दिल्ली एम्स में Gamma Knife तकनीक से हो रहा है न्यूरो कैंसर का उपचार
Delhi Aiims Latest Cancer Therapy : कैंसर के उपचार में सर्जरी की बडी भूमिका होती है। कई मामलों में कैंसर प्रभावित हिस्से को ऑपरेट कर निकाल दिया जाता है, जिससे मरीज की जान बच जाती है।
मेडिकल साइंस में लगातार हो रहे विकास का ताजा नमूना दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में देखने को मिल रहा है, जहां न्यूरो कैंसर का उपचार (neuro cancer treatment) सर्जरी नहीं बल्कि एक खास किस्म की थेरेपी से की जा रही है। इस थेरेपी का नाम किसी सर्जिकल प्रक्रिया से मेल खाती है लेकिन विशेषज्ञ इसे थेरेपी बता रहे हैं।
Delhi Aiims : देश का पहला स्वास्थ्य केंद्र जहां होती है गामा नाइफ थेरेपी
दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) के आर पी सेंटर (R P Center) में प्रोफेसर डॉ भावना चावला (Dr Bhavana Chawla) के मुताबिक, यह प्रक्रिया विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में की जाती हे। जिसमें नेत्र रोग विशेषज्ञ और न्यूरोसर्जन की एक टीम शामिल होती है। नेत्र सर्जन सबसे पहले आंख में लोकल एनेस्थीसिया देते हैं फिर मांसपेशियों को जोड़कर मरीज को उपचार के लिए तैयार करते हैं।
जिससे गामा नाइफ उपचार (gamma knife treatment) के लिए खोपडी पर फ्रेम लगाया जा सके। एम्स (Delhi AIIMS) के पास गामा-नाइफ मशीन का नवीनतम मॉडल उपलब्ध है। जिसे आईसीओएन (ICON) भी कहा जाता है। इसके जरिए बेहद तेजी से उपचार की योजना तैयार करने की सुविधा मिलती है।
इस तकनीक से उपचार कराने वाले मरीज को अधिक समय तक अस्पताल में रुकने की आवश्यकता भी नहीं होती है। थेरेपी वाले दिन ही मरीज को छुट्टी मिल सकती है। अधिकांश मरीजों के लिए इस थेरेपी का केवल एक ही सत्र पर्याप्त होता है।
उपचार में नहीं होती है दृष्टि हानि

डॉ दीपक के मुताबिक, ग्लोब स्पेयरिंग उपचार (globe sparing treatment) के माध्यम से मरीज के आंखों के उसकी दृष्टि को भी सुरक्षित रखना संभव है। इसके लिए खासतौर से प्लाक ब्रैकीथेरेपी (plaque brachytherapy) और गामा नाइफ थेरेपी (Gamma Knife Therapy) शामिल है। गामा नाइफ मशीन (gamma knife machine) एमआरआई मशीन की तरह होती है।
यह एक प्रकार की गैर-आक्रामक स्टीरियोटैक्टिक रेडियो थेरेपी (Non-invasive stereotactic radio therapy) है, जो मस्तिष्क और कक्षाओं के ट्यूमर के इलाज का एक बेहद सटीक और सुरक्षित प्रक्रिया प्रदान करती है। गामा-नाइफ की सटीकता साइबरनाइफ की 1 मिमी और प्रोटॉन बीम थेरेपी की 2-3 मिमी की तुलना में 0.1 मिमी तक होती है।
खतरनाक कैंसर है कोरॉइडल मेलेनोमा
डॉ दीपक के मुताबिक, कोरॉइडल मेलेनोमा (choroidal melanoma) वयस्कों में सबसे आम प्राथमिक इंट्राओकुलर कैंसर (primary intraocular cancer) है। यह कैंसर का एक बेहद आक्रामक रूप है। जब यह फैलता है तो बेहद खतरनाक रूप ले लेता है। यह कैंसर बेहद तेजी से शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।
जिससे मरीज का जीवन संकट में पड सकता है। कई बार इस कैंसर से निबटने के लिए सर्जिकल उपचार किया जाता है लेकिन इसमें मरीज के आंखों की रोशनी जाने का जोखिम होता है। पारंपरिक सर्जिकल उपचार में ट्यूमर के साथ पूरी आंख को निकाला जाता है, जिससे आंख की अपरिवर्तनीय क्षति भी हो सकती है।