Friday, November 22, 2024
HomeNewsDelhiलिवर की गंभीर बीमारी वाले मरीज को उसी के लिवर से मिला...

लिवर की गंभीर बीमारी वाले मरीज को उसी के लिवर से मिला जीवनदान 

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

दावा : उत्तर भारत में पहली बार किया गया इस तरह का लिवर प्रत्यारोपण 

नई दिल्‍ली। टीम डिजिटल: लिवर की गंभीर बीमारी – उत्तर भारत में पहली बार लिवर प्रत्यारोपण (liver transplant) का ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें मरीज की गंभीर लिवर से संबंधित बीमारी को उसी के लिवर से ठीक करने में कामयाबी हासिल की गई है। दवा किया गया है कि यह उत्तर भारत का पहला ऑटो लिवर प्रत्यारोपण (auto liver transplant) है। 
दिल्ली के ओखला स्थित फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स अस्पताल (Fortis Escorts Hospital) में यह सर्जरी किर्गिस्‍तान की 35 वर्षीय महिला मरीज़ पर की गई। मरीज़ के पेट में पिछले करीब तीन महीनों से दर्द था। डॉ विवेक विज, चेयरमैन, लिवर ट्रांसप्‍लांट, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स, ओखला, नई दिल्‍ली के नेतृत्‍व में डॉक्‍टरों की टीम ने इस चुनौतीपूर्ण जटिल सर्जरी को अंजाम दिया। सर्जरी करीब 8 घंटे चली। मरीज़ को सर्जरी के बाद 8वें दिन अस्‍पताल से छुट्टी दे दी गई। 

पैरासाइटिक इंफेक्‍शन एकिनोकॉकिस मल्‍टीलोक्‍युलरिस से पीड़‍ित था मरीज 

मरीज़ की किर्गिस्‍तान में जांच की गई थी और उन्‍हें पैरासाइटिक इंफेक्‍शन एकिनोकॉकिस मल्‍टीलोक्‍युलरिस (parasitic infection echinococcus multilocularis) से पीड़‍ित पाया गया। जिसका मतलब था कि उनके लिवर में धीरे-धीरे ट्यूमर पनप रहा था, जो लिवर को क्षतिग्रस्‍त कर रहा था और इसकी वजह से करीब  75 % लिवर को नुकसान पहुंच चुका था। ऐसे मामलों में, लिवर ट्रांसप्‍लांट ही इलाज का एकमात्र विकल्‍प बचता है। अस्पताल में मरीज़ का सीटी स्‍कैन किया गया, जिसमें उनके लिवर में इंफेक्‍शन और एक्‍यूट लिवर फेल होने की पुष्टि हुई। लिवर और आसपास के अन्‍य अंगों को भी को काफी नुकसान पहुंच चुका था, ऐसे में डॉक्‍टरों ने उनका ऑटो-लिवर ट्रांसप्‍लांट करने का फैसला किया। 
[irp posts=”9803″ ]

क्या है ऑटो लिवर प्रत्यारोपण 

लिवर की गंभीर बीमारी
लिवर की गंभीर बीमारी
 
डॉ विवेक विज, चेयरमैन, लिवर ट्रांसप्‍लांट, फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स, ओखला ने बताया कि, ”सर्जरी के दौरान, मरीज़ के क्षतिग्रस्‍त लिवर को हटाकर उसके स्‍थान पर उनके लिवर के नॉर्मल भाग को वहां लगाया गया। सर्जरी के बाद मरीज़ ने तेजी से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ किया और उनकी स्थिति में सुधार को देखते हुए, ऑपरेशन के 8 दिन बाद उन्‍हें छुट्टी दे दी गई। उन्‍हें किसी प्रकार की इम्‍युनोसप्रेसेंट दवाएं भी नहीं देनी पड़ीं जो कि आमतौर पर अंग प्रत्‍यारोपण (ऑर्गेन ट्रांसप्‍लांटेशन) के मामले में जरूरी होती हैं। 
मरीज के क्षतिग्रस्‍त लिवर को हटाना काफी चुनौतीपूर्ण काम था क्‍योंकि लिवर आसपास के अन्‍य महत्‍वपूर्ण ऊतकों/संरचनाओं से जुड़ा था और उसे हटाने पर अन्‍य महत्‍वपूर्ण अंगों को भी नुकसान पहुंचने या अन्‍य जटिलताओं तथा रक्‍तस्राव जैसे खतरे भी थे। एकिनोकॉकिस मल्‍टीलोक्‍युलरिस एक दुर्लभ किस्‍म की मेडिकल कंडीश्‍न है जिसके दोबारा होने की आशंका 10% होती है। अगर समय पर और सही तरीके से इसका इलाज न किया जाए तो इंफेक्‍शन फेफड़ों, गुर्दों, बड़ी रक्‍तवाहिकाओं और यहां तक कि मरीज़ की आंतों तक भी फैलने का खतरा रहता है। एकिनोकॉकिस मल्‍टीलोक्‍युलरिस के ज्‍यादातर मामलों में इलाज के लिए लिवर ट्रांसप्‍लांट किया जाता है लेकिन इस मामले में एक नई तकनीक यानि ऑटो लिवर ट्रांसप्‍लांट को अपनाया जिसमें मरीज़ के लिवर के क्षतिग्रस्‍त भाग को हटाकर उनके ही लिवर के स्‍वस्‍थ भाग को उसके स्‍थान पर लगाा गय। मरीज़ के खुद के लिवर का हिस्‍सा इस्‍तेमाल करने का एक बड़ा फायदा यह हुआ कि सर्जरी के बाद उन्‍हें इम्‍युनोसप्रेसेंट दवाओं पर नहीं रखना पड़ा।” 
[irp posts=”9791″ ]

भारत में ऑटो लिवर प्रत्यारोपण का यह दूसरा मामला 

बिदेश चंद्र पॉल, ज़ोनल डायरेक्‍टर, ने कहा, ”यह हैल्‍थकेयर और मेडिकल साइंस की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि है और फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स, ओखला के डॉक्‍टरों ने ऑटो-लिवर ट्रांसप्‍लांटेशन प्रक्रिया की मदद से इसे सफलतापूर्व अंजाम दिया। यह भारत में ऑटो लिवर ट्रांसप्‍लांट का दूसरा मामला है, ऐसे मामलों में काफी अनुभव और विशेषज्ञता की आवश्‍यकता होती है। यह काफी चुनौतीपूर्ण मामला था और मरीज़ के लिए काफी जोखिमपूर्ण भी था। लेकिन डॉ विवेक विज के नेतृत्‍व में डॉक्‍टरों की टीम ने सभी मानकों का ध्‍यान रखते हुए इस प्रक्रिया को सफल बनाया। फोर्टिस एस्‍कॉर्ट्स, ओखला अंग प्रत्‍यारोपण करने की विशेषता रखता है, और हम अपने मरीज़ों की सर्वोच्‍च क्‍वालिटी वाली संपूर्ण देखभाल के लिए प्रतिबद्ध हैं। लिवर की गंभीर बीमारी
Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language.  Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India Web Team
Caas India Web Teamhttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article