Cancer के बाद सबसे अधिक Insurance Claim, Heart Disease के उपचार के लिए
Insurance Claim, Medi claim, Health Insurance, cancer Treatment, Heart Disease : वर्ष 2024 में सबसे अधिक हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम (Health Insurance Claim कैंसर के उपचार के लिए किया गया। वहीं दूसरा सबसे अधिक इंश्योरेंस क्लेम हार्ट (heart) से जुडी बीमारियों के लिए किया गया। कैंसर मरीजों के अस्पताल में भर्ती होकर इंश्योरेंस क्लेम करने के आंकडों में 12% तक की बढ़ोतरी रिकॉर्ड की गई है।
कैंसर और हार्ट मरीजों के उपचार का खर्च में भी बढोत्तरी पाई गई है। बीमा कंपनियों ने पांच अलग-अलग बीमारियों में क्लेम (Insurance Claim) करने से संबंधित आंकडों को जारी किया है। जिसमें सबसे अधिक तेजी रेस्पिरेटरी डिजीज (Respiratory Diseases) से जुडे बीमा क्लेम में पाई गई है।
सबसे अधिक इंश्योरेंस क्लेम (Insurance Claim) कैंसर के उपचार के लिए
मेडीअसिस्ट हेल्थकेयर सर्विसेज ने यह जानकारियां जुटाई है। यह कंपनी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए थर्ड पार्टी के तौर पर कार्य करती है। वहीं, देश के अधिकतर अस्पतालों में भर्ती होने वाले मामलों को यह कंपनी प्रोसेस भी करती है।
कंपनी के विश्लेषण से पता चला है कि कैंसर के मामले (Cancer cases) में इंश्योर्ड लोगों की तादाद क्लेम रेट (Claim Rate) कंपनी की एनालिसिस से पता चलता है कि कैंसर के मामले में 40 वर्ष से अधिक उम्र के इंश्योर्ड मरीजों की क्लेम रेट (Claim rate of insured patients) संख्या में बढोत्तरी हुई है। इससे यह भी पता चलता है कि लोगों में कैंसर के उपचार (Cancer Treatment) को लेकर जहां जागरूकता बढ रही है, वहीं, कैंसर के मामले भी तेजी से बढते जा रहे हैं।
महिलाओं में कैंसर की दर अधिक
मेडीअसिस्ट (MediAssist Healthcare Services) के डेटा साइंस हेड ध्रुव रस्तोगी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर होने की दर (Cancer rates in women) 1.2 से 1.5 गुना अधिक पाई गई है। वहीं, पुरुषों में कार्डियक (cardiac) के मामले महिलाओं की तुलना में 1.3 से 1.5 गुना तक अधिक रिकॉर्ड किए गए हैं।
इस आंकडों के आधार पर विशेषज्ञों ने लोगों को जीवनशैली और खानपान में गंभीरता से बदलाव करने और इसके स्तर को बेहतर बनाने की सलाह दी है।
बुजुर्गों ने सबसे अधिक मोतियाबिंद का उपचार कराया
कंपनी की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों ने सबसे अधिक मोतियाबिंद का उपचार कराया है। जबकि, सांस की बीमारियों (respiratory disease) के उपचार में भी हाई इंफ्लेशन पाया गया है। इसकी वजह बढते प्रदूषण और कोरोना के लॉन्ग टर्म इफेक्ट्स को बताया जा रहा है।
इस रिपोर्ट पर विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड (Covid 19) के बाद लोगों में हेल्थ को लेकर जागरूकता तो बढी है लेकिन सेहत को लेकर लापरवाही भी बरती जा रही है। नतीजतन, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रेस और हार्ट डिजीज के मामले भी बढ रहे हैं।