बॉयोलॉजिकल परिवर्तन का कारण बन सकता है वायु प्रदूषण, बचने में ही है भलाई
Air Pollution Effects on Human Health : अभी तक आपने वायु प्रदूषण (Air Pollution) की वजह से होने वाली खांसी-जुकाम, सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, गले में खराश और आंखों में जलन जैसी आम समस्याओं के बारे में ही सुना होगा लेकिन वायु प्रदूषण के उन असामान्य प्रभावों (unusual air pollution effects) के बारे में भी जानना बेहद जरूरी है।
ऐसा इसलिए अब शहर से लेकर गांव तक वायु प्रदूषण की मौजूदगी देखने को मिल रही है। राजधानी दिल्ली से लेकर बिहार के सीवान जैसे क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। वायु प्रदूषण का प्रभाव (Air Pollution Effects) आपके आज और कल दोनों को प्रभावित कर सकता है। यह न केवल आप पर बल्कि आपके भविष्य यानि बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन के लिए समस्याएं पैदा कर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि हम इससे बचने के उन तरीकों के बारे में जान लें, जो इसके प्रभाव को कम करने में मदद करती है।
वायु प्रदूषण के 5 असामान्य स्वास्थ्य प्रभाव| Unusual Air Pollution Effects
1. मानव बुद्धि को कर सकता है प्रभावित
मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषण के नकारात्मक प्रभाव (Air Pollution Effects), पिछले कुछ समय से बेहद चर्चा में है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, वायु प्रदूषण अब सीधे तौर पर मानव बुद्धि को प्रभावित कर सकता है। एक व्यक्ति ऑक्सीजन में सांस लेता है, जो महीन कण मेटर (पीएम 2.5), सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2), और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) के साथ मिले होते हैं। ऐसे हानिकारक वायु कण स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इससे ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं विकसित हो सकती है जो सीधे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती हैं।
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2. वायु प्रदूषण से हो सकता है मनोभ्रंश
वायु प्रदूषण गैसीय कणों, रासायनिक और भौतिक वायु कणों सहित कई घटकों के मिलने से पैदा होता है। जो कई प्रकार के क्रोनिक बीमारियों की वजह बन सकता है। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण मनोभ्रंश की वजह बन सकता है। महीन धूल के कण और अन्य हानिकारक वायु पदार्थ आकार में बेहद छोटे होते हैं।
जो आसानी से हमारी आंखों और नाक के जरिए शरीर में प्रवेश कर रक्तप्रवाह में शामिल हो जाते हैं। प्रदूषित हवा में सांस लेने से जैविक परिवर्तन की भी संभावना होती है। इससे हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं को नुकसान होता है। ऐसे में मनोभ्रंश या अल्जाइमर रोग होने की संभावना बढ जाती है। इससे प्रभावित व्यक्ति की स्मृति नष्ट हो जाती है और अन्य महत्वपूर्ण मानसिक कार्यों की क्षमता भी प्रभावित (Air Pollution Effects) होने लगती है।
3. मानसिक तनाव, नींद न आने की बीमारी और चिंता की वजह साबित हो सकता है वायु प्रदूषण
कई अध्ययनों में पता चला है कि घर के अंदर और बाहर प्रदूषित हवा में सांस लेने से मानसिक तनाव हो सकता है। जिसके कारण नींद से संबंधित समस्याएं और चिंता हावी हो सकती है। इंसान पर वायु प्रदूषण के बुरे स्वास्थ्य प्रभावों (Air Pollution Effects) में शारीरिक तनाव ही नहीं है बल्कि इससे मानसिक और भावनात्मक तनाव दोनों हो सकते हैं।
वायु प्रदूषण प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रभावित कर सकता है। इससे नींद के पैटर्न पर असर पड़ सकता है। ऐसा होने पर एक स्वस्थ व्यक्ति भी उच्च रक्तचाप की चपेट में आ सकता है। वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से न केवल बुजुर्ग लोगों को बल्कि 10 साल तक के छोटे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। यह प्रभाव हवा में मौजूद महीन धूल कणों में सांस लेने के कारण होता है। जिसमें काले कार्बन, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक प्रदूषकों की मौजूदगी होती है।
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4. बच्चों में अवसाद पैदा कर सकता है Air Pollution Effects
विशेषज्ञों के मुताबिक जो बच्चे अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में लंबे समय तक रहते हैं, उनके मानसिक स्वास्थ्य के प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है। हाल ही में 8 वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों पर किए गए एक सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि खराब वायु गुणवत्ता में सांस लेने की वजह से बच्चे मानसिक तनाव की चपेट में आ गए। इसमें नींद की कमी को अन्य प्रमुख कारण बताया गया है।
प्रदूषित हवा में सांस लेने वाले बच्चों पर किए गए अध्ययन में यह पता चला है कि बच्चे नींद के दौरान करवट बदलते रहते हैं, जिससे उनकी नींद प्रभावित होती है। मुख्य अध्ययनकर्ता और किंग्स कॉलेज लंदन की हेलेन फिशर के मुताबिक “प्रदूषण का उच्च स्तर बच्चों के लिए ही नहीं किसी भी आयुवर्ग के लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित (Air Pollution Effects) कर सकता है।
ऐसे में जहां वायु प्रदूषण अधिक हो रहा हो, वहां से दूर रहने में ही भलाई है। अध्ययकर्ताओं का यह भी कहना है कि वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए उन्हें स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के सरकारों पर दवाब डालनी चाहिए। प्रदूषण की समस्या वर्तमान और भविष्य के पीढियों को प्रभावित करती है।
5. गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है वायु प्रदूषण
विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भवती महिलाओं के लिए वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। कई बार इसके परिणाम तत्काल भी सामने आ सकते हैं और कुछ परिणाम पैदा होने वाले बच्चे को लंबे समय के बाद भी प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप गर्भावस्था के दौरान हानिकारक वायु गुणवत्ता के संपर्क में हैं, तो सेहतमंद शिशु के लिए किए गए प्रयास व्यर्थ हो सकते हैं। हानिकारक वायु कणों में सांस लेने के परिणामों में हृदय और श्वसन समस्याओं से लेकर याद रखने की क्षमता प्रभावित हो सकती है।