Wednesday, April 2, 2025
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Ankylosing Spondylitis Exercise : एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी

जानिए कौन-कौन सी एक्सरसाइज आपके लिए नियमित रूप से करना है जरूरी

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Highlights

विशेषज्ञों का है कहना, दवा लेने से ज्यादा महत्वूपर्ण है Ankylosing Spondylitis Exercise और पोस्चर का ध्यान रखना

नई दिल्ली। Ankylosing Spondylitis Exercise : एंकिलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) में एक्सरसाइज, इससे पीडित मरीजों के बेहद महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है। यह वह जरूरी तरीका है, जिससे आप पोस्चर से संबंधित गिरावट (posture related decline) को नियंत्रित कर सकते हैं।

कुछ विशेषज्ञ एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक्सरसाइज (Ankylosing Spondylitis Exercise) को दवा से भी अधिक जरूरी बताते हैं। यह एक ऐसा तरीका है, जिसे अपनाकर मरीज शरीर की गतिशीलता (mobility) बनाए रख सकता है।

साथ ही विकलांगता से भी काफी हदतक बच सकता है। एएस में अधिकांश लोगों में कठोरता और दर्द की समस्या होती हैं, इसलिए फिट और लचीला रहने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करना बेहद महत्वूपर्ण है। अगर आप नियमित एक्सरसाइज नहीं कर रहे हैं तो धीरे-धीरे एक्सरसाइज करने की आदत विकसित करना शुरू कर दें। यह इस बीमारी के दुष्प्रभाव को प्रबंधित करने वाले तरीकों में से सबसे अधिक महत्वपूर्ण तरीका है।

Ankylosing Spondylitis Exercise के इन चार तरीकों को अपनाएं

स्पॉन्डिलाइटिस एसोसिएशन ऑफ अमेरिका (एसएए) ने चार प्रकार के व्यायाम को जरूरी और मरीजों के लिए उपयोगी बताया है।

स्ट्रेचिंग:

ये व्यायाम (Ankylosing Spondylitis Exercise) शरीर में लचीलेपन को बनाए रखने में बेहद मददगार साबित होता है। इससे पोश्चर में सुधार आने के साथ मांसपेशियों की कठोरता, सूजन और दर्द को कम करने में भी मदद मिलती है। इससे जोड़ों के संलयन के जोखिम को भी कम करने में सहायता मिलती है।

कार्डियोवास्कुलर:

इस व्यायाम विधि से हृदय की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। तैराकी या वॉक करना कार्डियोवास्कुलर एक्सरसाइज के दो बेहतरीन उदाहरण हैं। इससे फेफड़ों और हृदय की कार्यप्रणाली में सुधार होता है। इसके अलावा यह आपके मूड में भी सुधार करता है। इसके अलावा दर्द और थकान को भी दूर करने में मदद करता है।

मांसपेशियों को मजबूत बनाना:

मजबूत कोर और पीठ की मांसपेशियां रीढ़ को सहारा देने में मदद करती हैं। मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम से गति और मुद्रा में सुधार होता है। इससे दर्द को कम करने में भी मदद मिलती है।

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संतुलन:

संतुलन अभ्यास (Ankylosing Spondylitis Exercise) स्थिर रहते हुए या चलते वक्त आपके शारीरिक स्थिरता में सुधार करता है। इससे गिरने की संभावना कम हो जाती है। एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) मरीजों में शारीरिक असंतुलन होने की वजह से गिरने का जोखिम होता है। वहीं एएस मरीजों में फ्रैक्चर का जोखिम भी एक स्वस्थ्य इंसान के मुकाबले अधिक होता है। संतुलन से संबंधित व्यायाम आपकी शारीरिक स्थितरता बनाए रखने में मदद करते हैं। इससे असंतुलित होकर गिरने का जोखिम कम कर सकते हैं। व्यायाम का यह तरीका कम अस्थि घनत्व वाले लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं।

लक्षणों में राहत दिलाने में मददगार साबित होते हैं ये कुछ एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक्सरसाइज (Ankylosing Spondylitis Exercise)

1. पुल

एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी| Photo : freepik

यह व्यायाम कोर मांसपेशियों और ग्लूट्स को मजबूत बनाए रखते हैं।

ऐसें करें :

  • पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर सपाट रखें।
  • श्रोणि और पीठ के निचले हिस्से को फर्श से ऊपर उठाएं।
  • 5 सेकंड तक रुकें, फिर धीरे-धीरे नीचे आएँ।

2. कूल्हे और श्रोणि का घूमाव

एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी| Photo : freepik

यह व्यायाम पीठ के निचले हिस्से को फैलाने में सहायता करता है और पीठ के निचले हिस्से में होने वाली कठोरता और लचीलापन को सीमित होने से बचाता है।

ऐसे करें :

  • हाथों को सिर के ऊपर रखते हुए पीठ के बल लेटें।
  • घुटनों को मोड़ें और उन्हें धीरे-धीरे एक तरफ घुमाएं।
  • 5 सेकंड तक रुकें और फिर घुटनों को वापस कर लें।
  • इसे दोनों ओर 5 बार दोहराएं।

3. सुपरमैन

एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी| Photo : freepik

इस व्यायाम से ऊपरी और निचली पीठ और कूल्हों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। इससे जमीन पर बैठने की ताकत बनाए रखने में मदद मिलती है। इस व्यायाम को करते हुए शरीर को जरूरत से अधिक मोड़ने या गर्दन को अधिक खींचने से बचें।

ऐसे करें :

  • फर्श पर चारों तरफ घुटने टेकें।
  • दाएं हाथ और बाएं पैर को तब तक उठाएं, जब तक वे फर्श के समानांतर न हो जाएं।
  • 5 सेकंड के लिए स्ट्रेच और होल्ड करें।
  • नीचे आएं और दूसरे हाथ और पैर की मदद से इस विधि को दोहराएं।
  • प्रत्येक तरफ इसे 5 बार दोहराएं।

4. साँस लेने के व्यायाम

एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी| Photo : freepik

ये व्यायाम पसलियों की मूवमेंट के लिए जरूरी है। इससे सांस लेने की क्षमता को प्रभावित होने से बचाया जा सकता है।

ऐसे करें :

  • घुटनों को मोड़कर और पैरों को फर्श पर सपाट रखते हुए पीठ के बल लेटें।
  • हाथों को शरीर के किनारों पर, पसलियों के सामने रखें।
  • नाक से पांच बार गहरी सांस लें और मुंह से छोड़ें। प्रत्येक सांस के साथ पसलियों को हाथों के सामने धकेलें।
  • फिर हाथों को ऊपर की ओर सामने छाती पर रखें और पहले की तरह पांच बार गहरी सांस लें।

5. हृदय से संबंधित व्यायम

 

एसएए (Ankylosing Spondylitis) मरीजों को विशेषज्ञ प्रति सप्ताह कुल 75-150 मिनट के लिए और सप्ताह में कम से कम तीन से पांच बार एरोबिक व्यायाम करने की सलाह देते है।

हृदय संबंधी खास व्यायाम

एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी
एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में व्यायाम और पोस्चर कंट्रोल इसलिए है जरूरी| Photo : freepik
  • तैराकी
  • चलना
  • साइकिल चलाना
  • योग या ताई ची

6. अन्य व्यायाम

एसएए (Ankylosing Spondylitis) स्पोंडिलोआर्थराइटिस के लिए इन व्यायामों का भी नियमित करना बेहतर परिणाम दे सकता है।

  • हैमस्ट्रिंग, क्वाड्रिसेप और हिप फ्लेक्सन प्रशिक्षण
  • अन्य पीठ के खिंचाव संबंधित व्यायाम
  • झुकने वाला भाग को स्ट्रेच करना
  • शरीर की मोबिलिटी को बहाल रखने के लिए घुमाव से संबंधित व्यायाम
  • गर्दन को घूमना और स्ट्रेच करना

एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस मरीज कब करें व्यायाम

व्यायाम (Ankylosing Spondylitis Exercise) से अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए यह जरूरी है कि आप इसे प्रतिदिन एक ही समय पर करें। कुछ मरीज कठोरता को दूर करने के लिए सुबह के समय स्ट्रेचिंग जैसे कुछ व्यायाम करना पसंद कर सकते हैं। हालांकि, दिन के बाद या शाम को इसे करना अधिक लाभ दे सकता है। अगर संभव हो तो व्यायाम प्रतिदिन एक ही समय पर सुबह और शाम दोनों ही वक्त करें।

आसन को लेकर रहें सतर्क

एएस में पीठ दर्द की वजह से मरीजों को दर्द से राहत पाने के लिए अपना आसन बदलना पड़ सकता है। समय के साथ, मुद्रा में बदलाव होने से मांसपेशियों और जोड़ों में कठोरता, कमजोरी और दर्द हो सकता है।

व्यायाम जो कोर को मजबूत बनाते हैं

इस तरह के व्यायाम (पीठ और पेट की मांसपेशियों से संबंधित) पीठ दर्द को कम कर सकते हैं और मुद्रा में सुधार कर सकते हैं। मरीज अच्छी मुद्रा प्राप्त कर सकते हैं और उसे बनाए रख सकते हैं।

ऐसे करें नियमित रूप से Ankylosing Spondylitis Exercise

विशिष्ट कोर मजबूती अभ्यासों (Ankylosing Spondylitis Exercise) को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इन्हें सप्ताह में दो से चार बार करें।
डेस्क पर बैठना, चलना और टीवी देखना सहित दैनिक गतिविधियों के दौरान अपनी मुद्रा को सीधा रखने का पूरा प्रयास करें।

आसन प्रशिक्षण से संबंधित अभ्यास करें

एएस के मरीजों को कुछ व्यायाम (Ankylosing Spondylitis Exercise) करने से सामान्य रूप से बैठने की शक्ति बनाए रखने में मदद मिल सकती है। शामिल हैं।

आसन व्यायाम 1

पीठ, एड़ी, नितंब और कंधों को जितना संभव हो सके दीवार से सटाकर खड़े हो जाएं।
दीवार की ओर पुश करें लेकिन सिर को पीछे दीवार की ओर झुकाएं नहीं।
5 सेकंड के लिए रुकें।
इसे 10 बार दोहराएं।

आसन व्यायाम 2

सीधे सामने देखते हुए पेट के बल लेट जाएं।
हाथों को शरीर के बगल में रखें।
घुटने को सीधा रखते हुए एक पैर को जमीन से ऊपर उठाएं। यदि इससे मदद मिलती है तो विपरीत भुजा को सामने उठाएं।

व्यायाम से मिलने वाले फायदे

व्यायाम (Ankylosing Spondylitis Exercise) एएस के लक्षणों से राहत पाने और ताकत और लचीलेपन को बनाए रखने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। SAA का कहना है कि व्यायाम उपचार का एक “अभिन्न हिस्सा” है।

  • मुद्रा में सुधार
  • ताकत, संतुलन और लचीलेपन को बढ़ाना
  • हृदय स्वास्थ्य में सुधार
  • सांस लेने की क्षमता में सुधार
  • उच्च रक्तचाप को कम करना
  • अस्थि घनत्व को अधिकतम करना
  • वजन प्रबंधन में सहायता करना
  • दवाओं के प्रति किसी व्यक्ति की प्रतिक्रिया में सुधार

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व्यायाम करते समय यह न करें

कुछ खेल, जिनमें जॉगिंग जैसी उच्च प्रभाव वाली गतिविधियां शामिल हैं, यह एएस मरीजों के लिए समस्याएं पैदा कर सकते हैं। संपर्क खेल एडवांस स्टेज के एएस मरीजों को नुकसान पहुंचा सकते हैं क्योंकि इन गतिविधियों से जोड़ों या रीढ़ की हड्डी में चोट का खतरा बढ़ सकता है। कम प्रभाव वाले लेकिन प्रतिस्पर्धी खेल, जैसे बैडमिंटन, अच्छे विकल्प हो सकते हैं। एएस वाले लोगों के लिए पिलेट्स, योग और ताई ची भी अच्छे विकल्प हैं।

ऐसे बढाएं अपनी गतिविधि का स्तर

गतिविधि स्तर बढ़ाने से एएस के लक्षणों को प्रबंधित करने में सहायता मिलती है। यह जरूरी है कि आप इसे सुरक्षित तरीके से करें। व्यायाम शुरू करने से पहले, एएस मरीज इन बातों का ख्याल रखें :

  • आपके लिए क्या सही है यह निर्धारित करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
  • मांसपेशियों को तैयार करने के लिए व्यायाम में शामिल होने से पहले अच्छी तरह वार्मअप करें।
  • हस्तक्षेप के जोखिम को कम करने के लिए आरामदायक, सहायक वातावरण में व्यायाम करें।
  • चोट से बचने के लिए धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता को बढ़ाएं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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