अभी तक उपलब्ध दवाओं को असर दिखाने में लगता है समय
New Migraine Treatment 2024, Migraine Drug Breakthrough, New Migraine Pill 2024 : माइग्रेन की नई दवा (New Migraine Treatment 2024) से शीघ्र राहत मिलेगी। माइग्रेन के लिए एक नई दवा (New Migraine Pill 2024) तैयार की गई है। अभी तक माइग्रेन के लिए जो दवाइयां (Migraine’s Medicine) उपलब्ध हैं, उसे असर दिखाने में थोडा समय लगता है।
तंत्रिका-विज्ञान, अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी का मेडिकल जर्नल (Medical Journal ) के 23 दिसंबर, 2024 के ऑनलाइन अंक में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, माइग्रेन को रोकने के लिए हाल ही में स्वीकृत एक दवा (New Migraine Treatment 2024) तुरंत असर करने में सक्षम हो सकती है। अध्ययन में दवा एटोगेपेंट (New Drug ‘Etogant’) पर ध्यान दिया गया, जो मुंह से ली जाने वाली कैल्सीटोनिन जीन-संबंधित पेप्टाइड (CGRP) रिसेप्टर विरोधी है।
Migraine Treatment Challenge : माइग्रेन के उपचार में सही खुराक तय करना चुनौती
अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज (Albert Einstein College) के एमडी और इस अध्ययन के लेखक रिचर्ड बी लिप्टन (Richard B. Lipton) के मुताबिक, “माइग्रेन को रोकने के लिए कई उपलब्ध दवाओं को तय करते हुए, मरीज के लिए सही खुराक तय करने में समय लगता है और दवा प्रभावी होने में सप्ताह या महीने भी लग सकते हैं।”
न्यूयॉर्क में मेडिसिन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी (Medicine and American Academy of Neurology, New York) के फेलो ब्रोंक्स (Fellow Bronx) के मुताबिक, “कुछ लोग दवा के असर करने से पहले ही इसे लेना छोड देते हैं। वहीं, कई लोग वर्तमान में मौजूद दवाओं (Migraine drugs currently present) का दुष्प्रभाव भी महसूस करते हैं। ऐसे में कोई प्रभावी और तत्काल असरदार दवा विकसित करना महत्वपूर्ण है।”
New Migraine Treatment 2024 : माइग्रेन मरीजों पर किया गया परीक्षण
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 12 सप्ताह में एटोगेपेंट (New Migraine Pill 2024) की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर तीन परीक्षणों के डेटा का विश्लेषण किया, ताकि इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जा सके कि मरीजों में कितनी तेजी से सुधार दिखाई दिए।
एडवांस परीक्षण (Advance Test) में 222 लोगों ने दवा (New Migraine Treatment 2024) ली और 214 ने प्लेसबो लिया। जिसमें एपिसोडिक माइग्रेन (Episodic Migraine) से पीड़ित लोगों को नामांकित किया गया था। ELEVATE परीक्षण, जिसमें एपिसोडिक माइग्रेन वाले लोगों को नामांकित किया गया था, जिन्होंने पहले अन्य मौखिक निवारक उपचारों (Oral preventive remedies) पर अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दी थी। इमनें 151 को दवा दी गई और 154 को प्लेसबो दिया गया। प्रगति परीक्षण (Progress Test) में क्रोनिक माइग्रेन (Chronic Migraine) से पीड़ित लोगों को नामांकित किया गया था इनमें से 256 को दवा दी गई और प्लेसबो पर 246 थे।
क्या है एपिसोडिक माइग्रेन? (What is Episodic Migraine?)
एपिसोडिक माइग्रेन से पीड़ित लोग प्रति माह 14 दिनों तक माइग्रेन का अनुभव कर सकते हैं। क्रोनिक माइग्रेन से पीड़ित लोगों को प्रति माह कम से कम 15 दिन सिरदर्द का अनुभव होता है, जिसमें कम से कम आठ दिन माइग्रेन के सक्रिय लक्षण हो सकते हैं।
माइग्रेन की नई दवा का परीक्षण परीणाम (Testing New Drug of Migraine)
अध्ययन के पहले दिन, पहले परीक्षण में दवा (New Migraine Treatment 2024) लेने वालों में से 12 प्रतिशत को माइग्रेन था। जबकि प्लेसबो लेने वालों में से 25 प्रतिशत को माइग्रेन था। दूसरे परीक्षण यानि, एलिवेट परीक्षण में, संख्याएँ 15 प्रतिशत और 26 प्रतिशत थीं।
वहीं, तीसरे परीक्षण, प्रगति परीक्षण के लिए, संख्याएँ 51 प्रतिशत और 61 प्रतिशत थीं। जब शोधकर्ताओं ने माइग्रेन की दर को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों को समायोजित किया, तो उन्होंने पाया कि दवा (New Migraine Treatment 2024) लेने वाले लोगों को पहले परीक्षण में माइग्रेन होने की संभावना 61 प्रतिशत कम थी। दूसरे परीक्षण में 47 प्रतिशत कम संभावना पाई गई। वहीं, तीसरे परीक्षण में 37 प्रतिशत कम संभावना होने का पता चला।
माइग्रेन की नई दवा का दिखा असर (Impact of New Migraine Drug)
पहले दो परीक्षणों के लिए, एटोगेपेंट (Atogent) लेने वाले लोगों में प्रति सप्ताह औसतन एक दिन माइग्रेन से कम था। जबकि प्लेसबो लेने वाले लोगों के लिए प्रति सप्ताह औसतन आधे दिन से भी कम था। तीसरे परीक्षण के लिए, दवा (New Migraine Treatment 2024) लेने वालों के लिए प्रति सप्ताह औसत माइग्रेन के दिनों में लगभग 1.5 दिनों की गिरावट आई। वहीं, प्लेसबो लेने वालों के लिए यह लगभग एक दिन था। एटोजिपेंट लेने वाले लोगों ने इस आकलन में भी सुधार दिखाया कि प्लेसबो लेने वाले लोगों की तुलना में माइग्रेन ने उनकी गतिविधियों और उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता को कितना प्रभावित किया है।
जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है माइग्रेन (Migraine Affects Quality of Life)
लिप्टन के मुताबिक, “माइग्रेन (Migraine) समग्र आबादी (Overall Population) में विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण (Second Major Cause of Disability) है। यह बीमारी युवा महिलाओं में विकलांगता का प्रमुख कारण (Major Cause of Disability in Young Women) है।
यह जीवन की गुणवत्ता को इस कदर प्रभावित करता है कि लोग अपने रिश्तों, पालन-पोषण, करियर और आर्थिक स्थिति को लेकर नकारात्मक प्रभाव की रिपोर्ट करते हैं।” “ऐसा उपचार (New Migraine Treatment 2024) करना जो शीघ्रता से और प्रभावी ढंग से कार्य कर सके, एक प्रमुख आवश्यकता को पूरा करता है।” अध्ययन की एक सीमा यह है कि इसमें ज्यादातर महिला और श्वेत प्रतिभागी शामिल थे। इसलिए इसके परिणाम समग्र आबादी पर लागू नहीं हो सकते हैं।