Ankylosing Spondylitis exercise – क्या है सही तरीका
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : ankylosing spondylitis exercise: how to do physical exercise – एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में फिजिकल एक्सरसाइज की महत्वपूर्ण भूमिका है। विशेषज्ञ इस बात को जोर देकर कहते हैं कि जबतक आप सक्रिय हैं, यह रोग निष्क्रिय रहेगा और आपके ज्यादा आराम पसंद होते ही, यह शरीर पर अपना शिकंजा कसना शुरू कर देगा। यह एक आजमाया हुआ तथ्य भी है। इसलिए एएस के मरीजों को शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय रहने की सलाह दी जाती है।
अब सवाल उठता है कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहने का मतलब क्या रोजाना 5 किलोमिटर दौर लगाने से है या कुछ और ही है। ज्यादातर वैसे मरीज जिन्हें कुछ समय ही पहले एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस होने की जानकारी मिली है, उन्हेें यह पता नहीं होता कि शरीर को सक्रिय रखने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। यहां हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।
व्यायाम से होती है जीवन की गुणवत्ता में सुधार
स्पॉन्डिलाइटिस एसोसिएशन ऑफ अमेरिका (एसएए) के मुताबिक, एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस और स्पोंडिलोआर्थराइटिस, दोनों के उपचार में ही व्यायाम का विशेष महत्व है। एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित लोगों को जोड़ों की कार्य और गति बरकरार रखने के लिए ये मददगार साबित होते हैं। एक्सरसाइज से दर्द कम करने, पोस्चर को सही रहने और मांसपेशियों के असंतुलित होने से बचाव करने के साथ ब्रीदिंग की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलती है। इन सबके नियमित अभ्यास से मरीज के जीवन की गुणवत्ता मेें सुधार होता है।
क्या एक्सरसाइज से आप भी उब जाते हैं?
क्या एक्सरसाइज करते हुए आप भी उब जाते हैं? वर्क आउट रूटीन से उबने को लेकर चिेंता न करें। यूसीएलए स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर और आर्थोपेडिक स्पाइन सर्जरी के प्रमुख ए.एन. शमी, के मुताबिक जब तक किसी एक्सरसाइज से आपका मन विचलित न हो जाए, तबतक ज्यादातर व्यायाम मरीजों के लिए बेहतर साबित हो सकता है।
इस बीच यह भी तय करना जरूरी हो जाता है कि आप एक्सरसाइज सही तरीके से कर भी रहे हैं या नहीं? अब यहां यह सवाल आता है कि यदि आपको एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस है तो व्यायाम करने के लिए क्या करें और क्या न करें। इसके कुछ सामान्य नियम है। जिसे ध्यान में रखकर आप एक्सरसाइज से सिर्फ फायदा ले सकते हैं, इससे आपका नुकसान नहीं होगा।
पहले किसी फिजिकल थेरेपिस्ट के साथ वर्कआउट करें
एक कुशल भौतिक चिकित्सक आपकी आवश्यकताओं का आकलन करने उसके मुताबिक व्यायाम से संबंधित दिनचर्या बनाने में मदद कर सकता है। आप फिजियोथेरेपिस्ट का चयन अपने डॉक्टर या रुमेटोलॉजिस्ट की मदद से कर सकते हैं।
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नियमित रूप से व्यायाम करेंगे तभी इसका लाभ मिलेगा
ताकत, लचीलेपन और सक्रियता बनाए रखने के लिए व्यायाम नियमित रूप से करने की जरूरत होती है। इसके लिए नियमित रूप से अभ्यास किया जाना चाहिए। एक्सरसाइज के लिए एक नियमित समय निर्धारित करें। दिन के 24 घंटों में, यदि आप 20 मिनट भी व्यायाम करते हैं, तो आपको लाभ दिखाई देगा और अन्य कार्योे के लिए समय भी बचेगा।
केवल एक ही प्रकार के एक्सरसाइज से बचें
एक्सरसाइज के दौरान इस बात का ख्याल रखें कि केवल एक पैटर्न पर ही व्यायाम न करें। अपने व्यायाम में विशेष रूप से कूल्हों में स्ट्रेचिंग, बॉडी मूचमेंट और स्पाइन में फ्लेक्सिविलिटी बनाए रखने वाली कसरत करें। इसके अलावा कार्डियोवैस्कुलर और शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायामों को करने से लाभ मिलेगा।लॉस एंजिल्स में यूसीएलए हेल्थ के भौतिक चिकित्सक लैन बोहेम के मुताबिक यदि आपके कूल्हे कमजोर हैं, तो आपके स्पाइन को मजबूती देने के साथ इसमें लचक बनाए रखने में मदद मिलेगी।
इस दौरान अपने पोस्चर पर विशेष रूप से ध्यान दें क्योंकि अगर पोस्चर ठीक नहीं होगा और व्यायाम करेंगे तो इससे दर्द बढने का जोखिम पैदा हो सकता है। बोहेमे के मुताबिक “हम रीढ़ की हड्डी को नहीं बदल सकते हैं, लेकिन रीढ़ जिस बेस पर टिकी है, उसकी गतिशीलता को हम बनाए रख सकते हैं।
स्पाइन को बहुत ज्यादा मोडने से बचें
आर्थराइटिस रिसर्च यूके के मुताबिक कोई भी व्यायाम जिसमें आपको अपनी रीढ़ को बहुत अधिक मोड़ना पड़ता है या जो आपकी पीठ और रीढ़ पर दबाव डालता है, उससे फायदे के बदले नुकसान हो सकता है। उच्च प्रभाव वाले व्यायामों, जैसे दौडना, लंबी छलांग लगाना, शरीर को बेतरतीब तरीके से मोडने या खींचने से बचना चाहिए। आप व्यायाम करते समय अपने कंफर्ट जोन का पूरी तरह से ख्याल रखें। टेनिस, स्क्वैश और रैकेटबॉल जैसे झटकेदार और घुमा देने वाले खेल रीढ़, कूल्हों और घुटनों में दर्द बढ़ा सकता है।
दौडने के बजाए गति बढाकर वॉक करें
एंकिलोजिंग स्पान्डिलाइटिस वालों को दौडने से बचना चाहिए। अगर दौडना बहुत ज्यादा मिस करते हैं, तो इसके बदले गति बढाकर चलने को प्राथमिकता दें। इससे काफी फायदा मिलेगा। यह ध्यान रहे कि जब इंफ्लेमेशन और दर्द बहुत अधिक हो तो व्यायाम और अन्य शारीरिक गतिविधियों को करने की जगह उपचार और दवा लें।
डॉ. शमी का कहना है कि उपचार और दवा में प्रगति ने एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित कई लोगों को अपनी मुद्रा और ताकत बनाए रखने और अपनी पसंदीदा गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दी है लेकिन अगर आपकी गर्दन और रीढ़ अकड़ गई है, तो कुछ गतिविधियां, जैसे संपर्क खेल, विशेष रूप से आपकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता हैं। यदि आप संपर्क खेल या अन्य उच्च प्रभाव वाले व्यायाम पर विचार कर रहे हैं, तो पहले अपने डॉक्टर या भौतिक चिकित्सक से बात करें।
ankylosing spondylitis exercise: how to do physical exercise – एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में फिजिकल एक्सरसाइज
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