Wednesday, February 5, 2025
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Nut Allergies : क्यों होती है नट्स एलर्जी, क्या है इसका उपचार 

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सेहत के लिए कई बार गंभीर बन सकती है Nut Allergies

Nut Allergies in Hindi, Nut allergies in children, Cause of Nut Allergies, DCPS : अक्सर ऐसा पाया गया है कि कम उम्र से ही कुछ लोगों को नट से एलर्जी होती है। नट्स से होने वाली एलर्जी (Nut allergies) को बेहद गंभीर माना गया है। समय पर इसका उपचार नहीं किया जाए या इसके अनदेखा किया जाए तो इसके परिणाम बेहद गंभीर भी हो सकते हैं। बेहद गंभीर स्थिति में इस तरह की एलर्जी से मरीज की मौत भी हो सकती है।

खासकर, पेरेंट्स के लिए नट्स एलर्जी (Nut Allergies) के बारे में जानना बेहद जरूरी हो जाता है क्योंकि ज्यादातर इसके लक्षण कम उम्र से ही प्रकट होने शुरू हो जाते हैं और बच्चों की सुरक्षा का सवाल पैदा हो सकता है। पेरेंट्स अगर इस तरह की एलर्जी के प्रति जागरुक हों, तो बेहद आसानी से नट्स एलर्जी के लक्षण को समझ सकते हैं। हम यहां आपको नट्स एलर्जी के संबंध में विस्तार से बता रहे हैं।

Nut Allergies इसके कारण (Cause)

यह जानकर आपको हैरानी होगी कि जिन बच्चों को नट्स से एलर्जी होता है, उनके नट्स खाने या उसकी खुशबू से ही शरीर में गंभीर लक्षण प्रकट हो जाते हैं। बच्चों को किसी एक नट से भी एलर्जी हो सकती है या कई तरह के नट्स के खाने से भी उनमें एलर्जी के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। अगर बच्चों को इससे एलर्जी होने का पता चल जाए, तो उन्हें नट्स नहीं खिलाना चाहिए।

नट्स (Nuts) के संपर्क में आते ही दिख सकते हैं लक्षण 

बादाम, अखरोट, पीकेन नट्स,पिस्ते, मैकाडामिया नट्स (macadamia nuts), काजू, मूंगफली, हेजलनट्स (Hazelnuts), ब्राजील नट्स (Brazil nuts) और पाइन नट्स (Pine nuts), जिन्हें इससे एलर्जी होगी, उन्हें इसके खाने या संपर्क भर में आने से ही एलर्जी हो सकती है। यह भी संभव है कि प्रत्येक बच्चे में अलग-अलग लक्षण प्रकट हो। इनमें नाक बहने जैसे हल्के लक्षण से लेकर गले में सूजन, शॉक (Shock) और सांस लेने में तकलीफ जैसे गंभीर लक्षण भी शामिल हो सकते हैं।
Nut Allergies : क्यों होती है नट्स एलर्जी, क्या है इसका उपचार 
Nut Allergies : क्यों होती है नट्स एलर्जी, क्या है इसका उपचार

नट्स एलर्जी के लक्षण (Symptoms of Nut Allergies)

  • बेहोश होना
  • उल्टी
  • मतली
  • पेट दर्द
  • लगातार छींक
  • होंठों पर सूजन
  • मुँह के आस पास और चेहरे पर खुजली
  • साँस लेने में तकलीफ़
  • खाना निगलने में तकलीफ़

क्यों होती है नट्स एलर्जी ? (Why does nut allergies occur?)

नट्स से ऐसी एलर्जी का रहस्य शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम (Immunity System) से संबंधित होता है। शरीर का इम्युनिटी सिस्टम नट्स में पाए जाने वाले प्रोटीन (Proteins found in nuts) को बर्दाश्त नहीं कर पाता है। नट्स से एलर्जी (Allergy to nuts) के लिए इम्यूनिटी सिस्टम के कई तत्व जिम्मेदार होते हैं।
जब किसी तरह की नट्स में मौजूद प्रोटीन की वजह से इन्टॉलरेंस की स्थिति (state of intolerance) पैदा होती है, इसे हम मेडिकल भाषा में एलर्जी कहते हैं। नट्स में मौजूद प्रोटीन के प्रभाव को कम करने के लिए शरीर में हिस्टामाइन (Histamine) का स्राव होता है। वैसे हिस्टामाइन शरीर के लिए हानिकारक नहीं माना जाता है लेकिन नट्स एलर्जी के मामले में शरीर के लिए हिस्टामाइन हानिकारक प्रभाव पैदा करता है।

किस तरह की हो सकती है समस्या

नट एलर्जी से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट (Respiratory Tract), जीआई सिस्टम (GI System), कार्डियोवस्कुलर सिस्टम (Cardiovascular System) और त्वचा से संबंधित समस्या (Skin related problems) हो सकती है। गंभीर मामलों में इस एलर्जी से एनाफाइलेक्सिस (anaphylaxis) भी हो सकता है।
यह ऐसी ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें सांस की नली में सूजन (Inflammation of the respiratory tract) हो जाता है। साथ ही मरीज का ब्लड प्रेशर भी गिर जाता है। नट एलर्जी से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो सकती है। सही समय पर इलाज न मिले तो यह स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है।

बच्चों में आम है पीनट एलर्जी (Peanut allergy)

बच्चों में पीनट की वजह से होने वाली एलर्जी आम होती है। पीनट नट नहीं बल्कि फलियों में गिना जाता है लेकिन मूंगफली में मौजूद प्रोटीन (Protein in Peanuts) पेड पर उगने वाले नट्स के ही समान होता है। यही वजह है कि अगर बच्चे को पीनट की वजह से एलर्जी (Allergy due to peanuts) है तो उसे बादाम, पीकेन नट्स, हेज़लनट्स, और काजू से भी एलर्जी होगी। यहां यह जानना बेहद रोचक है कि दूध, सोया और अंडे से होने वाली एनर्जी वक्त के साथ ठीक हो सकते हैं लेकिन नट्स से होने वाली एलर्जी जिंदगी भर बनी रहती है।

नट एलर्जी का निदान और उपचार (Diagnosis and treatment of nut allergies)

 खून की जांच

नट्स एलर्जी का पता खून की जांच के जरिए लगाया जा सकता है। खून की जांच करके उसमें मौजूद एंटीबॉडी के बारे में पता लगाया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि व्यक्ति के इम्यूनिटी सिस्टम से किस खाद्य पदार्थ के लिए प्रतिक्रिया होती है।

त्वचा की जांच

त्वचा की जांच कराने से एलर्जी का पता चलता है। इसकी विधि बेहद आसान है। त्वचा पर नट का तरल पदार्थ रखा जाता है, अगर वहां खुजली या लाल चकते उभरते हैं तो यह स्पष्ट हो जाता है कि नट्स एलर्जी है।

सावधानियां 

बच्चे के आहार की डायरी बनाएं

अपने बच्चे की फूड डायरी बनाएं। उसमें उसके खाने की आदतें, किसी खाने से होने वाले एलर्जी के लक्षण, बच्चों को दी जाने वाली दवाइंयों को लिखें। अगर बच्चें को किसी खास खाद्य पदार्थ से एलर्जी होती है, तो इसे उस डायरी में लिखें।

डाइट

अगर बच्चे में नट्स या पीनट से एलर्जी की समस्या हो तो उसकी डाइट से इन सभी खाद्य पदार्थों को तत्काल बाहर करें। पीनट या संभावित एलर्जी वाले खाद्य पदार्थों को बच्चे के आहार से 1-2 हफ़्तों के लिए बाहर कर दिया जाना चाहिए। फिर कुछ समय बाद इन्हें बच्चों के आहार में धीरे-धीरे शामिल करें। इससे खाद्य पदार्थ और उससे होने वाली एलर्जी के बारे में जानकारी मिल जाएगी। अगर बच्चे में एलर्जी गंभीर लक्षण प्रकट करता है तो इस तरीके का इस्तेमाल न करें।

उपचार (Treatment of nut allergies)

नट्स या पीनट एलर्जी के लिए कोई तय उपचार उपलब्ध नहीं है। प्रभावी उपचार के लिए शोध किए जा रहे हैं। इसका सबसे बेहतर उपचार है कि प्रभावित बच्चे या व्यक्ति के आहार से वह सभी नट्स हटा दिए जाएं, जिससे उसे एलर्जी होती है। अगर आपातकालीन स्थिति में नट्स या पीनट्स वाले खाद्य पदार्थ खाने की नौबत आए तो इससे निपटने के लिए विशेषज्ञ अपने साथ एपीनेफ्राइन के इंजेक्शन (epinephrine injection) को रखने की सलाह देते हैं। इस इंजेक्शन के इस्तेमाल करने की विधि को कुशलता से पहले सीखना जरूरी होता है।

अगर नट्स या पीनट से एलर्जी हो तो इन्हें न खाएं 

  • बेक किये गए पदार्थ
  • फ्रोज़न डेजर्ट और आइसक्रीम
  • एनर्जी बार
  • विभिन्न प्रकार के अनाज
  • अनाज वाले ब्रेड
  • कैंडी
अगर शरीर में इस तरह की एलर्जी के लक्षण प्रकट हों तो इंतजार किए बिना तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर की निगरानी में जाना बेहद कदम साबित होगा। त्वचा पर प्रकट होने वाले चकते खुद ठीक हो जाएंगे ऐसा मानकर देर न करें। ऐसी स्थिति में खुद से मरीज को एंटीएलर्जिक दवाएं  (Antiallergic drugs) न दें। सेल्फ मेडिकेशन (Self Medication) घातक हो सकता है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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