Thursday, November 21, 2024
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Ankylosing Spondylitis Patients Story : एएस से पीडित वर्चुअल प्राइवेट फिजिकल ट्रेनर की कहानी

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Ankylosing Spondylitis Patients Story – एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस से पीडित होने के बाद भी कर रहे हैं दूसरों की मदद

नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Ankylosing Spondylitis Patients Story- वर्चुअल पर्सनल ट्रेनर 34 वर्षीय अलेक्जेंडर लेविन को हमेशा से ही फिटनेस के प्रति गहरा जुनून रहा है लेकिन कौन जानता था कि वे एकदिन एक Autoimmune Rheumatic Disease से खुद ही पीडित हो जाएंगे। अलेक्जेंडर की यह कहानी आपको इस तरह की बीमारियों का सामना करने के लिए गहरी ताकत देने वाली साबित होगी। जिसके बल पर इससे होने वाली तमाम परेशानियों को आप अपनी ऊर्जा से नियंत्रित रख सकते हैं।

क्या है वर्चुअल ट्रेनर की यह Story :

खेल चिकित्सा (Sports Medicine) में अपना करियर बनाते समय, इनका ध्यान स्क्वैट्स और बेंच प्रेस जैसे पारंपरिक शक्ति प्रशिक्षण अभ्यासों पर केंद्रित था। हालाँकि, 21 साल की उम्र में उनके जीवन में एक अप्रत्याशित बदलाव आया, जब उन्हें तीव्र दर्द का अनुभव होने लगा। सायटिका, मध्य पीठ में जकड़न, और intense postural compression सहित लक्षणों ने एलेक्स के दैनिक जीवन को प्रभावित और बाधित करना शुरू कर दिया। वे कई डॉक्टरों के पास गए लेकिन कोई भी समस्या का कारण पता नहीं लगा पाया। हालाँकि, इस बीच फिजियोथेरेपी से उनके कंधे और कूल्हे की जकड़न और पीठ दर्द में कुछ राहत जरूर मिली।

क्या यह Sports Injury थी या कुछ और?

सबको यही लग रहा थी एलेक्स को स्पोर्ट्स इंजरी की वजह से चोट लगी होगी, जिसके कारण यह सामान्य दर्द उभरा है। जब वह 26 साल के थे, तो फुटबॉल से संबंधित कूल्हे की चोट को कारण मानते हुए उनका एक्स-रे किया गया। जिसके बाद उन्हें अपने दर्द की असली वजह की जानकारी ​मिली। उनके सैक्रोइलियक (एसआई) जोड़ों में सूजन की समस्या की जानकारी सामने आई। उन्हें बाइलैट्रल सैक्रोइलाइटिस होने की जानकारी मिली। यह स्थिति आमतौर पर एंकिलॉज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) से संबंधित होती है। उनके डीएनए में HLA-B27 जीन की खोज की गई और रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो गई। यह जीन AS से से जुड़ा हुआ एक मार्कर है। इस टेस्ट के बाद उन्हें स्पष्टतौर पर एएस से पीडित होने की जानकारी मिल चुकी थी।

सताने लगी भविष्य की चिंता

एएस से पीडित होने की जानकारी सामने आने के बाद अब एलेक्स को अपने भविष्य की चिंता होने लगी थी। वह गहर सोच में उलझ गए कि भविष्य में उनके साथ अब क्या होगा। एलेक्स के मुताबिक ”मेरा पूरा करियर स्वास्थ्य और फिटनेस पर रहा है।” “मुझे हैरानी हुई कि क्या मैं अपना करियर जारी रख सकूंगा। मेरा जीवन स्पोर्ट्स मेडिसिन है। कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि मैं इस क्षेत्र में अपना करियर अब नहीं बना पाउंगा।

चिंता ने बीमारी से संबंधित अध्ययन करने के लिए किया प्रेरित

डॉक्टरों से बातचीत के बाद उन्हें एएस की वजह से फेफडों और हार्ट के प्रभावित होने की चिंता सताने लगी थी। खुद को शांत रखने और अपनी स्थिति को बेहतर करने के लिए एलेक्स ने एएस के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाने के संकल्प के साथ लगातार अध्ययन करना शुरू कर दिया। उन्होंने इसे अपने दैनिक जीवन के हिस्से के तौर पर शामिल कर लिया।

व्यायाम शुरू किया तो दर्द से छटपटा उठे

जब एलेक्स ने अपनी पारंपरिक व्यायाम दिनचर्या को दोबारा शुरू करने का प्रयास किया, तो इससे बहुत अधिक दर्द हुआ। वह वजन उठाने और पिक-अप बास्केटबॉल खेलने जैसे अपने पसंदीदा वर्कआउट करने में खुद को असमर्थ पा रहे थे। उन्हें सक्रिय जीवनशैली को बनाए रखने के तरीके के बारे में निदान के बाद पहले कुछ वर्षों के दौरान उन्हें काफी जूझना पड़ा। उसने सोचा, “मैं आगे बढ़ते रहने का रास्ता कैसे खोज सकता हूँ? एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस में आप जितना निष्क्रिय हो जाएंगे, उतना ही जीवन जीना कठिन होने लगता है।

 

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व्यायाम के बारे में एलेक्स ने बदली मानसिकता

एलेक्स इस बात को स्वीकार करते हैं कि उनके पास व्यायाम को लेकर एक विशेष हुनर है और यह हुनर उनके लिए काफी मायने भी रखती है। जिसका बेसिक शक्ति प्रशिक्षण है। प्रशिक्षण का यह सिलसिला चलता रहे और वे कुछ नए तरीके ढूंढ सके, इसके लिए उन्हें अपनी सोच में बदलाव करना पड़ा। इसका मतलब था, व्यक्तिगत दृष्टिकोण अपनाना, जिसमें योग और भौतिक चिकित्सा तकनीकों का उपयोग शामिल था। एलेक्स कहते हैं, “मैंने व्यायाम को लेकर अपनी पूरी मानसिकता ही बदल दी और यह अंतर समझने में कामयाब रहा कि व्यायाम का क्या मतलब है? उन्होंने कि शारीरिक व्यायाम और शरी​र को मजबूत करने वाले व्यायाम के बीच क्या अंतर है।”

कसरत की तकनीक में किया बदलाव

एलेक्स ने यह पाया कि वह अपनी कसरत तकनीकों को संशोधित करके धीरे-धीरे उन अभ्यासों को फिर से शुरू कर सकते हैं जो उन्हें एएस से पहले पसंद थे। उन्होंने इसके लिए अधिक प्रतिरोध मशीनों (resistance machines) और प्रतिरोध बैंडों (resistance machines) का उपयोग करना शुरू कर दिया। उन्होंने अनिवार्य रूप से एक व्यक्तिगत दिनचर्या तैयार करने के लिए “फिटनेस को हैक” करने की कोशिश की जो उनके शरीर के अनुकूल हो। एलेक्स द्वारा चुने गए अभ्यासों की योजना सोच समझकर बनाई गई, जिसमें उचित फॉर्म बनाए रखने पर खासा ध्यान दिया गया है। यदि वह पीठ की जकड़न या सायटिका से जूझ रहे है, तो उन्होंने वजन प्रशिक्षण (Waight Traning) के बजाय प्रतिरोध मशीनों का विकल्प चुना।

उन्होंने यह भी माना कि इस दौरान कुछ ऐसे क्षण भी आते हैं, जब आराम की जरूरत भी महसूस होती है। एलेक्स के मुताबिक उनका वर्कआउट दर्द से तय होता है। इसीलिए उनकी दिनचर्या साप्ताहिक आधार पर बदलती रहती है। अपने दर्द भरी इस यात्रा से एलेक्स को यह सीखने को मिला कि उन्हें खुद को फिट रखने के लिए वर्कआउट को खुद के मुताबिक तैयार करना होगा। एलेक्स का यह अनुभव उन्हें हमेशा यह याद दिलाता है कि मजबूत होने का मतलब सिर्फ वजन उठाना ही नहीं, बल्कि लचीलापन भी होता है। Ankylosing Spondylitis Patients Story

 

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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