साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट से 5 साल में जिंदा हो जाएगा Mammoth
Mammoth : इसे चमत्कार नहीं तो और क्या कहेंगे। धरती से विलुप्त हो चुके एक जानवर को वैज्ञानिकों ने जिंदा करने की मुहिम शुरू की है। दावा है कि अगले पांच वर्षों में अपने साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट (scientific experiment) की बदौलत विशेष विलुप्त (extinct) हो चुके जानवर मैमथ (Mammoth) को जिंदा कर देंगे। इस मामले में रोचक यह है कि इस जानवर को इंसान ने आंखों से देखा नहीं है लेकिन उसके जीवाश्म के आधार पर उसकी तस्वीर बनाई गई है।
बर्फीले इलाके में मिला था Mammoth का डीएनए
डायनासोर से लेकर मैमथ तक कई ऐसे जानवर हैं, जिनका धरती पर अस्तित्व था। ये विशाल जानवर अचानक ही धरती से विलुप्त हो गए। वैज्ञानिकों को इनके जीवाश्म के आधार पर यह जानकारी मिली कि ये दिखते कैसे हैं? इनकी जीवनशैली कैसी थी? इन जानवरों का आहार कैसा था? ये रहते कैसे थे? यह सभी जानकारियां वैज्ञानिकों को इनके जीवाश्म से प्राप्त हुई है। बर्फीले इलाके में मैमथ का जीवाश्म जमा हुआ मिला था। जिसके बाद वैज्ञानिकों ने इनके जमें हुए डीएनए के माध्यम से इन्हें दोबारा जिंदा करने की मुहिम को शुरू किया है।
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वैज्ञानिकों को उम्मीद सफल होगी उनकी कोशिश
वैज्ञानिकों के मुताबिक, फर वाले मैमथ को पांच साल के अंदर फिर से जिंदा करने की कोशिश सफल होगी। अपने इस एक्सपेरिमेंट में वैज्ञानिकों ने आर्कटिक की बार्ड में मिले वुलेन मैमथ के डीएनए को एशियन एलिफेंट के साथ कंबाइन कर इस बीस्ट का बच्चा पैदा करने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
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2028 तक मैमथ के बच्चे बनाने का लक्ष्य
बायोटेक कंपनी कोलोसल बायोसाइंस के वैज्ञानिकों के मुताबिक, वर्ष 2028 तक मैमथ के बच्चों को तैयार कर लिया जाएगा। कंपनी की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है कि इन वूलेन मैमथ का जिंदा होना धरती के लिए फायदेमंद साबित होगा। वैज्ञानिक इसका एम्ब्र्यो बनाकर सरोगेट हाथी के पेट में प्लांट करेंगे। हालांकि, कई लोग इस एक्सपेरिमेंट का विरोध भी कर रहे हैं। ओटावा के कार्लेटों यूनिवर्सिटी के जोसफ बेनेट के मुताबिक़, क्लोनिंग करना गलत नहीं है लेकिन विलुप्त हो चुके जानवरों को फिर से जिंदा करना खतरनाक भी साबित हो सकता है।