Type 2 Diabetes : रिसर्च में सामने आई नमक की भूमिका
Type 2 Diabetes : डायबिटीज के लिए चीनी जिम्मेदार होता है, यह सभी लोग जानते हैं लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन ने टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को बढाने में नमक को भी विलेन करार दिया है। अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने पाया है कि टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाने में चीनी के साथ नमक की भी जुगलबंदी बडी वजह बन सकती है।
इसका मतलब यह है कि अगर आप टेबल साल्ट (Table Salt) का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आपको अब सावधानी बरतने की जरूरत है। नई शोध के परिणामों के मुताबिक अब डायबिटीज से बचने या नियंत्रित करने के लिए चीनी के साथ नमक के इस्तेमाल को लेकर भी सावधानी बरतनी होगी।
अगर आप ज्यादा चटोरे हैं और खाने के दौरान सब्जी, दाल या दूसरे खाद्य पदार्थों में बार-बार नमक छिडकते हैं तो अब इस आदत से बचने का प्रयास करना शुरू कर दीजिए। अमेरिका के तुलाने यूनिवर्सिटी के अध्ययन से यह निष्कर्श निकलकर आया है कि भोजन करने के दौरान अतिरिक्त नमक के इस्तेमाल से टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes ) होने का खतरा बढता है।
अध्ययन में चार लाख से अधिक लोगों को किया गया शामिल
चीनी और नमक की इस जुगलबंदी को उजागर करने वाले ताजा अध्ययन को ‘मेयो क्लिनिक प्रोसीडिंग्स’ में प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया है। इस अध्ययन में चार लाख से अधिक वयस्कों को शामिल किया गया। इन लोगों से उनके नमक के सेवन करने से संबंधित कई जरूरी सवाल पूछे गए। इन सभी का औसतन 11.8 वर्षों तक फॉलो-अप किया गया।
Also Read : Winter Fruits : ठंड के मौसम में जरूर खाएं यह 5 फल, झूम उठेगा शरीर
जिसके बाद अध्ययनकर्ताओं ने यह पाया कि कभी नहीं या शायद ही कभी नमक खाने के जवाब वाले 13000 से अधिक लोगों में टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) विकसित हुई। इसके ठीक विपरित जिन लोगों ने ‘कभी-कभी’, ‘आमतौर पर’ या ‘हमेशा’ नमक खाने में ऊपर से डालकर या मिलाकर खाने की बात कबूल की, ऐसे लोगोें में टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम क्रमशः 13 प्रतिशत, 20 प्रतिशत और 39 प्रतिशत पाया गया। यह खुलासा बेहद हैरान करने वाला साबित हो रहा है।
आज ही हटा दीजिए अपने टेबल से साल्टशेकर!
तुलाने यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन में प्रोफेसर, प्रमुख लेखक डॉ. लू क्यूई के मुताबिक, यह बात आम तौर पर लोगों को पता है कि नमक के सीमित इस्तेमाल से हृदय संबंधी बीमारियों और उच्च रक्तचाप का जोखिम कम किया जा सकता है लेकिन ऐसा पहली बार किसी अध्ययन में यह पाया गया है कि टेबल साल्टशेकर हटाने से भी टाइप -2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) को रोकने में बडी मदद मिल सकती है।
ठोस प्रमाण हासिल करने के लिए गहराई से हो सकता है अध्ययन
हालांकि, इस अध्ययन के परिणाम सामने आने के बाद यह भी जरूरत जताई जा रही है कि ज्यादा नमक के सेवन से टाइप 2 मधुमेह का जोखिम बढने के पीछे क्या वजह हो सकती है, इस पर गहराई से अध्ययन किया जाए। क्यूई का मानना है कि ज्यादा मात्रा में नमक खाने से मोटापा और सूजन जैसी स्वास्थ्य स्थितियां होने का जोखिम विकसित होता है।
Also Read : Air Pollution Effects : अब जान लीजिए वायु प्रदूषण के 5 असामान्य प्रभाव, कितना हो सकता है सेहत का नुकसान
अध्ययन में नमक के लगातार सेवन और उच्च बीएमआई (Body Mass Index) और कमर से कूल्हे के अनुपात के बीच भी संबंध सामने आया है। क्यूई के मुताबिक, अध्ययन के तहत अगला कदम प्रतिभागियों के खान-पान में नमक की मात्रा को नियंत्रित करने और प्रभावों को देखने के लिए एक विस्तृत परीक्षण करने की जरूरत है। वहीं, लोगों के पसंदीदा खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाने के लिए कम सोडियम वाले तरीकों को भी ढूढे जाने की जरूरत होगी। ताकि, शुगर फ्री की तर्ज पर सॉल्ट फ्री का भी विकल्प उपलब्ध कराई जा सके।