Ankylosing Spondylitis Specialists : आखिर कौन करता है एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) का उपचार
रुमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम और उसके संयोजी ऊतकों (musculoskeletal system and its connective tissues) को प्रभावित करने वाली जटिल स्वास्थ्य स्थितियों का निदान और उपचार (Diagnosis and treatment of complex health conditions) करने में निपुण होते हैं।
ज्यादातर एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) Patients (HLA B27 Warriors) को नहीं होती है Ankylosing Spondylitis Specialists के बारे में जानकारी
Ankylosing Spondylitis Specialists (HLA B27) News in Hindi : एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) ऑटोइम्यून श्रेणी की बीमारी (Autoimmune Disease) है। इस बीमारी से पीडित मरीजों को असहनीय ज्वाइंट पेन (Joint Pain) का सामना करना पडता है। यह एक प्रगतिशील बीमारी (Progressive disease) है, जिसके एडवांस स्टेज के मरीजों में कई तरह की शारीरिक विकृतियां (Physical deformities) भी हो सकती है। जो विकलांगता (Disability) का कारण बन सकती है।
इस बीमारी (Ankylosing Spondylitis) से प्रभावित मरीजों में ज्वाइंट फ्यूजन (Joint Fusion) की समस्या होती है। जिसका सबसे अधिक असर स्पाइन और हिप ज्वाइंट (Spine and Hip Joint) में देखने को मिलता है। यह बीमारी सबसे अधिक युवाओं को प्रभावित करती है। जिनकी उम्र आमतौर पर 15-45 वर्ष होती है। जागरुकता की कमी एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के निदान (Diagnosis of ankylosing spondylitis) की राह में सबसे बडी बाधा साबित होती है।
जानकारी के अभाव में इससे प्रभावित मरीज अलग-अलग विशेषज्ञों के पास चक्कर लगाते रहते हैं। उन्हें यह पता ही नहीं होता कि एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी ऑटोइम्यून रूमेटिक बीमारियों का उपचार कौन करते हैं (Who treats autoimmune rheumatic diseases like ankylosing spondylitis)। यहां हम आपको विस्तार से यह बताएंगे कि आखिर एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाटिस के उपचार की विशेषज्ञता (Ankylosing Spondylitis Specialists) किस विशेषज्ञ के पास होती है।
Ankylosing Spondylitis Specialists : क्या हड्डियों से संबंधित बीमारी है एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस?
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस गठिया का एक गंभीर रूप (a severe form of arthritis) है। इसे हड्डियों से संबंधित बीमारी (bone related diseases) कहना पूरी तरह सही नहीं होगा। एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस क्यों होती है? (What causes ankylosing spondylitis?) वैज्ञानिक इसका अभी तक मूल कारण नहीं ढूंढ पाए हैं। कई वर्षों से लगातर इससे संबंधित अध्ययन करने वाले विशेषज्ञों ने यह जरूर पता लगा लिया है कि इस बीमारी से होने वाली समस्याओं के पीछे क्या कारण (Cause of Ankylosing Spondyltis) हो सकते हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक मानव शरीर में बीमारियों से रक्षा करने वाली सुरक्षा कवच यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity to disease) जब भ्रमित होकर अपने ही शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला (Attack on healthy cells) करती है तो इसे ऑटोइम्यून डिसॉर्डर (Autoimmune Disorders) कहते हैं।
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस भी एक ऑटोइम्यून बीमारी है। जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्वाइंट के बीच मौजूद सॉफ्ट टिश्यूज (soft tissues between the joints) को टार्गेट करती है। जिससे उनमें सूजन (inflammation) होता है। इस वजह से मरीज को असहनीय पीडा का सामना करना पडता है।
लगातार होने वाले सूजन की वजह से ज्वाइंट के बीच मौजूद सॉफ्ट टिश्यूज नष्ट होकर ठोस हड्डियों में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को मेडिकल साइंस की भाषा में ज्वाइंट फ्यूजन कहा जाता है। इस स्थिति में मरीजों को यह लगता है कि उन्हें हड्डियों से संबंधित बीमारी है और वह सीधे ऑर्थोपेडिक चिकित्सक (orthopedic doctor) के पास चले जाते हैं।
यहां समझने वाली बात यह है कि यह हड्डियों की नहीं बल्कि जोडों के बीच मौजूद सॉफ्ट टिश्यूज में होने वाली सूजन (Inflammation of the soft tissue between the joints) से संबंधित समस्या होती है। जिसका उपचार ऑर्थोपेडिक चिकित्सक नहीं करते हैं।
Ankylosing Spondylitis Specialists : किसके पास होती है एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस के उपचार की विशेषज्ञता
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी ऑटोइम्यून रूमेटिक डिसऑर्डर के उपचार की विशेषज्ञता रूमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) के पास होती है। यह विशेषज्ञ ज्वाइंट के बीच मौजूद सॉफ्ट टिश्यूज में होने वाली सूजन के उपचार के लिए योग्य होते हैं। इन्हें इस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
Ankylosing Spondylitis Specialists : रूमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) किसे कहते हैं?
रुमेटोलॉजी (Rheumatology) विषय में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त विशेषज्ञ को रूमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) कहते हैं। यह चिकित्सा विशेषज्ञ अपक्षयी (degenerative), स्वप्रतिरक्षी और सूजन संबंधी बीमारियों (autoimmune and inflammatory diseases) से निपटने के लिए प्रशिक्षित किए गए होते हैं। जो मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को प्रभावित करने वाली बीमारियों का उपचार (Treatment of diseases affecting the musculoskeletal system) करते हैं।
इनमें से कई बीमारियां आजीवन मरीजों को प्रभावित करती हैं। वहीं, कुछ बीमारियां पीढी दर पीढी भी एक ही परिवार के कई सदस्यों को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस एक जेनेटिक बीमारी है (Is ankylosing spondylitis a genetic disease?), इस विषय को लेकर चिकित्सकों की अलग-अलग राय है। रुमेटोलॉजिस्ट मरीजों के मस्कुलोस्केलेटल दर्द का प्रबंधन (Management of musculoskeletal pain) करने और पुरानी सूजन को प्रबंधित करने (managing chronic inflammation) में मदद करते हैं।
रुमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) किन बीमारियों का उपचार करते हैं?
रुमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम और उसके संयोजी ऊतकों (musculoskeletal system and its connective tissues) को प्रभावित करने वाली जटिल स्वास्थ्य स्थितियों का निदान और उपचार (Diagnosis and treatment of complex health conditions) करने में निपुण होते हैं। किसी साधारण चोट या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के मुकाबले ये बीमारियां अधिक जटिल होती है। जैसे – एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis), ल्यूपस (Lupus) या अन्य कोई ऑटोइम्यून बीमारियां (Autoimmune diseases)।
रूमेटिक बीमारियां (Rheumatic diseases) किसे कहते हैं?
ज्यादातर स्वप्रतिरक्षी रोग रूमेटिक बीमारियां (Rheumatic diseases) हो सकते हैं। जिसमें इंसान की प्रतिरक्षा प्रणाली (Defence system) अपने ऊतकों (Tissues) पर खुद ही भ्रमित होकर हमला करने लगते हैं। संयोजी ऊतक रोग (Connective tissue diseases) जो आपके पूरे शरीर में सहायक संरचनाओं (Supporting structures) को प्रभावित करते हैं।
सूजन संबंधी विकार या संक्रमण (Inflammatory disorders or infections), आपकी मांसपेशियों, जोड़ों या हड्डियों को प्रभावित करते हैं। इन स्थितियों के निदान के लिए रक्त परीक्षण और इमेजिंग अध्ययनों की जरूरत पडती है। इनके उपचार में अक्सर बहुआयामी दृष्टिकोण (Multidisciplinary approach) शामिल होता है। जिसमें दवाएँ, इंजेक्शन और फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) का उपयोग किया जाता है।
रुमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) को कैसे प्रशिक्षित किया जाता है?
रुमेटोलॉजिस्ट बनने के लिए प्रशिक्षण पारंपरिक स्नातक की डिग्री (Bachelor’s Degree) से आरंभ होता है। जिसके बाद चार वर्ष का मेडिकल स्कूल पाठ्यक्रम (Medical School Curriculum) पूरा करना पडता है। यह डिग्रियां डॉक्टर ऑफ मेडिसिन डिग्री (MD) या डॉक्टर ऑफ ऑस्टियोपैथी डिग्री (DO) हो सकती है।
मेडिकल स्कूल के बाद, चिकित्सक तीन साल की मेडिकल रेजीडेंसी की प्रक्रिया ( Process of Medical Residency) को पूरी करते हैं। भावी रुमेटोलॉजिस्ट को या तो इंटरनल मेडिसिन (Internal Medicine) या पीडियाट्रिक्स (Pediatrics) या दोनों में अपना रेजीडेंसी की प्रक्रिया को पूरा करना होता है।
अपने रेजीडेंसी के दौरान, डॉक्टर आंतरिक रोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रबंधन और उपचार (Management and treatment of a wide range of internal diseases) का अनुभव हासिल करते हैं। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तब उन्हें आगे की शिक्षा जारी रखने के लिए आंतरिक चिकित्सा या बाल रोग में बोर्ड परीक्षा (Board Exam in Internal Medicine or Pediatrics) उत्तीर्ण करनी पडती है।
इसके बाद इन्हें रुमेटोलॉजी में विशेषज्ञता (Specialization in Rheumatology) वाले दो से तीन साल के फेलोशिप कार्यक्रम में दाखिला (Admission to the Fellowship Program) प्राप्त करना होता है। इसके तहत इन्हें मस्कुलोस्केलेटल (Musculoskeletal) और ऑटोइम्यून बीमारियों के उपचार में में विशिष्ट प्रशिक्षण (Specialized training in the treatment of autoimmune diseases) दिया जाता है।
रुमेटोलॉजिस्ट (Ankylosing Spondylitis Specialists) एक कठोर परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बोर्ड-प्रमाणित (board certified) हो जाते हैं। एक बार प्रमाणित होने के बाद, उन्हें अपने मेडिकल लाइसेंस (Medical License) को बनाए रखने के लिए सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) पाठ्यक्रमों के माध्यम से अपने प्रशिक्षणों को अपडेट करते रहना पडता है। MOC नामक एक सतत शिक्षा कार्यक्रम (Continuing Education Programs) इस प्रक्रिया की निगरानी करता है। “MOC में हिस्सा लेने वाले डॉक्टरों” के रूप में इन्हें नामित किया जाता है।
इसे भी जानिए :
रूमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) किस तरह की बीमारियों का उपचार करते हैं?
रूमेटोलॉजिस्ट (Ankylosing Spondylitis Specialists) अपक्षयी, स्वप्रतिरक्षी और सूजन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किए गए होते हैं। जो मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को प्रभावित करने वाली बीमारियों का उपचार करते हैं।
ऑटोइम्यून बीमारी (Autoimmune Disease) किसे कहते हैं?
जब शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता (Immune Power) भ्रमित होकर अपने ही शरीर के स्वस्थ्य कोमल उत्तकों पर हमलावर हो जाती है। इस तरह की स्वास्थ्य स्थिति को ऑटोइम्यून बीमारी या डिसऑर्डर (Disorder) कहते हैं।
क्या ऑर्थोपेडिक डॉक्टर (Orthopedic Doctor) भी एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) का उपचार कर सकते हैं?
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस का उपचार (Ankylosing Spondylitis Treatment) करने के लिए रूमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologists) विशेषतौर पर प्रशिक्षित होते हैं। इस बीमारी के एडवांस चरण (Advance Stage) में जब शारीरिक विकृतियां (Physical deformities) होती है, तब उन विकृतियों के उपचार या सर्जरी में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर या सर्जर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (HLA B27) जेनेटिक बीमारी (Genetic disease) है या नहीं, इस विषय पर विशेषज्ञों में अलग-अलग राय कायम है। कुछ मरीजों के पारिवारिक इतिहास में एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस पाया जाता है लेकिन कई ऐसे मरीज भी हैं, जिनकी निकटतम पीढियों में इस बीमारी का इतिहास नहीं रहा है। ऐसे में यह जेनेटिक बीमारी है या नहीं, फिलहाल यह अध्ययन और शोध का विषय है।
एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) का प्रभावी उपचार क्या है?
वर्तमान में एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) एक लाइलाज बीमारी है। इस बीमारी के लक्षणों (Symptoms) को कुछ हदतक प्रबंधित कर मरीजों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर की जा सकती है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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