क्रोनिक बीमारियों (Chronic Disease) का बढ रहा है जोखिम
Risk of chronic disease from North Indian food : भारतीय व्यंजन (Indian food) और भोजन शैली (food style) की दुनिया दीवानी है। उत्तर-भारतीय भोजन (North Indian food) की तारीफ दुनियाभर में होती है। छोले-भटूरे, टिक्की, पारांठे हो या कबाब, हर कोई इनका स्वाद पसंद करता है।
हाल ही में एक स्टडी की गई हैं, जिसमें उत्तर भारतीय खानपान की गुणवत्ता और पोषण को लेकर चौंकाने वाले खुलासे (Shocking revelations about the quality and nutrition of North Indian food) किए गए हैं। स्टडी के नतीजों के हवाले से यह कहा गया है कि उत्तर-भारतीय भोजन से कई तरह की क्रोनिक बीमारियों का जोखिम (North-Indian food increases the risk of many chronic diseases) बढता है।
नॉर्थ इंडियन खाने की गुणवत्ता पर इसलिए उठा सवाल
स्टडी में यह पाया गया कि नॉर्थ इंडिया में खाने (North Indian Food) मेें जरूरत से अधिक नमक (Salt) और फास्फोरस (Phosphorus) की मात्रा होती है। जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। इस क्षेत्र के भोजन में प्रोटीन (protein) और पोटैशियम जैसे जरूरी पोषण तत्वों की मात्रा भी बेहद कम पाई गई है।
स्टडी में यह बताया गया है कि इस क्षेत्र के भोजन में सोडियम (Sodium) , पोटैशियम (Potassium), फास्फोरस (Phosphorus) और प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों की मात्रा या तो जरूरत से कम या बहुत अधिक होती है। जिसके कारण पोषण का संतुलन प्रभावित होता है। यही कारण है कि नॉर्थ इंडिया में खाए जाने वाले भोजन को क्रोनिक बीमारियों का जोखिम (Risk of chronic diseases from food eaten in North India) बढाने वाला बताया गया है।
पोषक तत्वों के असंतुलन से बढ सकती है बीमारियां
इस स्टडी को जर्नल ‘फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन’ में प्रकाशित किया गया है। स्टडी के हवाले से यह कहा गया है कि आहार में पोषक तत्वों का असंतुलन नॉन-कम्युनिकेबल बीमारियों का रिस्क (Risk of non-communicable diseases due to imbalance of nutrients in diet) बढाने वाला साबित हो सकता है।
ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं को लाइफस्टाइल से जुडी बीमारियां (lifestyle related diseases) भी कहते हैं। इनमें हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure), डायबिटीज (Diabetes), किडनी की बीमारियां (kidney diseases) और हार्ट से जुड़ी बीमारियां (heart related diseases) शामिल हैं। यहां बता दें कि, देश में डायबिटीज सहित इन सभी बीमारियों से प्रभावित मरीजों की संख्या तेजी से बढ रही है।