Bird Flu Vaccine को कर्नाटक की उच्च क्षमता वाली प्रयोगशाला में बनाई
Bird Flu Vaccine (H5N1) Indian scientists got big success : बर्ड फ्लू वायरस का टीका (Bird Flu Vaccine) ढूंढने में भारतीय वैज्ञानिकों (Indian Scientists) को बडी कामयाबी मिली है। लंबे प्रयास के बाद भारतीय वैज्ञानिकों ने एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का टीका (Avian influenza virus vaccine) खोज निकाला है।
केरल में वायरस (Bird Flu Virus) को दस दिन पुराने भूणयुक्त मुर्गी के अंडे (embryonated hen eggs) से जीवित पाया गया। इसके बाद इसे महाराष्ट्र की प्रयोगशाला में ले जाकर निष्क्रीय कर दिया गया। बाद में कर्नाटक की उच्च क्षमता वाली प्रयोशाला में इसपर परीक्षण किया गया और इस तरह बर्ड फ्लू वायरस के टीके (Bird Flu Vaccines) की खोज पूरी हुई।
कैलिफोर्निया में फैला है बर्ड फ्लू
Bird flu spreads in California
बर्ड फ्लू वायरस (Bird Flu Virus) इस समय अमेरिका के कैलिफोर्निया (California US) में सक्रिय है और इसने खुद को बदलकर इंसान को संक्रमित करने की क्षमता (Ability to infect humans) भी हालिस कर ली है।
ऐसे में वायरस का बदला हुआ रूप (modified form of the virus) इंसान के जीवन को एच5एन9 (H5N9) के रूप में चुनौती दे रहा है।
भारत के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वायरस अत्यधिक घातक रोगजनकों की सूची (List of highly lethal pathogens) में शामिल है। इंसानों में सक्रमण के बाद इस वायरस का मृत्युदर (virus mortality rate) भी अधिक है। इसके संक्रमण से प्रभावित 50 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अपनी जान गंवानी पडी।
Bird Flu Vaccine : 954 में 464 मरीजों ने गंवाई जान
464 out of 954 patients lost their lives
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक एक जनवरी 2003 से 12 दिसंबर 2024 तक 24 देशों में इस वायरस के मानव संक्रमण (human infection with viruses) के 954 मामले सामने आए हैं। इनमें से 464 लोगों की मौत हो गई।
नई दिल्ली के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR Delhi) के वैज्ञानिक भी पिछले कुछ सालों से इस वायरस की काट खोजने के प्रयासों में जुटे हुए हैं।
शोधकर्ताओं ने एमआरएनए (mRNA) तकनीक का प्रयोग करते हुए इस वायरस का टीका (Bird Flu Vaccine) खोज निकाला है। इसके उत्पादन और परीक्षण (Production and testing) के लिए आईसीएमआर (ICMR) ने निजी कंपनियों से आवेदन मांगा है।
अंडे के एमडीसीके सेल लाइन से मिला वायरस
Virus obtained from egg-derived MDCK cell line
शोधकर्ताओं के मुताबिक, 10 दिन पुराने भ्रूणयुक्त अंडे (Embryonated eggs) से 2.3.4.4बी क्लैड वाले वायरस (B clade viruses) के स्वरूप को अलग किया गया। वैज्ञानिकों ने पाया कि वायरस एमडीसीके सेल लाइन (MDCK cell line) में मौजूद है।
इससे वायरस के उच्च टिटर (High titer) की जानकारी मिली। जो इस वायरस की संक्रामकता (Infectiousness of the virus) और इसकी उच्च मौजूदगी (High Presence) के सबूत थे।
वैज्ञानिकों ने बीटा प्रोपियोलैक्टोन तकनीक (Beta Propiolactone Technology) का इस्तेमाल करते हुए वायरस को निष्क्रिय करने की कामयाबी (Success in neutralising the virus) मिली। यह एक प्रकार का कार्बनिक यौगिक (organic compounds) है, जो डीएनए और प्रोटीन (DNA and Proteins) के साथ प्रतिक्रिया करता है।
फिलहाल, वैज्ञानिक सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी की जांच (Safety and immunogenicity assays) के लिए खरगोश और मुर्गियों पर इसका परीक्षण करने में जुट गए हैं।
बर्ड फ्लू से भारत को हो चुका है करोडो का नुकसान
India has lost crores of rupees due to bird flu
आईसीएमआर (ICMR) के मुताबिक, एच5एन1 वायरस (H5N1 Virus) भारत में पशु और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए बडे जोखिम के तौर पर उभरा है।
वर्ष 2021 से 2024 के बीच कई राज्यों में इसके प्रसार देखने को मिले हैं। 2006 से अब तक इस वायरस के कारण भारत के पोल्ट्री उद्योग (Poultry industry of India) कई हजार करोड का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।
हालांकि, भारत में इस वायरस ने इंसानी स्वास्थ्य को अभी तक चुनौती नहीं दी है लेकिन दुनिया के दूसरे हिस्सों में जिस तरह से इस वायरस के मानव संक्रमण के मामले सामने आए हैं, उससे जोखिम बढता हुआ दिख रहा है। ऐसे में भारतीय वैज्ञानिकों की यह कामयाबी भारत के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।