गंगाराम अस्पताल (Sir Ganga Ram Hospital) के डॉक्टरों ने किया कमाल
Delhi Health News in Hindi : पहली बार एडवांस लिवर सिरोसिस (Advanced Liver Cirrhosis) में फूड पाइप में दोहरी रुकावट (Double obstruction in the food pipe) की पहली बार सफल उपचार (First successful treatment) करने का दावा किया गया है। यह कमाल दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल (Sir Ganga Ram Hospital, Delhi) के विशेषज्ञों ने कर दिखाया है।
सर गंगा राम अस्पताल में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (Gastroenterology) विभाग के अध्यक्ष और प्रमुख डॉ. अनिल अरोड़ा (Dr. Anil Arora) ने खाद्य नलिका में दोहरी रुकावट के जटिल मामले का इलाज (Treatment of complex cases of double food pipe obstruction) करने के लिए दुनिया की पहली एंडोस्कोपिक प्रक्रिया (World’s first endoscopic procedure) में मुख्य भूमिका निभाई।
जिसमें एडवांस क्रोनिक लिवर रोग (Advanced Chronic Liver Disease/(Advanced Liver Cirrhosis) से पीड़ित मरीज के खाद्य नलिका रोगों का सफलतापूर्वक इलाज (Successful treatment of food pipe diseases) किया गया। 45 वर्षीय मरीज, शिमला, हिमाचल प्रदेश का निवासी है और क्रोनिक लिवर रोग (Liver Cirrhosis) से पीड़ित है।
इस बीमारी में समय के साथ लिवर सिकुड़ने लगता है, जिससे गंभीर जटिलताएं होती है। खाद्य नलिका और पेट के मिलन बिंदु पर बड़ी टेढ़ी-मेढ़ी रक्त वाहिकाओं (Esophageal Versus) का विकास होता है, जो मुंह से भारी रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं।
Advanced Liver Cirrhosis- फूड पाईप की गंभीर समस्याओं से जूझ रहा था मरीज
मरीज को खाद्य नलिका से संबंधित दो अन्य गंभीर बीमारियां थीं। अचलासिया कार्डिया (Achalasia cardia) और खाद्य नलिका के निचले हिस्से में एक बड़ा बलगम जैसा उभार, जिसे एसोफेजियल डिवर्टिकुलम (esophageal diverticulum) कहा जाता है।
अचलासिया कार्डिया क्या है ? (What is achalasia cardia)
अचलासिया कार्डिया एक विकार है जो भोजन के सही तरीके से निगलने में बाधा डालता है, क्योंकि निचला एसोफेजियल स्फिंक्टर (Lower esophageal sphincter) भोजन निगलने के दौरान ठीक से ढीला नहीं होता, जिससे भोजन छाती में फंस जाता है और इसी कारण से बार-बार उल्टी, रिगर्जिटेशन और भोजन के ठहराव के कारण निमोनिया हो जाता है। जिससे मरीज के न केवल निचली एसोफैगस में बल्कि उसके उभार (esophageal diverticulum) में भी हो रहा था।
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इससे अतिरिक्त, मरीज को इसोफेजियल वर्सेस (Esophageal Versus) भी थीं, जो सिरोसिस (Liver Cirrhosis) में सामान्य रूप से होती ही हैं। जहां खाद्य नलिका में फैल गई रक्त नलिकाएं जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती हैं। इसोफेजियल वर्सेस के लिए मेडिकल इलाज (Medical Treatment for Esophageal Versus) के बावजूद, मरीज की जटिल स्थिति ने इलाज के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश कीं।
Advanced Liver Cirrhosis – सिर्फ सर्जरी से ही ठीक हो सकती थी समस्या
सर गंगा राम अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के सलाहकार डॉ. शिवम खरे (Dr. Shivam Khare) ने इस मामले के इलाज में आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया। “इलाज के लिए दो मुख्य विकल्प थे। पहला, सर्जरी, जो ऐसे मामलों में अत्यधिक जोखिमपूर्ण थी, या एंडोस्कोपी (Endoscopy)। हालांकि, गैस्ट्रो-एसोफेजियल जंक्शन (Gastro-esophageal junction) पर सूजी हुई और फैली हुई नसों ने एंडोस्कोपिक इलाज को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया था। यह मामला खासतौर पर जटिल था क्योंकि हमें अचलासिया कार्डिया (Achalasia cardia) और डिवर्टिकुलम (Diverticulum) दोनों का इलाज करना था। साथ ही गैस्ट्रो-एसोफैगियल जंक्शन पर फैल चुकी नसों से खून बहने से भी बचना था।”
Advanced Liver Cirrhosis – मरीज के लिए बनाई खास योजना
इस चिकित्सा टीम में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट (Interventional Radiologist) डॉ. अरुण गुप्ता (Dr. Arun Gupta), डॉ. अजीत यादव (Dr. Ajit Yadav), और डॉ. राघव सेठ (Dr. Raghav Seth) के साथ मिलकर काम कर रहे थे। इन सबने मरीज की सर्जरी के लिए एक खास उपचार योजना बनाई। पहले उन्होंने रक्तस्राव के जोखिम को कम करने के लिए वर्सिज का एम्बोलिज़ेशन (Embolization of varice) किया और फिर एंडोस्कोपिक मूल्यांकन (Endoscopic Evaluation) किया। जिससे यह पुष्टि हुई कि वर्सिज को समाप्त कर दिया गया था। अगला कदम था एक संयुक्त पेरोरल एंडोस्कोपिक मायोटॉमी/Combined Peroral Endoscopic Myotomy (POEM) प्रक्रिया, जिसने अचलासिया कार्डिया (Achalasia cardia) और डिवर्टिकुलम (Diverticulum) दोनों का एक साथ इलाज किया।
क्या होती है POEM की प्रक्रिया?
डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि Peroral Endoscopic Myotomy (POEM) प्रक्रिया एक न्यूनतम आक्रमणकारी एंडोस्कोपिक उपचार (Minimally invasive endoscopic treatment) है, जिसमें चार मुख्य कदम होते हैं: श्लेष्मल प्रवेश (mucosal penetration), उपश्लेष्मल सुरंग का निर्माण (Creation of the submucous tunnel), डिवर्टिकुलम के डिवर्टिकुलम के एसोफेजियल मांसपेशी का मायोटॉमी (Myotomy of the esophageal muscle of the diverticulum), और अचलासिया कार्डिया (Achalasia cardia) के लिए निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर (LES) का मायोटॉमी/Myotomy of the lower esophageal sphincter (LES)। इस प्रक्रिया के दौरान, किसी भी वर्सिज (varice) को मिलने पर विशेष सावधानी बरतते हुए उन्हें कोएगुलेट और फुलगुरेट (Coagulate and Fulgurate) किया गया, जिससे उपचार के दौरान रक्तस्राव को रोका गया।
Advanced Liver Cirrhosis – सामान्य रूप से अब भोजन निगल रहा है मरीज
डॉ. अनिल अरोड़ा ने कहा, “यह सफल उपचार एक शानदार उपलब्धि है, न केवल इसके जटिलता के लिए बल्कि जिस नए दृष्टिकोण का हमने इस्तेमाल किया, उसके लिए भी। मरीज, जिसे पहले निगलने में कठिनाई (difficulty swallowing) हो रही थी, अब एक सामान्य आहार ग्रहण कर पा रहा है और हमारे अभिनव उपचार (Innovative Treatments) के एक सप्ताह के भीतर उसे जीवन में एक नई उम्मीद मिल गई है।”
डॉ. शिवम खरे ने कहा Advanced Liver Cirrhosis में , “यह दुनिया का पहला मामला है, जिसमें दो एसोफैजियल रोग — आचलेसिया कार्डिया और एसोफैजियल डिवर्टिकुलम — का इलाज एक ही एंडोस्कोपिक प्रक्रिया द्वारा किया गया है, जो एक एडवांस सिरोसिस और वर्सेज (Advanced Liver Cirrhosis and Versus) से पीड़ित मरीज में किया गया। “मरीज, जिन्होंने पहले कई प्रमुख चिकित्सा केंद्रों का दौरा किया था लेकिन सफलता नहीं मिली थी, उपचार के तीन दिन बाद छुट्टी पर भेजे गए और अब बिना किसी कठिनाई के स्वाभाविक रूप से निगल सकते हैं।