AIIMS Delhi Waiting Hall : मरीजों के परिजनों को बेहतर सुविधा, जानिए क्या है विशेषता
AIIMS Delhi waiting hall का उद्घाटन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा किया गया। यह आधुनिक वेटिंग हॉल मरीजों के परिजनों को बेहतर सुविधा, आराम और गरिमा के साथ इंतजार का अनुभव प्रदान करेगा।
वेटिंग हॉल उन हजारों मरीजों के परिजनों के लिए राहत बनकर उभरी है, जो AIIMS जैसे उच्च-स्तरीय चिकित्सा संस्थान में इलाज के दौरान घंटों और कभी-कभी दिनों तक इंतजार करते हैं।
इस Waiting Hall हॉल का निर्माण धानुका एग्रीटेक लिमिटेड द्वारा अपने CSR (Corporate Social Responsibility) के अंतर्गत किया गया है।
AIIMS Delhi waiting hall का उद्देश्य और महत्व
AIIMS जैसे संस्थान में हर दिन लाखों मरीज इलाज के लिए आते हैं। उनके साथ आने वाले परिजन आमतौर पर बाहर फर्श पर बैठकर या खुले में खड़े होकर अपने प्रियजनों की खबर का इंतजार करते हैं।
ऐसे में एम्स दिल्ली waiting hall न केवल सुविधा का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक सम्मान और मानवता की मिसाल भी है। यह वेटिंग हॉल अब परिजनों को एक ऐसा स्थान प्रदान करेगा जहाँ वे विश्राम कर सकते हैं, फोन भी चार्ज कर सकते हैं और जरूरत पडने पर स्वच्छ टॉयलेट का उपयोग कर सकते हैं।
अब इंतजार और आसान होगा| Photo : Social Media X
AIIMS Delhi waiting hall की सुविधाएं
आधुनिक वेटिंग हॉल लगभग 68,800 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला है
इसमें एक साथ 1500 लोगों के बैठने की क्षमता है
हॉल पूरी तरह से एयर-कंडीशन्ड है
आरामदायक कुर्सियाँ और बेहतर वातावरण
मोबाइल चार्जिंग स्टेशन्स
स्वच्छ और सुरक्षित टॉयलेट
CCTV निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था
जानकारी देने वाले डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड
अब इंतजार और आसान होगा| Photo : Social Media X
“AIIMS Delhi waiting hall जैसी पहलें बताती हैं कि जब सरकार और समाज मिलकर काम करते हैं, तो विकास वास्तविक रूप में जमीन पर उतरता है। यह केवल एक इमारत नहीं है, बल्कि यह संवेदना और सेवा भावना का केंद्र है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि दिल्ली सरकार ने AIIMS जैसे संस्थानों में नागरिक सुविधाओं के उन्नयन को प्राथमिकता दी है।
– रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री, Delhi
CSR मॉडल की मिसाल बना AIIMS Delhi वेटिंग हॉल
धानुका एग्रीटेक लिमिटेड ने इस परियोजना को अपने CSR मॉडल के तहत संपन्न किया। कंपनी के चेयरमैन ने कहा, “हमारे लिए यह वेटिंग हॉल केवल एक CSR परियोजना नहीं है, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी है।
“मरीजों के परिजनों को गरिमा के साथ इंतजार करने का अधिकार है।” एम्स दिल्ली waiting hall इस बात का उदाहरण है कि किस तरह CSR के जरिए निजी कंपनियाँ सार्वजनिक संस्थानों में व्यावहारिक परिवर्तन ला सकती हैं।
AIIMS में आने वाले मरीजों की स्थिति
आंकडों के मुताबिक, AIIMS दिल्ली में हर साल लगभग 60 लाख से ज्यादा मरीज OPD में इलाज के लिए आते हैं।
इनमें से एक बड़ा हिस्सा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आता है, जो अपनी सीमित सुविधाओं के साथ लंबी प्रतीक्षा के लिए मजबूर होता है।
AIIMS Delhi waiting hall जैसी सुविधा उनके लिए एक राहत का बिंदु बनकर उभरी है। माना जा रहा है कि अब उन्हें खुले में बैठने, धूप या बारिश सहने की मजबूरी नहीं होगी।
विश्व पर्यावरण दिवस पर हरित पहल
अब इंतजार और आसान होगा| Photo : Social Media X
यह उद्घाटन विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने AIIMS परिसर में पौधारोपण भी किया।
इस अवसर पर उन्होंने यह भी घोषणा की कि दिल्ली सरकार अगले कुछ महीनों में 70 लाख पौधे लगाएगी।
इसका उद्देश्य न केवल पर्यावरण संरक्षण है, बल्कि यह दर्शाना भी है कि स्वास्थ्य और प्रकृति दोनों की देखभाल एक साथ होनी चाहिए।
भविष्य की योजना: और सुविधाएं AIIMS में
AIIMS प्रशासन के मुताबिक, AIIMS Delhi waiting hall मॉडल को संस्थान के अन्य हिस्सों में भी लागू करने की योजना है। आने वाले कुछ महीनों में:
और वेटिंग हॉल्स बनाए जाएंगे
डिजिटल सूचना काउंटर स्थापित होंगे
इलेक्ट्रिक बसें अस्पताल परिसर में चलेंगी
परिजन सहायता केंद्र (Attendant Help Desks) शुरू किए जाएंगे
निष्कर्ष: AIIMS Delhi वेटिंग हॉल एक सेवा भावना का प्रतीक
AIIMS Delhi waiting hall केवल एक निर्माण परियोजना नहीं है। यह उस सोच का प्रतीक है जिसमें मरीजों के साथ उनके परिजनों की गरिमा और भावनाओं को भी महत्व दिया गया है।
यह हॉल दिखाता है कि अगर सरकार, समाज और निजी क्षेत्र मिलकर काम करें तो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को न केवल बेहतर बल्कि मानवीय भी बनाया जा सकता है।
AIIMS में शुरू हुई इस नई सुविधा से उम्मीद की जा रही है कि मरीजों के साथ अस्पताल आने वाले परिजनों और तिमारदारों के इंतजार की मुश्किलें अब काफी हदतक कम हो जाएंगी।
हालांकि, एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के साथ आने वाले परिजनों और तिमारदारों की संख्या काफी अधिक है। एम्स के मुताबिक, इन सुविधाओं में लगातार विस्तार किया जाएगा। जिसके बाद धीरे-धीरे यहां लोगों की मुश्किलें और कम होती चली जाएगी।
अस्वीकरण (Disclaimer)
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Ankur Shukla: The Journalist Who Strikes a Chord with Words and MusicWith over 13 years of rich experience in journalism, Ankur Shukla has carved a niche for himself as a trusted senior journalist, having served with distinction in several leading dailies. His in-depth reporting, especially on the health beat, has earned him prestigious honors like the Indraprastha Gaurav Award and the Swami Vivekananda Award and many more.But Ankur’s talents go far beyond the newsroom. A passionate Indian classical vocalist and a skilled sitar player he effortlessly blends the art of storytelling with the soul of music. And beyond pen and performance, he wears yet another hat — that of a committed social contributor, working actively for the welfare of autoimmune disease patients across the country.