IBD, IBS और crohn’s जैसी बीमारियों का जोखिम बढाती है Inflamed Digestive System
Inflamed Digestive System : सूजन (inflammation) कई बीमारियों का कारण है। सूजन किसी भी अंग में हो अगर समय पर उसका उपचार नहीं किया जाए तो कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। सूजन का दुष्प्रभाव अल्जाइमर और कैंसर जैसी कई बीमारियों की शुरूआत और प्रगति से जुडी हुई है।
ऐसे अनगिनत अध्ययन किए गए हैं, जिसका उद्देश्य सूजन (inflammation) के पीछे मौजूद प्राथमिक जोखिम कारकों और कारणों की पहचान करना रहा है। आंत में होने वाला सूजन (intestinal inflammation) इन दिनों अध्ययनकर्ताओं के लिए एक चर्चित विषय बना हुआ है। आंत का सूजन आईबीडी (IBD), आईबीएस (IBS) और क्रोहन (Crohn’s) जैसी बीमारियों का कारण बन सकती है। जिससे संपूर्ण शरीर का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। कई बार स्थिति गंभीर भी हो सकती है।
इन कारणों से होती है आंत में inflammation
खाद्य एलर्जी | Food Allergy
ज्यादातर लोगों को यह मालूम है कि एलर्जी के संपर्क में आने से त्वचा या आंखों जैसे हिस्सों में सूजन हो सकती है। इसमें पित्ती या खुजली वाली लाल आंखें शामिल हैं। इसी तरह आंत भी खाद्य एलर्जी की वजह से सूजन की चपेट में आ सकता है। इसके सामान्य लक्षणों में पेट में ऐंठन, मतली, उल्टी और दस्त शामिल हो सकते हैं। इन लक्षणों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। भोजन करने के बाद ऐसे लक्षणों का अनुभव होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
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दवाईयां
ओवर-द-काउंटर दवाएं (over-the-counter medications) और नई प्रिस्क्रिप्शन दवाएं दोनों ही सूजन में बड़े योगदानकर्ता साबित हो सकते हैं। डॉ. मैथ्यूज के मुताबिक, “एनएसएआईडी (इबुप्रोफेन, एडविल, मोट्रिन) जैसी अति सामान्य चीजें चोट और सूजन का कारण बन सकती हैं।” साथ ही “कीमो-थेरेपी या इम्यून चेक प्वाइंट इनहिबिटर थेरेपी (Immune Check Point Inhibitor Therapy) जैसी अधिक विशिष्ट दवाएं।
इनके दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। जिससे जठरांत्र पथ में सूजन (inflammation in the gastrointestinal tract) की समस्या हो सकती है। ” सूजन के मामले में दवाओं के दुष्प्रभाव बहुत आम हैं लेकिन लोग अक्सर लक्षणों और नई दवाओं को नजरअंदाज कर देते हैं। लोग किसी भी नई दवा की शुरूआत के साथ अपने शरीर पर जरूर ध्यान दें, ताकि अगर कुछ समस्या हो तो तत्काल उसे दूर करने के लिए कदम उठाए जा सकें।
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आहार
“प्रसंस्कृत और वसायुक्त खाद्य पदार्थों (तले हुए खाद्य पदार्थ) को बेहतर नहीं माना जाता है। इससे जीआई पथ (GI tract) और आपके जीआई माइक्रोबायोम (GI microbiome) के प्राकृतिक संतुलन में व्यवधान पैदा हो सकता है। जब माइक्रोबायोम असंतुलित हो जाता है, तब यह जीआई पथ की परत में अधिक पारगम्यता (permeability) पैदा कर सकता है, जिसके बाद संक्रमण होने का जोखिम भी बढ जाता है।
डॉ. मैथ्यूज के मुताबिक सूजन (inflammation) का एक अधिक सामान्य कारण है और अधिकांश लोगों को गलत खानपान की वजह से होने वाली परेशानियों के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पडती है। यदि आपको सूजन की समस्या है तो कैफीन का उपयोग न करें। कैफीन के प्रति आपकी प्रवृत्ति चाहे जो भी हो, यह कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकती है।” “कोर्टिसोल स्वभाव से ही सूजनरोधी है, लेकिन लंबे समय तक इसका बढा स्तर विपरीत प्रभाव डाल सकता है, जिससे पुरानी सूजन हो सकती है।”
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संक्रमण
संक्रमण (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) आंत की सूजन (intestinal inflammation) का प्रमुख कारण है। संक्रमण वायरल और बैक्टीरियल दोनों कारणों से हो सकता है। जिसकी वजह से मतली, उल्टी और दस्त जैसे कई सामान्य लक्षण प्रकट हो सकते हैं। यह सभी लक्षण संक्रमण के रूट को पहचानने में मदद कर सकते हैं। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. साइमन मैथ्यूज के मुताबिक, “लक्षणों के आधार पर बीमारी पाचनतंत्र में कहां है यह पता लगाया जाता है।”
“मतली या उल्टी जैसे ऊपरी लक्षणों की मौजूदगी का मतलब है कि आपके जीआई पथ में संक्रमण (GI tract infection) होने की संभावना अधिक है। जीआई संक्रमण की संभावनाओं को कम करने के लिए सही तरीके से हाथ धोने जैसी सरल तरीकों को अपनाया जा सकता है। उचित तरीके से आहार लेना बैक्टीरियल गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Bacterial gastroenteritis) के जोखिम को कम कर सकता है। भोजन में गडबडी होने खाद्य विषाक्तता हो सकती है।
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ऑटोइम्यून स्थितियाँ | Autoimmune Conditions
ऑटोइम्यून बीमारियां (autoimmune diseases) जटिल होती हैं। “ऑटोइम्यून बीमारी तब होती है जब शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली आपकी अपनी कोशिकाओं और बाहरी कोशिकाओं के बीच अंतर नहीं कर पाती। जिससे शरीर गलती से सामान्य कोशिकाओं पर हमला कर देता है।” जीआई पथ के संदर्भ में, आंत में सूजन के कुछ उल्लेखनीय ऑटोइम्यून कारण हैं जिनकी पहचान डॉ. मैथ्यूज ने की है।
सूजन आंत्र रोग (IBD), एक शब्द है, जिसका उपयोग दो ऑटोइम्यून स्थितियों के लिए किया जाता है, जिसे क्रोहन रोग (Crohn’s disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (ulcerative colitis) कहते हैं। डॉ. मैथ्यूज के मुताबिक, “आईबीडी क्यों होता है, यह अभी तक रहस्य बना हुआ है। अभी तक इसके बारे में जो भी पहचान की गई है, वह केवल जोखिम कारक हैं।
बाल चिकित्सा के मामले में किए गए एक अध्ययन से यह पता चला है कि प्रारंभिक एंटीबायोटिक जोखिम (early antibiotic exposure), विशिष्ट पश्चिमी आहार का सेवन, और उच्च सामाजिक आर्थिक स्थिति इसके पीछे प्रमुख जोखिम कारक हैं। जबकि, धूम्रपान, वसायुक्त आहार और एंटीबायोटिक्स वयस्कों के लिए जोखिम कारक माने जो हैं। ऑटोइम्यून स्थितियों में सीलिएक रोग (celiac disease) जैसे आनुवंशिक कारण (genetic causes) भी आते हैं। जो इससे पीड़ित लोगों में ग्लूटेन के अंतर्ग्रहण (ingestion) से संबंधित होता है।
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