Ankylosing Spondylitis वाले Breathing Exercise कर बोन फ्यूजन से बच सकते हैं
नई दिल्ली। बोन फ्यूजन (bone fusion) से बचने के लिए एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) में ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing) करना बेहद उपयोगी साबित होता है। एएस वाले मरीजों को ब्रीदिंग एक्सरसाईज खासतौर से रिब्स में होने वाले फ्यूजन की स्थिति से बचाता है।
इस एक्सरसाईज को नियमित रूप से करते रहने से रिब्स में होने वाली समस्या से भी बचाव होता है। इसके साथ शरीर में पर्याप्त और स्वच्छ ऑक्सीजन की भी आपूर्ति बनी रहती है। नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाईज करने के अन्य कई और लाभ हैं। हम यहां इस एक्सरसाइज से होने वाले लाभों को विस्तार से बता रहे हैं।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने के फायदे
फेफड़ों की क्षमता में करता है सुधार
सांस लेने से सबंधित व्यायाम एक नॉन-फार्मास्युटिकल तकनीक है। जो अस्थमा और सीओपीडी जैसे फेफडों में होने वाले विकारों से न केवल बचाता है बल्कि इन बीमारियों से पीडित लोगों को लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करता है। एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों में होने वाले चेस्ट रिब्स में सूजन, फ्यूजन और पेन से बचाव और नियंत्रित करता है। नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से फेफडों में होने वाले संक्रमण का जोखिम भी कम रहता है। इसके अलावा फेफडों के सेल्स और टिश्यू को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। ब्रीदिंग एक्सरसाईज लंग्स रिहैबिलिटेशन कार्यक्रमों के तहत डायाफ्रामिक सांस ली जाती है। धीमी और गहरी सांस लेने से डायाफ्राम एक्टिव रहता है।
जोडों के दर्द में सुधार
बहुत कम लोगों को मालूम है कि ऑक्सीजन की कमी भी जोडों मे दर्द की वजह बन सकती है। नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करने से सेल्स में ऑक्सीजन की मात्रा बढती है और इसका लाभ जोडों को भी मिलता है। इससे मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा किसी तरह की इंजरी होने की संभावना भी कम हो जाती है। इससे स्ट्रेस भी कम होता है और शरीर को कठिन फिजिकल एक्टिविटीज झेलने का बल मिलता है।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद उदपयोगी है ब्रीदिंग एक्सरसाइज
ब्रीदिंग एक्सरसाइज का बेहतर लाभ यह है कि इस प्रक्रिया के द्वारा श्वसन तंत्र को रीसेट किया जा सकता है। इससे इंसान की भावना और सोच पर भी सकारात्मक प्रभाव पडता है। स्ट्रेस लेवल बढ़ने की स्थिति में किसी भी इंसान के लिए स्पष्ट सोचन कठिन हो जाता है। ऐसे में ब्रीदिंग एक्सरसाइज लाभ पहुंचाता है।
पाचन क्षमता को स्वस्थ रखने में उपयोगी
नियमित तौर पर सांस लेने से संबंधित व्यायाम करने से डायजेशन सिस्टम को हेल्दी बनाए रखने में मदद मिलती है। पेट फूलना, सूजन, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं से निजात मिलता है। इसके अलावा इससे जीईआरडी (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग) के लक्षणों को भी कम करने में मदद मिलती है।
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उम्र बढ़ने की रफ्तार पर लगाता है लगाम
सांस से संबंधित व्यायाम करने से उम्र बढने की गति को भी कम किया जा सकता है। भारतीय संस्कृति के पौराणिक पहलुओं पर अगर गौर करें तो प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों द्वारा इस तरह के नियमित अभ्यास की चर्चा मिलती है। जिसकी मदद से वे समान्य लोगों के मुकाबले अधिक समय तक स्वस्थ्य और जिंदा रह सकते थे। हमारे प्राचीन ग्रंथों में इस बात की भी चर्चा है कि सांसों की गति पर नियंत्रण पाकर इंसान लंबे वर्षों तक स्वस्थ जीवन जी सकता है। इस तरह के नियमित प्रयोग से शरीर के वजन को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।
ब्रीदिंग एक्सरसाइज से होता है पाश्चर में सुधार
नियमित ब्रीदिंग एक्सरसाइज करना का एक महत्पूर्ण लाभ पाश्चर से भी जुडा हुआ है। इसके नियमित अभ्यास से पेट और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। यह त्वचा को भी ढीला होने से रोकता है। प्राणायाम जैसे ब्रीदिंग एक्सरसाइज नियमित करने से शरीर में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने में मदद मिलती है। एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के मरीजों को पोश्चर में सुधार के लिए नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करते रहना चाहिए। इससे उन्हें दोहरा लाभ मिलता है।
कॉग्नेटिव हेल्थ के लिए लाभकारी
नियमित रूप से सांस लेने के व्यायाम करते रहने से फोकस और एकाग्रता बढती है। प्रत्येक चीजों को बेहतर ढंग से याद रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा बेहतर निर्णय लेने की क्षमता भी बढती है। बेहतर फोकस और एकाग्रता रहने से इंसान की याददाश्त बेहतर होती है।
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