दिल्ली एम्स और ओसाका यूनिवर्सिटी के बीच करार
Aiims Delhi News : देश में गंभीर बीमारियों में काम आने वाले चिकित्सकीय उपकरणों का निर्माण (Manufacture of medical equipment) अब संभव हो जाएगा। मेक इन इंडिया (make in india) के तहत इस योजना को सफल बनाने के लिए एम्स और जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी के बीच एक करार (An agreement between AIIMS and Osaka University of Japan) किया गया है।
इस करार के दौरान दोनों ही संस्थान के विशेषज्ञों ने मुलाकात भी की है। जिसके बाद मेडिकल डिवाइस डेवलपमेंट (Medical Device Development) के क्षेत्र में भी मेक इन इंडिया की पहल को आगे बढ़ाने का मसौदा तैयार कर लिया गया है। एम्स (Aiims Delhi) प्रशासन के मुताबिक, हरियाणा के झज्जर स्थित राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (National Cancer Institute) में राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण विकास, सत्यापन एवं कौशल प्रशिक्षण केंद्र (National Centre for Medical Devices Development, Validation and Skill Training) की शुरूआत भी की जाएगी।
Aiims Delhi को तकनीकी मदद देगी जापान की यूनिवर्सिटी
इस करार के तहत जापान की प्रमुख चिकित्सा उपकरण बनाने एजेंसी और ओसाका यूनिवर्सिटी, एम्स (Aiims Delhi) को तकनीकी मदद देने के साथ उपकरणों को विकसित करने में भी मदद करेंगी। इस योजना को शीघ्र अमल में लाने के उद्देश्य से जापानी विशेषज्ञों ने एम्स के झज्जर स्थित कैंसर संस्थान का दौरा किया। यहां बता दें कि पिछले हफ्ते एम्स में एजेंसी और जापानी यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने मुलाकात कर इस योजना को आगे बढाने की रूपरेखा पर बातचीत की है।
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विदेशों से ही आयात किए जाते हैं ज्यादातर उपकरण
एम्स के सर्जरी विभाग के प्रोफेसर एचके भट्टाचार्य (Professor HK Bhattacharya) के मुताबिक, मौजूदा दौर में भी ज्यादातर चिकित्सा उपकरणों को विदेश से ही आयात किया जाता है। केंद्र सरकार अब मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत स्वदेशी उपकरणों (Indigenous equipments) को प्रोत्साहित करने की योजना पर कार्य कर रही है। जिसके कारण राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण विकास, सत्यापन एवं कौशल प्रशिक्षण केंद्र के निर्माण का निर्णय लिया गया है। एम्स प्रशासन के मुताबिक राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण विकास, सत्यापन एवं कौशल प्रशिक्षण केंद्र की शुरूआत करने की योजना पर चर्चा हुई। इस दौरान एम्स निदेशक डॉक्टर एम. श्रीनिवास (AIIMS Director Dr. M. Srinivas) समेत कई चिकित्सा विशेषज्ञ भी मौजूद थे।
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तीन साल में सेंटर के निर्माण का लक्ष्य
एम्स प्रशासन के मुताबिक अगले दो से तीन साल में इस केंद्र की शुरूआत करने का लक्ष्य रखा गया है। यह तय किया गया है कि इस केंद्र में एम्स विशेषज्ञों के साथ जापानी विशेषज्ञ भी एक साथ मिलकर रिसर्च कार्य करेंगे। जिसका लक्ष्य मरीजों के लिए बेहतर और किफायती चिकित्सा उपकरणों को तैयार करना होगा।