Sunday, December 22, 2024
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नए AI Software से होगा Stroke का सटीक उपचार

स्ट्रोक ( Brain Stroke) तब होता है जब मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति अवरुद्ध या कम हो जाती है, जिससे मस्तिष्क के ऊतकों (brain tissue) को ऑक्सीजन और पोषक तत्व की आपूर्ति नहीं हो पाती है।

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Stroke कब शुरू हुआ? तत्काल पता लगा लेगा AI Software 

Latest Health and Medical Research News : अब नए एआई सॉफ्टवेयर (AI Software) से Brain Stroke के मरीजों का उपचार (Treatment of Brain Stroke Patients) और आसान हो जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट सॉफ्टवेर (artificial intelligent software) तत्काल यह पता लगा लेगा कि मरीज को स्ट्रोक कब शुरू हुआ (when did the stroke start) था। स्ट्रोक से प्रभावित मरीजों (Patients affected by stroke) के ब्रेन स्कैन (Brain Scan) को पढकर यह नया एआई सॉफ्टवेयर (New AI software) स्ट्रोक के समय का स्टीक निर्धारण करने में सक्षम है। इससे चिकित्सकों को यह निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि स्ट्रोक के मरीज का प्रभावी उपचार (Effective treatment of stroke patients) किया जा सकता है या नहीं।

एआई सॉफ्टवेयर की तकनीक (AI software technology) का उद्देश्य अस्पताल के माहौल में मरीजों को अधिक तेजी और सटीकता से आपातकालीन उपचार (emergency treatment) प्रदान करना है। ब्रेन स्ट्रोक के मामले में चिकित्सकों के लिए यह जानना बेहद जरूरी होता है कि स्ट्रोक कब शुरू हुआ, क्योंकि मानक उपचार स्ट्रोक के शुरूआती चरणों में ही प्रभावी (Standard treatments are effective only in the early stages of stroke) होते हैं। इसमें किसी भी तरह की देरी से ज्यादा नुकसान होने की संभावना बनी रहती है।

ज्यादातर मामलों में डॉक्टर नहीं जान पाते कब शुरू हुआ स्ट्रोक

नए एआई सॉफ्टवेयर (New AI software) से संंबंधित अध्ययन की अगुवाई करने वाले सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पॉल बेंटले (Consultant Neurologist Dr Paul Bentley) ने रायटर्स को बताया कि “समस्या यह है कि हम अक्सर यह नहीं जान पाते कि स्ट्रोक कब शुरू हुआ।” उन्होंने कहा, “चुनौती यह पता लगाना है कि स्ट्रोक कब हुआ और समय के साथ यह कितनी तेजी से विकसित हो रहा है। इससे हमें यह जानने में मदद मिलती है कि हमें कब ऐसी दवाएं या सर्जिकल उपचार देना चाहिए, जिससे मरीजों की रिकवरी (Recovery of patients) में मदद मिले लेकिन इसके लिए उपचार सही समय पर और समय रहते देना जरूरी होता है।”

उम्मीद से बेहतर है नया AI सॉफ्टवेयर

इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर एनएचएस ट्रस्ट (Imperial College Healthcare NHS Trust) में सलाहकार न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. बेंटले (Neurologist Dr. Bentley) ने कहा कि सॉफ्टवेयर (New AI software) वर्तमान विधि से दोगुना सटीक पाया गया है। यह चिकित्सा पेशेवर द्वारा स्कैन किए गए दृश्य का मूल्यांकन कर यह तय करता है कि मस्तिष्क के सीटी स्कैन पर स्ट्रोक क्षेत्र कितना काला दिखाई देता है। बेंटले ने कहा, “हमारी गणना से पता चलता है कि आपातकालीन स्थिति में सही उपचार के साथ लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा स्ट्रोक मरीजों का उचित उपचार (Proper treatment of stroke patients) किया जाएगा। वहीं उनके नुकसान को रिवर्स (reverse the loss) करने में भी मदद मिलेगी। “

शुरूआती चरणों में ही प्रभावी होते हैं मानक उपचार

ब्रेन स्ट्रोक के मामले में मानक उपचार (Standard Treatment) केवल स्ट्रोक के शुरुआती चरणों में ही काम करते हैं। अगर उपचार में देर हो जाती है तो इसके कई तरह के नुकसान भी होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए यह जानना कि उसे स्ट्रोक कब शुरू हुआ बेहद जरूरी होता है। नए एआई सॉफ्टवेयर पर आधारित यह तकनीक (Technology based on new AI software) स्ट्रोक के सही समय का आकलन (Estimating the exact time of stroke) करने में सक्षम है। जिसकी मदद से मरीज की तेज रिकवरी और सटीक आपातकालीन उपचार की आशा बढ जाती है।

कैसे होता है ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke)

स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति अवरुद्ध या कम हो जाती है, जिससे मस्तिष्क के ऊतकों (brain tissue) को ऑक्सीजन और पोषक तत्व की आपूर्ति नहीं हो पाती है। फिर मस्तिष्क की कोशिकाएं तेज़ी से मरने लगती हैं और ये क्षेत्र CT स्कैन पर काला दिखाई देते हैं।

क्या है ब्रेन स्ट्रोक का मौजूदा उपचार (Latest treatment for brain stroke) 

वर्तमान में, संदिग्ध स्ट्रोक (suspected stroke) के साथ अस्पताल पहुँचने वाले रोगियों का तत्काल CT स्कैन किया जाता है। इसकी मदद से डॉक्टर यह आकलन करते हैं कि मस्तिष्क में प्रभावित क्षेत्र यानि जख्म कितने काले हैं। गहरे रंग के घावों का मतलब है कि स्ट्रोक एडवांस स्टेज (Stroke Advanced Stage) में है। इससे वे अनुमान लगाते हैं कि स्ट्रोक कब हुआ और क्या यह रिवर्स हो सकता है। इस जानकारी का उपयोग फिर उपचार से संबंधित  निर्णय लेने के लिए किया जाता है।
ब्रेन स्ट्रोक के मामले में, समय बीतने के साथ, कुछ उपचार अप्रभावी हो जाते हैं या और भी अधिक जटिल हो सकते हैं। हालांकि, कुछ स्ट्रोक तब शुरू होते हैं जब रोगी सो रहा होता है और कुछ रोगियों को स्ट्रोक के लक्षणों (Symptoms of a stroke) के कारण संवाद करने में कठिनाई हो सकती है, जिससे यह अनुमान लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है कि स्ट्रोक कब शुरू हुआ।
मस्तिष्क की कार्यप्रणाली (brain function) बेहद अद्भुत और जटिल है। जिसके कारण स्ट्रोक शुरू होने का सटीक अनुमान (Accurate prediction of stroke onset) लगाना कठिन हो जाता है। भले ही डॉक्टरों को अनुमानित कालानुक्रमिक प्रारंभ समय (Approximate chronological start time) पता हो, किसी व्यक्ति के रक्त प्रवाह या रक्त वाहिका संरचना (blood vessel structure) का मतलब हो सकता है कि स्ट्रोक औसत से अधिक तेज़ी से या धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है।

छह धंटे होते हैं महत्वपूर्ण

इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London) के मस्तिष्क विज्ञान विभाग (Department of Neuroscience) का हिस्सा और इस शोध अध्ययन का नेतृत्व करने वाले डॉ पॉल बेंटले (Dr. Paul Bentley) कहते हैं कि, “स्ट्रोक के छह घंटे तक, मरीज़ को सर्जिकल उपचार दिया जा सकता है लेकिन इस समय सीमा के बाद, यह तय करना मुश्किल हो जाता है कि उपचार से फायदा होगा भी या नहीं।”
“ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी स्थिति में ज़्यादातर मामले रिवर्स नहीं किए जा सकते। इसलिए डॉक्टरों के लिए यह जानना ज़रूरी है कि स्ट्रोक की शुरुआत का समय क्या है, साथ ही यह भी कि क्या स्ट्रोक से हुए नुकसान को रिवर्स किया जा सकता है ।”

लंदन में किया गया एआई सॉफ्टवेयर (AI Software) का परीक्षण

नए AI Software से होगा Stroke का सटीक उपचार
नए AI Software से होगा Stroke का सटीक उपचार
AI सॉफ्टवेयर (New AI software), एल्गोरिदम के प्रोफेसर डैनियल रूएकर्ट (इंपीरियल कॉलेज लंदन और म्यूनिख की तकनीकी यूनिवर्सिटी) और एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी  (Edinburgh University) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया था। इस मॉडल को 800 ब्रेन स्कैन के डेटासेट पर प्रशिक्षित किया गया था, जहाँ स्ट्रोक का समय ज्ञात था। ब्रेन स्कैन से संबंधित क्षेत्र को स्वचालित रूप से पता करने के साथ एल्गोरिदम पहचाने गए घावों का विश्लेषण भी करता है।
जिससे स्ट्रोक के शुरूआती समय का अनुमान (Estimation of the onset time of stroke) लगाना आसान हो जाता है। इसका परीक्षण लगभग 2000 अलग-अलग मरीजों पर किया गया, जिसमें इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर NHS ट्रस्ट के रोगी भी शामिल थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि AI सॉफ़्टवेयर (New AI software) एक मानक दृश्य विधि (Standard visualization method) का उपयोग करने की तुलना में दोगुना सटीक था। यह लंदन में आठ हाइपर एक्यूट स्ट्रोक इकाइयों (Hyper Acute Stroke Units) में से एक की मेजबानी करता है।

 नए एआई सॉफ्टवेयर (AI Software) की विशेषता 

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस एआई सॉफ्टवेयर में स्कैन से अतिरिक्त सुविधाएं शामिल हैं। जैसे बनावट, और घावों और पृष्ठभूमि के भीतर भिन्नताओं को समझने की क्षमता। यह न केवल स्ट्रोक के कालानुक्रमिक समय का अनुमान (Estimation of the chronological time of stroke) लगाने में बेहतर साबित हुआ बल्कि घावों की जैविक आयु (Biological age of lesions) का भी अनुमान लगाने में भी बेहतर पाया गया। यह डॉक्टरों को इस बारे में जानकारी प्रदान करता है कि क्या स्ट्रोक रिवर्स हो सकता है या नहीं (Whether the stroke can be reversed or not)।
डॉ. बेंटले के मुताबिक, “यह जानकारी उनकी उंगलियों पर होने से डॉक्टरों को स्ट्रोक के रोगियों में क्या उपचार किया जाना चाहिए, इस बारे में आपातकालीन निर्णय लेने में काफी मदद मिलेगी। सॉफ़्टवेयर (New AI software) वर्तमान सर्वोत्तम अभ्यास (current best practice) के मुकाबले समय-पढ़ने में दोगुना सटीक है। स्कैन पर स्ट्रोक दिखाई देने पर इसे पूरी तरह से स्वचालित किया जा सकता है।”
प्रमुख लेखक डॉ. एडम मार्कस (Dr. Adam Marcus) के मुताबिक, “हमारा अनुमान है कि हमारी पद्धति के कारण 50 प्रतिशत तक स्ट्रोक रोगियों का उचित उपचार किया जा सकता है। हमारा लक्ष्य NHS में अपने सॉफ़्टवेयर (New AI software) को संभवतः मौजूदा AI-विश्लेषणात्मक सॉफ़्टवेयर (AI-analytical software) के साथ एकीकृत (Integrated) करके तैनात करना है, जो पहले से ही अस्पताल ट्रस्टों में उपयोग किए जा रहे हैं।”
इस शोध अध्ययन को NHS लाभ के उद्देश्य से NIHR द्वारा वित्त पोषित किया गया था। साथ ही इंपीरियल के सेंटर फॉर डॉक्टरल ट्रेनिंग फॉर AI (Center for Doctoral Training for AI) इन हेल्थकेयर और ग्राहम-डिक्सन चैरिटेबल ट्रस्ट (Graham-Dixon Charitable Trust) ने भी इसमें सहयोग किया है।
शोधकर्ताओं को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च (NIHR) इंपीरियल बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर (BRC) द्वारा समर्थन दिया गया था, जो इंपीरियल कॉलेज हेल्थकेयर NHS ट्रस्ट और इंपीरियल कॉलेज लंदन के बीच एक अनुवादात्मक अनुसंधान साझेदारी (translational research partnership) है, जिसे रोगियों के लिए नए प्रयोगात्मक उपचार और निदान विकसित करने के लिए 2022 में £ 95 मिलियन (£95 million) से सम्मानित किया गया था।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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