अर्ध-शाकाहारी आहार (semi-vegetarian diet) है Flexitarian Meals
flexitarian diet meal plan: इन दिनों फ्लेक्सिटेरियन आहार (Flexitarian Meals) काफी चर्चा में है। इस आहार को अर्ध- शाकाहारी आहार (Semi vegetarian diet) भी कहते हैं। इसमें सीमित मात्रा में या कभी कभार मंसाहार (non-vegetarian) किया जाता है लेकिन विशेष तौर पर यह आहार पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ (plant based foods) पर आधारित होता है।
आहार विशेषज्ञ इसके कई फायदे गिनाते हैं लेकिन यह आहार हृदय स्वास्थ्य के मामले में सर्वाहारी आहार की तुलना में कम जोखिम वाला होता है। यही कारण है कि फ्लेक्सिटेरियन आहार को लोग पसंद कर रहे हैं।
अध्ययन में सामने आ चुके हैं Flexitarian Meals के फायदे
बीएमसी न्यूट्रिशन जर्नल (BMC Nutrition Journal) में प्रकाशित एक नए अध्ययन के मुताबिक फ्लेक्सिटेरियन आहार सर्वाहारी आहार की तुलना में हृदय रोग के लिए कम जोखिम (Flexitarian diet lowers risk for heart disease than omnivorous diet) पैदा करता है।
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अध्ययन का उद्देश्य हृदय स्वास्थ्य पर फ्लेक्सिटेरियन आहार के प्रभावों (Effects of flexitarian diet on heart health) की जांच करना था। इसमें 25 से 45 वर्ष की उम्र के बीच के 94 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। जो अध्ययन शुरू होने से कम से कम एक साल पहले से शाकाहारी (Vegetarian), सर्वाहारी (omnivorous), या फ्लेक्सिटेरियन आहार का पालन कर रहे थे।
जो व्यक्ति प्रतिदिन 50 ग्राम से कम मांस खाते थे, उन्हें फ्लेक्सिटेरियन के रूप में वर्गीकृत किया गया था। जबकि जो लोग 170 ग्राम या अधिक मांस खाते थे उन्हें सर्वाहारी के रूप में वर्गीकृत किया गया था। शाकाहारी लोग, जो पूरी तरह से पशु उत्पादों से परहेज करते थे, उन्हें तीसरे समूह में रखा गया था। प्रतिभागियों की आहार संबंधित आदतों और उनकी जीवनशैली कारकों का आकलन करने के लिए एक खास प्रश्नावली का उपयोग किया गया।
हृदय रोग बायोमार्कर से किया गया परिणाम का आकलन
परिणाम के आकलन के लिए हृदय रोग बायोमार्कर (heart disease biomarkers) का मूल्यांकन करने के लिए प्रतिभागियों के ब्लड सैंपल्स लिए गए। वहीं, यात्रा के दौरान प्रतिभागियों के रक्तचाप (blood pressure), बॉडी मास इंडेक्स (body mass index) और धमनी की कठोरता (stiffness of arteries) को भी मापा गया। प्रतिभागियों के ब्लड बायोमार्कर (Blood Biomarkers) के विश्लेषण से यह पता चला कि फ्लेक्सिटेरियन और शाकाहारी दोनों का ही हार्ट हेल्थ सर्वाहारी लोगों के मुकाबले बेहतर (The heart health of both flexitarians and vegetarians is better than that of omnivores) था।
इस विश्लेषण के दौरान यह जानकारी मिली कि इनका लिपोप्रोटीन (LDL) कोलेस्ट्रॉल सर्वाहारी लोगों के मुकाबले काफी कम था। इसके अलावा सर्वाहारी और फ्लेक्सिटेरियन आहार वालों की तुलना में शाकाहारी लोगों में फॉस्टिंग इंसुलिन का स्तर भी कम पाया गया। इस आहार को अपनाने वाले और शाकाहारी लोगों में चयापचय सिंड्रोम गंभीरता स्कोर (metabolic syndrome severity score) भी कम पाई गई। जो रक्त शर्करा के स्तर, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और वजन सहित विभिन्न प्रकार के जोखिम कारकों का एक समग्र माप भी है।
फ्लेक्सिटेरियन आहार में शामिल खाद्य पदार्थ | Foods included in flexitarian diet
इस आहार में मुख्य रूप से पौधे आधारित खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। जैसे – फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां, नट और बीज। इस आहार का पालन करने वाले कभी-कभी भोजन में मांस, पॉल्ट्री खाद्य पदार्थ, मछली, डेयरी उत्पाद और अंडे जैसे उत्पादों को भी शामिल करते हैं लेकिन पारंपरिक सर्वभक्षी लोगों की तुलना में पशु आधारित उत्पाद कम मात्रा में ही सेवन किए जाते हैं। इस आहारशैली में पर्यावरणीय लाभ का ध्यान रखते हुए पौधे आधारित खाद्य पदार्थों को ही अधिक प्राथमिकता दी गई है।
फ्लेक्सिटैरियन आहार के लाभ | Benefits of Flexitarian Diet
यह आहार पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है। इस आहार में फाइबर युक्त खाद्य सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। वहीं एंटिऑक्सिडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स (Antioxidants and Phytonutrients) का भी अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है। जिससे हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी पुरानी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। यह आहार पूरी तरह गट हेल्थ को भी सपोर्ट करता है। वहीं, इस आहार के सेवन से ऊर्जा भी बेहतर मात्रा में प्राप्त की जा सकती है।
कुलमिलाकर देखा जाए तो यह आहार शैली हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर है। इसके अलावा यह पाचन तंत्र को भी समर्थन प्रदान करता है। इस आहारशैली को अपनाने से क्रॉनिक पेन और सूजन की समस्या से भी राहत मिल सकती है। वहीं संपूर्ण स्वास्थ्य के लिहाज से भी इस आहार शैली को विशेषज्ञ बेहतर बता रहे हैं। यहां बता दें कि स्वस्थ्य रहने के लिए बेहतर आहार शैली अपनाना जरूरी है। आज के दौर में गलत खानपान की वजह से ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।