसमें दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के 10,228 परिवारों के कुल 53,801 व्यक्तियों और जम्मू-कश्मीर के 1257 परिवारों के 6000 से अधिक व्यक्तियों को शामिल किया गया। संचार विकार से संबंधित इस सर्वेक्षण में विशेषतौर से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में संचार विकारों (Communication Disorders) की व्यापकता दर 3.05%, कश्मीर में 6.17% और जम्मू में 2.4% पाई गई।
दिल्ली में किया रिपोर्ट सार्वजनिक
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पूर्व सलाहकार और स्वास्थ्य संसद और अंतर्राष्ट्रीय मरीज संघ के संस्थापक डॉ. राजेंद्र प्रताप गुप्ता ने फरवरी 2023 में सर्वेक्षण शुरू करने पर विचार किया। जिसे 13 अगस्त 2023 को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित सम्मेलन में औपचारिक रूप से सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने जागरूकता बढ़ाने और संचार विकारों (Communication Disorders) के आसपास केंद्रित प्रभावशाली नीति चर्चाओं को चलाने के लिए रिपोर्ट की क्षमता पर जोर दिया।
डॉ. गुप्ता के अनुसार, ‘संचार विकारों का प्रसार 3% से अधिक हो गया है और उनकी जागरूकता का स्तर लगभग 11% कम है। 19-25 वर्ष आयु समूह (41.2%) और 26-60 वर्ष आयु समूह (69.4%) में श्रवण हानि (HI) की समस्या बढ़ी है। यह ‘मोबाइल पीढ़ी’ (Mobile Addiction) के लिए एक चेतावनी है कि वे इस समस्या की ओर ध्यान दें।
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अगर इस मामले में लापरवाही बरती गई तो इन्हेें हेडफ़ोन/इयरफ़ोन की जगह ‘हियरिंग एड’ का उपयोग करना होगा। विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों में, मुस्लिमों में सगोत्र विवाह वाले लोगों में कम्यूनिकेशन डिसऑर्डर का प्रचलन दर सबसे अधिक 14.9% है।डॉ. गुप्ता के मुताबिक कम्यूनिकेशन डिसऑर्डर से संबंधित विकलांगता को राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) में शामिल करना चाहिए।
दिल्ली-एनसीआर में हालात चिंताजनक
दिल्ली-एनसीआर के लिए सर्वेक्षण के निष्कर्षों से पता चला कि speech sound disorder (SSD) 6-12 वर्ष आयु वर्ग (42.4%) और 13-18 वर्ष आयु समूह (31.1%) में उच्च प्रसार दर प्रदर्शित करता है। flow disorders 6-12 वर्ष (20.7%) और 13-18 वर्ष (17.1%) आयु वर्ग के लोगों में अधिक पाया गया। language disorders 0-5 वर्ष (69%) और 13-18 वर्ष (48.2%) की आयु में अधिक पाए गए हैं।
रिपोर्ट विभिन्न आयु वर्गों में voice disorders की अलग-अलग व्यापकता दर की पहचान करती है, जिसमें सबसे अधिक 19-25 वर्ष आयु वर्ग (17%) और 13-18 वर्ष आयु वर्ग (11.6%) में देखी गई है। vestibular disorders 26-60 वर्ष आयु वर्ग (8.7%) में अधिक स्पष्ट हैं। multiple communication disorders 0-5 वर्ष (37%) और 6-12 वर्ष (33.9%) की आयु में सबसे अधिक स्पष्ट होते हैं। जबकि, कश्मीर में, 57.6% महिलाओं और 42.4% पुरुषों में संचार विकारों (Communication Disorders) की पहचान की गई। जम्मू में, 66.4% पुरुष आबादी और 33.6% महिला आबादी में संचार विकारों की पहचान की गई।
Mobile Addiction : हर आयु वर्ग कम्यूनिकेशन डिसऑर्डर से प्रभावित
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