कैंसर का मतलब जिंदगी का अंत समझा जाता है लेकिन अगर सही समय पर कैंसर का पता लगा लिया जाए तो ज्यादातर कैंसर का उपचार किया जा सकता है। कैंसर के प्रभावी उपचार की खोज में विश्वभर के वैज्ञानिक जुटे हैं।
कैंसर का मतलब जिंदगी का अंत समझा जाता है लेकिन अगर सही समय पर कैंसर का पता लगा लिया जाए तो ज्यादातर कैंसर का उपचार किया जा सकता है। कैंसर के प्रभावी उपचार की खोज में विश्वभर के वैज्ञानिक जुटे हैं।
इसी बीच एक उत्साहित करने वाली खबर सामने आई है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में विशेषज्ञों को एक महत्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है, जो कैंसर मरीजों के बेहद उपयोगी है। साथ ही आम लोगों के लिए भी उपयोगी है।
इसी बीच एक उत्साहित करने वाली खबर सामने आई है। हाल ही में हुई एक रिसर्च में विशेषज्ञों को एक महत्पूर्ण जानकारी प्राप्त हुई है, जो कैंसर मरीजों के बेहद उपयोगी है। साथ ही आम लोगों के लिए भी उपयोगी है।
खास तरह का पौधा कैंसर से लडने में है सक्षम
रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया है कि व्हीटग्रास (Wheatgrass) कैंसर के उपचार में मददगार साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में यह पाया है कि व्हीटग्रास खून में मौजूद कैंसर सेल्स को 65 % तक कम करने में सक्षम है।
रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया है कि व्हीटग्रास (Wheatgrass) कैंसर के उपचार में मददगार साबित हो सकती है। वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में यह पाया है कि व्हीटग्रास खून में मौजूद कैंसर सेल्स को 65 % तक कम करने में सक्षम है।
NCBI में प्रकाशित स्टडी भी इस बात की पुष्टि करती है कि कैंसर के खिलाफ व्हीटग्रास एक प्रभावी उपचार साबित हो सकती है। इसके सेवन से ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा बढने लगती है। कैंसर सेल्स को विकसित होने से भी रोकने में व्हीटग्रास मददगार पाया गया है।
NCBI में प्रकाशित स्टडी भी इस बात की पुष्टि करती है कि कैंसर के खिलाफ व्हीटग्रास एक प्रभावी उपचार साबित हो सकती है। इसके सेवन से ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा बढने लगती है। कैंसर सेल्स को विकसित होने से भी रोकने में व्हीटग्रास मददगार पाया गया है।
व्हीटग्रास में एंटी कैंसर गुणों के साथ विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाई जाती है।
व्हीटग्रास में एंटी कैंसर गुणों के साथ विटामिन्स, मिनरल्स और एंटी ऑक्सीडेंट प्रचूर मात्रा में पाई जाती है।
खून की कमी को भी करता है दूर
व्हीटग्रास एनेमिया को भी दूर करने में उपयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद आयरन तत्व खून की कमी को दूर कर शरीर में हिमोग्लोबिन की मात्रा को बढाते हैं।
पेट के रोगों में भी व्हीटग्रास का जूस बेहद मददगार साबित होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने के साथ शरीर के विशैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
पेट के रोगों में भी व्हीटग्रास का जूस बेहद मददगार साबित होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट गुण महत्वपूर्ण अंगों को स्वस्थ रखने के साथ शरीर के विशैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करती है।
जोडों के दर्द में भी लाभदायक
व्हीटग्रास जोडों के दर्द से भी राहत दिलाने में मदद करता है। इसके सेवन से खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढती है। जिसके कारण जहां खून की आपूर्ति बाधित होती है, वहां खून की आपूर्ति होने लगती है।
व्हीटग्रास जोडों के दर्द से भी राहत दिलाने में मदद करता है। इसके सेवन से खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढती है। जिसके कारण जहां खून की आपूर्ति बाधित होती है, वहां खून की आपूर्ति होने लगती है।
खून के जरिए ऑक्सिजन जोडों तक पहुंचता है, जिसके कारण दर्द में कमी आने लगती है। व्हीटग्रास रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है।
खून के जरिए ऑक्सिजन जोडों तक पहुंचता है, जिसके कारण दर्द में कमी आने लगती है। व्हीटग्रास रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है।
पोषक तत्वों से भरपूर है व्हीट ग्रास
व्हीटग्रास में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, एमिनो एसिड, विटामिन और ग्लूटेथिओन जैसे पोषक तत्व बेहतर मात्रा में होते हैं।
व्हीटग्रास में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, एमिनो एसिड, विटामिन और ग्लूटेथिओन जैसे पोषक तत्व बेहतर मात्रा में होते हैं।
इसके पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं और इसका जूस भी पी सकते हैं। इन दिनों बाजार में व्हीटग्रास के कैप्सूल भी बिकते हैं।
इसके पाउडर का भी उपयोग कर सकते हैं और इसका जूस भी पी सकते हैं। इन दिनों बाजार में व्हीटग्रास के कैप्सूल भी बिकते हैं।
इस तरह कर सकते हैं उपयोग :
व्हीटग्रास पाउडर को एक चम्मच रोजाना गुनगुने पानी के साथ सुबह खाली पेट लिया जा सकता है। इसके अलावा इसका जूस निकालकर प्रतिदिन सुबह शाम 30 एमएल लिया जा सकता है।
अस्विकरण :
यह जानकारी जागरूकता के लिहाज से विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि इसका पालन करने से पहले अपने विशेषज्ञ से जरूर राय ले लें।
यह जानकारी जागरूकता के लिहाज से विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि इसका पालन करने से पहले अपने विशेषज्ञ से जरूर राय ले लें।
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