पेन किलर की डोज कम करना चाहते हैं तो दवा की तरह खाएं कुछ खास anti inflammatory foods
Ankylosing Spondylitis Diet in Hindi : एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) वालों के लिए सूजनरोधी आहार (anti inflammatory foods) संजीवनी से कम नहीं है। आहार चिकित्सा (Ankylosing Spondylitis diet therapy) भले ही यकायक आपके सूजन और दर्द (swelling and pain) को कम न कर पाए लेकिन नियमित रूप से इस तरह के खाद्य पदार्थों का सेवन आपको जोडों में होने वाले सूजन और दर्द (inflammation and pain in joints) को कुछ हदतक कम करने में मदद कर सकती है। दुनियाभर में हुए कई शोध और अध्ययनों में इस बात के प्रमाण भी पाए गए हैं।
हम यहां आपको कुछ खास तरह के 6 खाद्य पदार्थों (Anti-Inflammatory foods for Ankylosing Spondylitis Diet) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके जोडों में मौजूद सूजन और दर्द को कम करने में आपको राहत दे सकते हैं। अगर आप इन खाद्य पदार्थों (Ankylosing Spondylitis diet) का नियमित और लंबे समय तक सेवन करते हैं, तो यह भी संभव है कि आपके पेन किलर का डोज (dose of pain killer) कम हो सकता है।
एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस और आपका आहार | Ankylosing spondylitis diet
इससे पहले कि हम आपको 6 खाद्य पदार्थों के बारे में बताए, आपके लिए अपने आहार (Ankylosing Spondylitis diet) की प्रकृति को जानना आवश्यक है। एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस वाले मरीजों (Patients with ankylosing spondylitis) को प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods) और संतृप्त वसा (Saturated fat) जैसे सूजन को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों (foods that increase inflammation) को अपने आहार की लिस्ट से निकाल देना चाहिए।
आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार , फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर वसायुक्त मछली (Fatty fish rich in omega-3 fatty acids) जैसे खाद्य पदार्थों से भरपूर आहार सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
उत्तरी कैरोलिना के डरहम में सेंटर फॉर जॉयफुल ईटिंग की संस्थापक, आहार और पोषण विशेषज्ञ मोनिका गुलिसानो के मुताबिक एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस वाले लोगों को सबसे पहले अपने दैनिक जीवन से को सूजन बढाने वाले खाद्य पदार्थों को निकालना चाहिए। इसकी जगह सूजन रोधी खाद्य पदार्थों (anti inflammatory foods) को शामिल करें। यह किसी भी मरीज के लिए पहला स्टेप होना चाहिए। आगे चलकर आप देखेंगे कि आपके जोडों में मौजूद कठोरता, सूजन और दर्द में काफी कमी आ जाएगी।
गुलिसानो के मुताबिक “जब भी किसी मेडिकल कंडिशन का मूल कारण सूजन होता है, तो व्यक्ति को अपने आहार में सूजन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों को कम करने से काफी लाभ मिलता है। आहार सूजन संबंधी बीमारी का कारण तो नहीं बनता लेकिन शरीर में सूजन बढाने वाली प्रक्रिया को जरूर बनाए रख सकता है। यही कारण है कि सूजन बढाने वाले आहार (inflammatory foods) को भोजन की लिस्ट से हटाने की सलाह दी जाती है।
आज ही अपने भोजन की लिस्ट से करें इन्हें बाहर
- चीनी,
- सफेद नमक
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ (processed foods)
- रेड मीट
- संतृप्त वसा (Saturated fat)
अब सवाल उठता है कि अगर भोजन से चीनी और नमक को निकाल दिया जाए तो फिर स्वाद का क्या होगा? विशेषज्ञों ने इसका भी जवाब दिया है। आहार (Ankylosing Spondylitis diet) विशेषज्ञों के मुताबिक हम जो ऊपर से नमक या चीनी इस्तेमाल करते हैं, दरअसल वह एक्स्ट्रा सोर्स होता है। प्राकृतिक रूप से हमारे खाद्य पदार्थोे में चीनी और नमक की मात्रा होती है। अगर आपने अपने आहार से चीनी को निकाल दिया है, तो इसकी जगह आप मधु का इस्तेमाल कर सकते हैं।
ठीक इसी तरह अगर आपने अपने भोजन से सफेद नमक को निकाल दिया है तो इसकी जगह नियंत्रित मात्रा में काला नमक, सेंधा नमक या पहाडी नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपने अपने आहार से डीप फ्राइ भोजन (deep fried food) को निकाल दिया है, तो उसकी जगह बेक किया हुआ भोजन (baked foods) शामिल करें। आप अपने भोजन को सीमित मात्रा में ऑलिव ऑयल (olive oil) या देशी घी (desi ghee) के साथ बेक कर सकते हैं। कुलमिलाकर देखा जाए तो अगर आपने किसी एक आहार को छोडा है, तो उसका बेहतर विकल्प जरूर मौजूद है।
सूजन से लड़ने के लिए क्या खाएं? | What to eat to fight inflammation?
Anti inflammatory Foods in Hindi
पत्तेदार साग (leafy greens)
गुलिसानो का कहना है कि पालक, कोलार्ड ग्रीन्स, केल और स्विस चार्ड जैसी पत्तेदार सब्जियों में मैग्नीशियम होता है (Leafy vegetables contain magnesium), जो सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। वह कहती हैं कि सूजन से लड़ने वाले ये लाभ, ज्यादातर पूरक आहार (dietary supplements) से अधिक खाद्य पदार्थों (Ankylosing Spondylitis diet) में पाए जाते हैं।
भारतीय आहार (indian diet) में तो वैसे भी पत्तेदार सब्जियों की भरमार है। जिसका इस्तेमाल आप नियमित रूप से कर सकते हैं। गुलिसानों के मुताबिक इन पत्तेदार साग और सब्जियों का अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए आप इसमें थोड़े से लहसुन और जैतून के तेल (olive oil) के साथ पका सकते हैं। लहसुन में मैग्नीशियम की मात्रा (Magnesium content in garlic) होती है। यह भी एक सूजनरोधी तत्व (anti inflammatory foods) होता है।
ब्रोकोली (Broccoli)
आर्थराइटिस फाउंडेशन के मुताबिक, क्रूसिफेरस परिवार की इस सब्जी (cruciferous family vegetables) में सल्फोराफेन नामक एंटीऑक्सीडेंट (sulforaphane antioxidant) होता है, जो सूजन वाले यौगिकों (inflammatory compounds) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। अगर आपको ब्रोकोली अच्छा नहीं लगता है तो आपको केवल इसे पकाने के तरीके में परिवर्तन करने की जरूरत है। आपको यह जिस रूप में अच्छा लगे, उसी रूप में इसे पकाएं।
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अगर आपको क्रिस्पी खाना पसंद है तो आप इसे इसी तरह तैयार करें। अगर आप इसे नरम ही खाना चाहते हैं तो आप इसे स्टीम कर के बना सकते हैं। जिस तरह से आप गोभी की सब्जी बनाते हैं, ब्रोकली (anti inflammatory foods) को आप उसी तरह तैयार कर सकते हैं। अगर आपको गोभी के पकौडे पसंद हैं तो आप ऑलिव ऑयल या देसी घी में ब्रोकली के पकौडे तैयार कर सकत हैं। इस बीच यह ध्यान रखें कि पकौडे बनाते समय इसे बहुत अधिक डीप फ्राइ न करें। ब्रोकली को बेहतरीन सूजन रोधी आहार (anti inflammatory foods) माना जाता है।
प्याज (Onion)
प्याज, लहसुन, और लीक सभी एलियम परिवार की सब्जियां (allium family vegetables) हैं। गुलिसानो के मुताबिक, “ये खाद्य पदार्थ सल्फ्यूरिक यौगिकों (sulfuric compounds) से भरपूर होते हैं, जिनमें सूजन-रोधी गुण (Anti-inflammatory properties) होते हैं।” प्याज क्वेरसेटिन (quercetin) से भी भरपूर होता है। यह एक फ्लेवोनोइड (flavonoids) है, जो वसा में सूजन पैदा करने वाले एजेंटों (fat inflammatory agents) को रोकने में मदद करता है।
गुलिसानो का कहना है कि सेब भी क्वेरसेटिन का एक अच्छा स्रोत (Apple is also a good source of quercetin) हैं। जबकि, सभी प्रकार के प्याज स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, प्याज़, लाल प्याज और पीले प्याज में इन सूजन से लड़ने वाले यौगिकों की सबसे बड़ी मात्रा हो सकती है । अपने सलाद में आप नियमित रूप से प्याज को शामिल कर सकते हैं। आप इसे कच्चा या पकाकर भी खा सकते हैं। पकौडे पसंद करने वाले लोग इसे ऑलिव ऑयल या देसी घी में मिडियम फ्राइ करके खा सकते हैं।
जामुन (blackberry)
स्ट्रॉबेरी, रसभरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो सूजन को कम करने और आपके शरीर में मुक्त कणों के प्रभाव (effects of free radicals) से लड़ने में मदद करते हैं। उनकी अधिकांश सूजन-विरोधी शक्ति एंथोसायनिन (anthocyanin) से आती है, एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवोनोइड (antioxidant flavonoids) जो इन्हें इनका विशिष्ट रंग देता है।
जामुन में अलग-अलग स्तर के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं (Berries contain varying levels of antioxidants), इसलिए अपने दैनिक आहार में विविधता शामिल करने का लक्ष्य रखें। मिठास के संकेत के लिए स्मूदी में, ओटमील या ग्रीक दही के ऊपर, या सलाद में ताजा या जमे हुए जामुन शामिल करें।
फैटी मछली (fatty fish)
गुलिसानो कहते हैं, “जब ओमेगा-3 सामग्री के कारण सूजन-रोधी आहार की बात आती है तो वसायुक्त मछली सुपरस्टार प्रोटीन (Fatty Fish Superstar Protein) है ।” वह कहती हैं, “ओमेगा-3 शायद सूजन-रोधी आहार (Omega-3 Anti-Inflammation Diet) का सबसे अधिक अध्ययन किया जाने वाला हिस्सा है।” आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, ओमेगा-3 आपके शरीर में सूजन पैदा करने वाले रसायनों को कम करने में मदद कर सकता है।
ओमेगा-3 पर अधिकांश शोध रुमेटीइड गठिया (rheumatoid arthritis) पर केंद्रित है। एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के मामले में एक छोटे अध्ययन में यह पाया गया है कि जिन लोगों ने ओमेगा-3 की खुराक (दिन में तीन बार 4.6 ग्राम) ली, उनमें छोटी खुराक लेने वाले मरीजों के मुकाबले बीमारी की गतिविधि काफी कम देखी गई। हालांकि, इस मामले भी और शोध और अध्ययन की आवश्यकता है।
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के आहार में मांसाहार पसंद करने वाले मरीजों की आहार सूची में जंगली सैल्मन (wild salmon) शीर्ष पर हो सकता है। अन्य मछलियों में भी सूजन-रोधी लाभ होते हैं (Fish also have anti-inflammatory benefits), जिनमें रेनबो ट्राउट, मैकेरल, सार्डिन और अटलांटिक कॉड शामिल हैं। गुलिसानो के मुताबिक, “इन सभी मछलियों में पारा कम और ओमेगा-3 उच्च मात्रा में होता है।”
हेल्दी ऑयल (healthy oil)
भारतीय आहार विशेषज्ञों के मुताबिक, हमारे किचन में भोजन पकाने में सरसो तेल का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है। जहां, तक पोषण प्राप्त करने की बात है, तो महीने में कम से कम दो तरह के तेल का इस्तेमाल करना चाहिए। आप अपने खाद्य तेल की सूची में एक्स्ट्रा-वर्जिन ऑलिव ऑयल (Extra-virgin olive oil) शामिल कर सकते हैं। इस तेल में कई एंटीऑक्सीडेंट और सूजन-रोधी यौगिक (Antioxidants and anti-inflammatory compounds) होते हैं।
कैनेडियन सोसाइटी ऑफ इंटेस्टाइनल रिसर्च के अनुसार , जैतून के तेल (Olive oil) में पाया जाने वाला ओलियोकैंथल नामक यौगिक (oleocanthal compound) सूजन और दर्द को कम करने की क्षमता (Ability to reduce inflammation and pain) में नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं (nonsteroidal anti-inflammatory drugs) के ही समान है। ड्रेसिंग और मैरिनेड में एक्स्ट्रा-वर्जिन जैतून के तेल का उपयोग करें, या परोसने से पहले इसे भोजन पर छिड़कें।
उच्च तापमान पर खाना पकाने के लिए तेल चुनते समय, उच्च धूम्रपान बिंदु वाले तेल (high smoke point oils) को देखें। धुआं बिंदु वह तापमान है, जिस पर तेल टूटना शुरू हो जाता है और धुआं निकलने लगता है और अपना कुछ पोषण मूल्य (nutritional value) खो देता है। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, एवोकैडो ऑयल (avocado oil) भी तेल एक अच्छा विकल्प है – इसमें उच्च धूम्रपान बिंदु और सूजन-विरोधी लाभ (High smoke point and anti-inflammatory benefits) हैं।
दाने और बीज (nuts and seeds)
कुछ नट्स और बीजों में अल्फा लिनोलिक एसिड (Alpha Linoleic Acid in Nuts and Seeds) की मात्रा अधिक होती है। यह एक प्रकार का एंटी-इंफ्लेमेटरी ओमेगा-3 फैटी एसिड (Anti-Inflammatory Omega-3 Fatty Acids) है। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार , सबसे बड़े स्वास्थ्य लाभ के लिए सर्वोत्तम विकल्पों में अखरोट, बादाम , मूंगफली, पिस्ता, चिया बीज और पिसे हुए अलसी के बीज शामिल हैं।
अगर आपको नट्स और बीज खाना पसंद नहीं है, तो उन्हें उन व्यंजनों में शामिल करने का प्रयास करें जो आपको पसंद हैं, जैसे आप इसे सलाद या सैल्मन मछली के साथ ले सकते हैं। यहां यह जरूर ध्यान रखें कि नट्स या बीज को अपने आहार में सीमित मात्रा में ही शामिल करें। आप इसकी मात्रा मापने के लिए बडे टी-स्पून का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें कैलोरी (calories) की मात्रा अधिक होती है। इसके बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल से नुकसान हो सकता है।
यहां आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि आप इन सभी खाद्य पदार्थों (anti inflammatory foods for ankylosing spondylitis Diet) का इस्तेमाल एक ही बार में न करें। आप दिन बदलकर इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। जहां तक दाने और बीज का सवाल है, तो आप इसे सीमित मात्रा में रोज ले सकते हैं। हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी। अगर आपके मन में कोई सवाल या जिज्ञासा है या फिर आप किसी विशेष टॉपिक पर जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।