शरीर से दो प्रतिशत पानी निकलने से याददाश्त पर पड सकता है असर
Psychological Facts : मनोविज्ञान के तहत मन और व्यवहार का अध्ययन किया जाता है। इसमें मानव मानसिक प्रक्रियाओं, व्यवहार और अनुभवों का अध्ययन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मानव व्यवहार को समझना, विश्लेषण करना और इसकी व्याख्या करना है।
इस प्रक्रिया के तहत लोगों को बेहतर तरीके से समझने के प्रयास किए जाते हैं और उनकी मदद की जाती है। मनोविज्ञान को कई विभागों में बांटा गया है। इसके तहत विभिन्न प्रकार के मानसिक प्रक्रियाओं के अध्ययन किए जाते हैं। इस दौरान कई ऐसे तथ्य (Psychological Facts) सामने आते हैं, जिससे अपने और दूसरों के बारे में समझ विकसित करने में मदद मिलती है। हम यहां कुछ दिलचस्प मनोवैज्ञानिक तथ्य (Psychological Facts) शेयर कर रहे हैं।
मनोवैज्ञानिक तथ्य| Psychological Facts
- ऑक्सीजन के बिना अगर किसी को सिर्फ पांच मिनट तक रहना पडे तो मानव मस्तिष्क की कोशिकाएं मरने लगती हैं, जिससे मस्तिष्क को क्षति पहुंचती है।
- Neuroscientists लंबे समय से जानते हैं कि हिप्पोकैम्पस (hippocampus) अल्पकालिक यादें संग्रहित करता है। हालांकि, एक हालिया अध्ययन से यह जानकारी मिली है कि जहां अल्पकालिक यादें हिप्पोकैम्पस में बनती हैं, वहीं वे दीर्घकालिक यादें मस्तिष्क के दूसरे हिस्से में भी इकट्ठी होती हैं।
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- विटामिन बी1 मस्तिष्क रसायन एसिटाइलकोलाइन (acetylcholine) के उत्पादन के लिए जरूरी होता है। यह ध्यान केंद्रित करने और यादों को संग्रहित करने के लिए जरुरी है। ऑस्ट्रेलिया में किए गए एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है कि जिन लोगों ने दो साल तक बी-1 सप्लीमेंट और फोलिक एसिड का सेवन किया, उनकी लंबी और अल्पकालिक याददाश्त में सुधार हुआ।
- हमें भले ही चैतन्य रूप से वो बातें याद रहती हैं जोकि एक उम्र के बाद की हैं लेकिन एक अध्ययन के मुताबिक, हमारी यादों का सिलसिला मां के गर्भ में ही शुरू हो जाता है क्योंकि यह मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण समय होता है। मेमोरी रिकॉल गर्भावस्था के चार महीने की शुरुआत में ही हो सकता है।
- हमारा मस्तिष्क शरीर की कुल ऑक्सीजन और ऊर्जा का 20 प्रतिशत इस्तेमाल करता है, जो रक्त वाहिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क तक जाता है। मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाओं को बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन और ऊर्जा के बिना, मस्तिष्क कार्य और तंत्रिका संबंधी विकार हो सकते है।
- नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान प्रोफेसर पॉल रेबर (Paul Reber) के अनुसार, मानव मस्तिष्क अनुमानित 2,500,000 गीगाबाइट सामग्री को संग्रहित कर सकता है। यह लगभग 300 वर्षों के टीवी शो के बराबर होता है।
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- एक शोध से पता चलता है कि पिछले 10 वर्षों में औसत मनुष्य की ध्यान अवधि में औसतन 12 मिनट की कमी आई है। अध्ययनों ने डिवाइस मल्टी-टास्किंग के बीच कुछ लिंक भी दिखाए हैं – उदाहरण के लिए यदि आप टीवी देखते समय सोशल मीडिया पर स्क्रॉल कर रहे हैं तो आपकी ध्यान अवधि में गिरावट आती है।
- हमारा दिमाग किसी सुपर कंप्यूटर की तरह होता है। क्या आपको पता है कि मानव के दिमाग का वजन कितना हो सकता है? वैज्ञानिको के अनुसार औसतन, वयस्क मस्तिष्क का वजन तीन पाउंड होता है। अगर हम किसी चीज से दिमाग के वजन की तुलना करें तो एक खरबूजे के वजन से इसकी तुलना की जा सकती है।
- विशेषज्ञों के मुताबिक, हमारे मस्तिष्क में 73 प्रतिशत पानी होता है। रिसर्च के अनुसार अगर शरीर से केवल दो प्रतिशत तक निर्जलीकरण हो जाए तो यह स्थिति किसी भी इंसान के ध्यान और याददाश्त को खराब रुप से प्रभावित कर सकती है।
- अगर डेढ़ घंटे तक लगातार पसीना बहाया जाए तो यह अस्थायी रूप से मस्तिष्क के आकार को उतना ही छोटा कर सकता है जितना कि उम्र बढ़ने के एक साल में होता है।
Psychological Facts : डेढ घंटे तक लगातार पसीना बहाने से हो सकता है शरीर को गहरा नुकसान