Sunday, November 24, 2024
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डेल्टा और ओमिक्रॉन के वैरिएंट से बचना है तो बूस्टर डोज जरूर लगवाएं

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नई दिल्ली : डेल्टा और ओमिक्रॉन के वैरिएंट से बचाव के लिए बूस्टर डोज बेहतर काम कर रहा है। कोवैक्सिन का बूस्टर डोज कोरोना वायरस के डेल्टा और वायरस के वैरिएंट के खिलाफ वैक्सिन के प्रभाव बढाता है बल्कि ओमिक्रॉन के वैरिएंट बी 1.1 और बीए.2 के खिलाफ इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है। इसकी पुष्टि आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने अपने अध्ययन के हवाले से किया है।

अध्ययन से संबंधित रिपोर्ट में कहा गया है कि सीरियन हैमस्टर मॉडल (मनुष्य से जुड़ी बीमारियों का अध्ययन करने वाले पशु मॉडल) में डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीकाकरण का प्रभाव बढ जाता है। इसकी दो और तीन खुराक के बाद भारत बायोटेक के कोवैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षात्मक क्षमता और ओमीक्रोन के स्वरूपों के खिलाफ इसके प्रभाव का बारीकी से अध्ययन किया गया। अध्ययन के नतीजे बायोआरक्सिव में प्रकाशित किए गए हैं।

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हमने देखा कि बूस्टर खुराक कैसे काम करता है : आईसीएमआर

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि डेल्टा संक्रमण के अध्ययन में जब दूसरी तथा तीसरी खुराक के बीच सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया की तुलना की गई तब बूस्टर खुराक के फायदे स्पष्ट तौर पर देखे जा सकते थे।

हालांकि, समूहों के बीच वायरस को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी का स्तर तुलनात्मक था। खास बात यह है कि टीकाकरण की तीन खुराकों के बाद फेफड़ों की बीमारी और संक्रमण जैसी गंभीरता कम होती पाई गई।

दूसरे अध्ययन में तीसरी खुराक देने के बाद ओमीक्रोन के स्वरूपों-बीए.1 और बीए.2 के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया का पता लगाया गया। अध्ययन में प्लेसेबो समूहों के मुकाबले टीके की खुराक लेने वाले समूहों में वायरस शेडिंग, फेफड़ों का संक्रमण और फेफड़े की बीमारी की गंभीरता कम पाई गई।

नतीजों के हवाले से कहा गया है कि मौजूदा अध्ययन में इस बात के सबूत मिलते हैं कि कोवैक्सीन बूस्टर टीकाकरण से सुरक्षात्मक प्रतिरक्षा बढ़ती है और डेल्टा तथा ओमीक्रॉन स्वरूप से संबंधी लक्षणों की गंभीरता कम हो जाती है।


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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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