Wednesday, February 5, 2025
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“Why pain feels worse in cold weather” : ठंड में चोट लगने पर अधिक दर्द क्यों होता है?

इस लेख में हम आपको ठंड में चोट लगने पर ज्यादा दर्द होने या दर्द बढने के कारणों (Why pain feels worse in cold weather and its reason ) , इसके शरीर पर प्रभाव (Effects on the body) और इससे बचाव के उपायों (Preventive measures) के बारे में विस्तार से बताएंगे। 

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Why pain feels worse in cold weather? जानिए क्या है इसके पीछे का विज्ञान (The science behind)

Amazing Facts in Hindi, Interesting Unknown Facts :   ठंड के मौसम में चोट लगने पर दर्द सामान्य से अधिक (Why pain feels worse in cold weather) तीव्र और असहनीय महसूस हो सकता है।

इसके पीछे प्रमुख कारण शरीर की संरचना (Body structure), तापमान का प्रभाव (Effect of Temperature) और तंत्रिका तंत्र की संवेदनशीलता (sensitivity of the nervous system) है। इस लेख में हम आपको ठंड में चोट लगने पर ज्यादा दर्द होने या दर्द बढने के कारणों (Why pain feels worse in cold weather and its reason ) , इसके शरीर पर प्रभाव (Effects on the body) और इससे बचाव के उपायों (Preventive measures) के बारे में विस्तार से बताएंगे।

ठंड में दर्द बढने के कारण (Why Pain Feels Worse in Cold Weather)

(Causes of Increased Pain in Cold)

1. तापमान में गिरावट और रक्त प्रवाह की कमी (A Drop in Temperature and Lack of Blood Flow) 

  • ठंड में शरीर का तापमान गिरने से रक्त प्रभाव धीमा हो जाता है।
  • जब चोट लगती है, तो उस स्थान पर रक्त प्रवाह की कमी से उत्तक (Tissue) में ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं, जिससे सूजन और दर्द बढ जाता है।
  • ठंड के कारण मांसपेशियां और जोडों की गति भी सीमित हो जाती है, जो चोट के दर्द को और बढा देती है।
"Why pain feels worse in cold weather" : ठंड में चोट लगने पर अधिक दर्द क्यों होता है?
” Why pain feels worse in cold weather ” : ठंड में चोट लगने पर अधिक दर्द क्यों होता है?

2. तंत्रिका तंत्र की संवेदनशीलता (Sensitivity of The Nervous System)

  • ठंड के मौसम में तंत्रिका तंत्र (Nervous System) की अधिक संवेदनशील हो जाता है।
  • तंत्रिकाएं ठंड के प्रति तीव्र प्रतिक्रिया देती है, जिससे चोट के स्थान पर दर्द की तीव्रता (Why pain feels worse in cold weather) बढ जाती है।
  • तंत्रिकाओं के जरिए मस्तिष्क तक भेजे जाने वाले दर्द संकेत ठंड में अधिक प्रभावी हो जाते हैं।

3. मांसपेशियों और जोडों का कठोर होना (Stiffness of Muscles and Joints)

  • ठंड के मौसम में मांसपेशियां कठोर हो जाती है, जिससे चोट लगने पर वे अधिक तनाव में आ जाती है।
  • जोडों में साइनोवियल द्रव (Synovial Fluid) गाढा हो जाता है, जिससे जौडों का लचीलापन (Flexibility of Joints) कम हो जाता है।
  • यह कठोरता चोट के दर्द को और बढा सकता है, खासकर उन लोगों में जो गठिया (Arthritis) या पुराने जोडों के दर्द (Chronic Joint Pain) से पीडित हैं।

4. शरीर का प्राकृतिक रक्षात्मक तंत्र (Body’s Natural Defensive Mechanism) 

  • ठंड में शरीर खुद को गर्म रखने के लिए रक्त को त्वचा और बाहरी अंगों से हटाकर मुख्य अंगों, जैसे- हृदय और मस्तिष्क में केंद्रित करता है।
  • चोट के स्थान पर उचित रक्त संचार न होने से सूजन और दर्द अधिक समय तक बना रहता है।

5. ठंड और दर्द की मानसिक धारणा (Mental Perception of Cold and Pain) 

ठंड के मौसम में मानसिक रूप से दर्द को अधिक तीव्रता से महसूस किया जाता है।
शरीर में तापमान के साथ मनोवैज्ञानिक कारक (Psychological Factors) भी चोट के दर्द को बढा सकते हैं।

ठंड में चोट के दर्द का शरीर पर प्रभाव (Effect of Cold Injury Pain on The Body) 

1. स्नायु तंत्र पर प्रभाव (Effects On the Nervous System) 

  • ठंड में तंत्रिकाएं अधिक संवेदनशील हो जाती हैं, जिससे वे मस्तिष्क को दर्द के अधिक संकेत भेजती है।
  • यह प्रक्रिया दर्द को न केवल लंबे समय तक बनाए रखती है बल्कि इसे अधिक तीव्र महसूस कराती है।

2. जोडों और हड्डियों पर प्रभाव (Effects On Joints and Bones)

  • ठंड में जोडों और हड्डियों के आसपास की मांसपेशियां और लिगामेंट्स (Ligaments) कठोर हो जाते हैं।
  • यह न केवल चोट के दर्द को बढाता है बल्कि उसके ठीक होने में भी देरी कर सकता है।

3. सर्कुलेटरी सिस्टम पर प्रभाव (Effects On The Circulatory System) 

  • रक्त प्रभाव धीमा होने से उत्तक (Tissue) और कोशिकाएं (Cells) जल्दी ठीक नहीं हो पाती।
  • चोट के स्थान पर लालिमा, सूजन और जलन अधिक समय तक बनी रहती है।

4. मन:स्थिति पर प्रभाव (Effect On State of Mind) 

  • ठंड में दर्द के कारण (Why pain feels worse in cold weather) व्यक्ति चिडचिडा (Irritable) महसूस कर सकता है।
  • लंबे समय तक दर्द मानसिक तनाव (Mental Stress) और अवसाद (Depression) का भी कारण बन सकता है।

ठंड में चोट और दर्द से बचाव के उपाए  (Tips to Prevent Injury and Pain in Winter)

1. शरीर को गर्म रखें (Keep the Body Warm)

  • ठंड में चोट से बचने के लिए शरीर को उचित रूप से ढकें।
  • गर्म कपडे और थर्मल इनर वियर का उपयोग करें ताकि मांसपेशियां और जोडों को ठंड से बचाया जा सके।

2. स्ट्रेचिंग और एक्सरवाइज (Stretching and Exercises)

  • नियमित रूप से स्ट्रेचिंग (Stretching) और एक्सरसाइज (Exercise) करने से मांसपेशियों और जोडों में लचीलापन (Flexibility in Joints) बना रहता है।
  • एक्सरसाइज से रक्त प्रभाव बढता है, जिससे चोट लगने की संभावना कम होती है।

3. गर्म सेक का उपयोग (Use of Hot Compress)

  • चोट लगने के बाद तुरंत गर्म सेक करने से मांसपेशियों और जोडों का दर्द (Why pain feels worse in cold weather) कम हो सकता है।
  • यह रक्त प्रवाह को भी बढावा देता है और मांसपेशियों की कठोरता को कम करता है।

4. फिजिेकल थेरेपी (Physical Therapy)

  • फिजिकल थेरेपी के जरिए मांसपेशियों और जोडों की गति (Speed of Joints) को बेहतर बनाया जा सकता है।
  • ठंड में चोट के दर्द के लिए यह एक प्रभावी (Effective) उपाए है।

5. डाइट और पोषण (Diet and Nutrition)

  • ठंड में चोट से बचने और शरीर को जल्दी ठीक करने के लिए विटामिन डी (Vitamin D), कैल्शियम (Calcium) और मैग्नीशियम से भरपूर डाइट (Magnesium-Rich Diet) लेें
  • ग्रीन टी (Green tea), अदरक और हल्दी का सेवन (Consumption of Ginger and Turmeric) करें, जो प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट (Natural Anti-Inflammatory Agent) है।

6. मेडिकल सपोर्ट (Medical Support) 

  • ठंड में चोट लगने पर असहनीय दर्द (Why pain feels worse in cold weather) हो जाए तो इसे कम करने के लिए दर्द निवारक दवाएं (Pain-Relieving Medicines) डॉक्टर की सलाह ली जा सकती है।
  • गंभीर मामलों को अनदेखा न करें और विशेषज्ञ से परामर्श लें।

ठंड में चोट के दर्द को कम करने के घरेलू उपाए (Why Pain Feels Worse in Cold Weather)

(Home Remedies to Reduce Pain from Cold Injury)

1. गर्म पानी से स्नान (Hot Water Bath)

  • मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द में राहत मिलती है।

2. तेल मालिस (Oil Massage)

  • सरसों या नारियल के तेल से मालिश करने से रक्त प्रवाह बढता है।

3. हल्दी का सेवन (Turmeric Intake) 

  • हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) सूजन और दर्द (Inflammation and Pain) को कम करने में मदद करता है।

4. हर्बल टी (Herbal Tea)

  • अदरक और तुलसी से बनी चाय दर्द और सूजन को कम करती है।

5. योग और प्रणायाम (Yoga and Pranayama)

  • योगासन (Yoga) और गहरी सांस लेने की तकनीक (Breathing Exercise) से दर्द का प्रभाव (Why pain feels worse in cold weather) कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष  (Conclusion)

ठंड में चोट लगने पर दर्द अधिक महससू होना (Why pain feels worse in cold weather) शरीर के कई तंत्रों के साथ मानसिक और पर्यावरणीय कारकों का परिणाम है। शरीर को गर्म रखना, उचित पोषण लेना और मामला अधिक गंभीर होने पर समय रहते उपचार करवाने से ठंड के मौसम में लगने वाले चोट (Cold Weather Injuries) से पैदा होने वाली असहनीय दर्द (Why pain feels worse in cold weather) को कम किया जा सकता है। इस लेख में दिए गए उपायों और सुझावों (Tips and Remedies) को अपनाकर ठंड के मौसम में चोट के दर्द से निपटना (Dealing with Injury Pain in Cold Weather) आसान हो सकता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम और फिजिकल थेरेपी से शरीर को ठंड के प्रतिकूल प्रभावों से बचाया (Protection Against the Adverse Effects of Cold) जा सकता है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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