Ankylosing Spondylitis Patients story : मुकाबले के जज्बे ने बदल दी जिंदगी
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Ankylosing Spondylitis : एएस (AS) से जीतने के लिए प्रेरित करती है इन 3 मरीजों की कहानी- एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) के साथ जीवन जीना कैसा होगा, एएस (AS) के साथ भविष्य क्या होगा और क्या हम आसान जिंदगी गुजार सकेंगे? ये कुछ ऐसे प्रश्न हैं जो हर उस युवा के मन में चलते हैं, जिन्हें तत्काल या कुछ समय पहले ही एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाटिस से पीडित होने का पता चला है।
आप अगर अपने भविष्य को लेकर चिंतित है, तो यह भी एक पॉजिटिव पहल है, क्योंकि आप खुद को लेकर गंभीर हैं लेकिन हकीकत यह भी है कि चिंता करने से एएस की पीडा कम नहीं होती बल्कि बढ जाती है। हम यहां आपको एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस मरीजों का अनुभव (Ankylosing Spondylitis Patients Story) शेयर कर रहे हैं, जो तकलीफ से बोझिल आपके मन को एएस (AS) से मुकाबला करने की प्रेरणा से भर देगा। इसके साथ ही आपको आपके उन सभी सवालों के भी जवाब मिल जाएंगे, जो आपके मन में अक्सर चलते रहते हैं।
जब एएस ने थाम ली थी ऑस्ट्रेलियाई धावक की रफ्तार
ऑस्ट्रेलियाई धावक लारा हैमिल्टन की कहानी आपके बोझिल मन को एक नई दिशा प्रदान कर सकती है। 24 वर्षीय हैमिल्टन नॉर्डिक ने जल्दी ही अपनी प्रतिभा को पहचान लिया। उन्होंने एक प्रतिस्पर्धी के तौर पर विशेष रूप से क्रॉस कंट्री प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया। इसके बाद उपलब्धियां कदम चूमने लगीं और वर्ष 2017 में उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई U20 नेशनल क्रॉस-कंट्री चैंपियनशिप में जीत हासिल कर ली। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलियन नेशनल क्रॉस-कंट्री चैंपियनशिप में समग्र रूप से तीसरा स्थान हासिल किया। इसके बाद वह इडाहो में बोइज़ स्टेट यूनिवर्सिटी में हिस्सा लेने और दौड़ने के लिए वर्ष 2019 में अमेरिका चली गईं।
यहां उनके जीवन में एक विचित्र मोड तब आया, जब वर्ष 2020 में दौडते हए हैमिल्टन को अकडन और दर्द का अहसास होने लगा। हैमिल्टन के मुताबिक उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था कि वे एक ऑस्ट्रेलियाई चैंपियन की तरह नहीं बल्कि एक अधिक उम्र वाले और कम प्रशिक्षित धावक की तरह दौड लगा रही हैं। इसके बाद डॉक्टरों से संपर्क करने और कुछ प्रशिक्षणों के बाद उन्हें वह (Ankylosing Spondylitis) जानकारी मिली, जिससे वह एकदम से हैरान रह गईं लेकिन उन्होंने एकदम से खुद को संभाला और अक्तूबर 2022 में उन्होेंने बायोलॉजिक्स लेना शुरू कर दिया।
इससे उनके लक्षणों मेें काफी सुधार हुआ। अब हैमिल्टन ने दोबारा पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त किया और उसके बाद उन्होेंने रेसिंग की दुनिया में वापसी कर ली। अब वह कई एंड्योरेंस ट्रेल रनिंग स्पर्धाओं पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। हैमिल्टन कहती हैं, “चिकित्सा पेशेवरों की एक टीम बनाना महत्वपूर्ण है, जो आपके खेल और आपकी ज़रूरतों को बेहतर रूप से समझे।” “इससे आत्मविश्वास के साथ प्रदर्शन में भी मदद मिलेगी।” यहां उन्होंने यह साबित किया कि वह एएस (AS) के साथ लंबे समय तक और मजबूती से कैसे चलती रहती है।
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शारीरिक क्षमता को ही एएस के खिलाफ किया इस्तेमाल
हैमिल्टन ने एएस (Ankylosing Spondylitis) के साथ अपनी शारीरिक मजबूरियों को तो पहचान ही लिया था। उन्होंने अपनी शारीरिक क्षमता को इस बीमारी के खिलाफ इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। वे अपना ज्यादातर दौड़ पगडंडियों पर करने लगीं। वह अक्सर सब-अल्ट्रामैराथन दूरी पर, प्रति सप्ताह 70 मील से अधिक की दौड़ के साथ प्रशिक्षण लेती हैं। हैमिल्टन के मुताबिक आपके दौड़ने की शैली दर्द और परेशानी को कम करने के मामले में बड़ा अंतर ला सकती है।
वह सामान्य रहने के लिए लिए अपनी सांस लेने और अपने प्राकृतिक परिवेश पर ध्यान केंद्रित करती है। मोटे तौर पर मिट्टी या घास पर दौड़ने से डामर या कंक्रीट पर दौड़ने की तुलना में काफी कम प्रभाव पड़ता है। यह आपकी रीढ़ सहित आपके जोड़ों के लिए आसान और आरामदायक भी हो सकता है। यहां ध्यान देना जरूरी है कि ट्रेल रनिंग का मतलब यह है कि आपको अपने पैरों पर नज़र बनाए रखनी होगी। दौडते हुए पत्थर आदि अन्य बाधाओं से सामना होने की संभावना अधिक होती है। अपना पूरा समय लें और गिरने की किसी भी संभावना को टालने के लिए सडक पर चलने की तुलना में थोडा अधिक धीरे चलें।
गतिशीलता बनाए रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें
एएस (Ankylosing Spondylitis) शरीर के लचीलेपन को सीमित कर सकता है। इसका असर विशेषतौर से रीढ की हड्डी में हो सकता है। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम करें क्योंकि यह आपकी गति को सीमित होने से बचा सकता है।
हैमिल्टन के मुताबिक नियमित व्यायाम करने से मांसपेशियों को सक्रिय रखना संभव होता है। इसमें व्यायाम करने से काफी मदद मिलती है। कंधे घुमाने और हल्के मोड़ने जैसी गतिविधियों के अलावा, हैमिल्टन तंग मांसपेशियों के ऊतकों को ढीला करने के लिए फोम रोलर का भी उपयोग करती हैं। इसके अलावा सूजन को कम करने के लिए मैग्नीशियम युक्त एप्सम नमक स्नान भी करती हैं।
टेनिस खिलाड़ी ने गति की सीमा से एएस को दिया मात
28 वर्षीय स्टॉर्म हंटर महिला टेनिस एसोसिएशन (डब्ल्यूटीए) टूर पर शीर्ष क्रम की युगल टेनिस खिलाड़ी हैं। स्टॉर्म टूर्नामेंट और प्रशिक्षण के कठिन कार्यक्रम के साथ दुनिया भर में यात्रा कर रही हैं।
इस ऑस्ट्रेलियाई पेशेवर के मुताबिक “डब्ल्यूटीए टूर पर, हम लगभग हर हफ्ते एक नए देश में खेलते हैं, इसलिए इस दौरान बहुत लंबी यात्रा करनी पडती है। हर हफ्ते अलग-अलग बिस्तर होते हैं और प्रतिस्पर्धा करने के लिए अलग-अलग परिस्थितियां होती हैं।”
अचानक हुआ विपरीत परिस्थितियों से सामना
हंटर लगभग चार वर्षों से अलग-अलग स्थानों की यात्रा कर अपने खेल को जारी रखी हुई थी। अचानक वह कुछ समस्याओं से गुजरने लगी। उसकी समस्या उसके डॉक्टरों को भी समझ नहीं आ रहा था। वे हैरान थे कि हंटर को अचानक से हो क्या गया। जब वह अपनी स्थिति का आकलन करती थी तो कहती थी कि उनके शरीर में कुछ ऐसा था जो उन्हें ठीक महसूस होने ही नहीं दे रहा था।
वर्ष 2018 में, लगभग छह महीने तक कंधे में गंभीर दर्द की समस्या का सामना किया। इस बीच उनके डॉक्टर ने उन्हें रुमेटोलॉजिस्ट (rheumatologist) को दिखाने का सुझाव दिया। जिन्होंने सभी जरूरी जांच के बाद उन्हें एएस (Ankylosing Spondylitis) से पीडित होने का खुलासा किया।
एएस के निदान के तुरंत बाद से ही हंटर ने टीएनएफ अवरोधक दवा (TNF inhibitor drug) लेना शुरू कर दिया। इसके साथ पावर एक्सरसाइज पर कम और ताकत और गतिशीलता पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने प्रशिक्षण के तरीकों में बदलाव किया। इससे उनके लक्षणों में काफी सुधार हुआ। हंटर के मुताबिक “मैं पेशेवर टेनिस में वापस आने में सक्षम थी और तब से इसे प्रबंधित करने की कोशिश कर रही हूं।”
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वार्म-अप रूटीन जरूर अपनाएं
एक पेशेवर एथलीट के रूप में हंटर प्रतिदिन पांच घंटे तक प्रशिक्षण लेती हैं। चाहे उन्हें जिम जाना हो या पूरे तीन सेट के युगल फाइनल में प्रतिस्पर्धा करना हो, वह 20 मिनट का वार्म-अप रूटीन जरूर अपनाती हैं। ऐसे करने से हंटर के जोड़ों को उनकी पूरी गति से काम करने में मदद मिलती है।
हंटर कहती हैं, “मैं हमेशा यह सुनिश्चित करती हूं कि मैं किसी भी प्रशिक्षण सत्र या मैच से पहले अपनी पीठ को गर्म करने के लिए पर्याप्त समय दूं।” “इसमें फोम रोलिंग, कुछ रीढ़ की हड्डी की गतिशीलता व्यायाम शामिल हैं। इसके बाद कुछ कोर और ग्लूट सक्रियण अभ्यास भी करती हूं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मेरी पीठ के आसपास की मांसपेशियां भी काम करने के लिए तैयार हैं।”
अपने लक्षणों के आधार पर करती हैं अपना वर्कआउट प्लान
एएस (Ankylosing Spondylitis) की समस्या में जोड़ों में अकड़न और थकान जैसे लक्षण कहीं से भी सामने आ सकते हैं। यह प्रशिक्षण कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं। हंटर के मुताबिक “ऐसा होना बेहद निराश कर सकता है लेकिन मैंने अपनी इस स्थिति को स्वीकार कर लिया।”मैं इसे जहां तक हो सके बेहतर तरीके से प्रबंधित करने का प्रयास करती हूं।
जब हंटर अपनी पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों में जकड़न महसूस करती है, तब वह टेनिस कोर्ट पर अपना समय कम कर देती हैं और पूरे दो घंटों की सत्र के बजाए कुछ विशेष अभ्यास को ही प्राथमिकता देती हैं। अगर कभी अत्यधिक अकड़न और जलन के साथ थकान महसूस करती हैं, तब वह प्रशिक्षण कार्य से छुट्टी लेकर उस एक दिन केवल टहलने और योग करने का कार्य करती हैं।
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एक ऐसा एथलीट जिसने डॉक्टर की भविष्यवाणी को गलत साबित किया
27 वर्षीय ट्रायथलीट मैक्स पोपलास्की महज 17 वर्ष के थे, जब उन्हें एएस (Ankylosing Spondylitis) से पीडित होने की जानकारी हुई। वह छह साल की उम्र से तैराकी की प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा लेते आ रहे थे। मैक्स के मुताबिक डॉक्टरों ने उन्हें स्पष्टतौर पर यह कह दिया था कि वह खेल के उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन नहीं कर पाऐंगे लेकिन अगले 10 वर्षों में ही उन्होंने वाटर पोलो से लेकर अल्ट्रामैराथन तक कई तरह की गतिविधियों में न केवल हिस्सा लिया बल्कि वर्ष 2021 में वह एक पेशेवर ट्रायथलीट भी बनकर उभरे। इस तरह से उन्होंने अपने आत्मबल की बदौलत डॉक्टर की उस भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया।
अब आई परीक्षा की असली घडी
मैक्स के मुताबिक, दुर्भाग्य से उनका साप्ताहिक वर्कआउट बेहद असहनीय हो गया। समस्या इस कदर बढ गई कि उन्हें ट्रायथलॉन का खेल छोड़ना पड़ा। मैक्स कहते हैं ”मैं छह से आठ महीने की ऐसी स्थिति से गुज़रा, जहां मैं दौड़ते समय दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाता था।”
खुद को ही दे डाली चुनौती
मैक्स भी एएस (Ankylosing Spondylitis) मरीजों को सक्रिय रहने की पैरवी करते हैं। उनका कहना है कि “हर किसी किसी अन्य एएस (AS) पीडित की तरह ही मैं भी अच्छे और बुरे दिनों से गुजरता हूं लेकिन मैं नियमित तौर से व्यायाम करना जारी रखता हूं।
आज मैक्स पोलैंड में रहते हैं और खुद को चुनौती देने के तरीके ढूंढते हैं। वह चढ़ाई करते हैं, लंबी दूरी की साइकिल यात्रा करते हैं। मैक्स के मुताबिक “जब मैं आज बच्चों से बात करता हूं, तो मैं उनसे कहता हूं कि वे किसी और को यह न बताएं कि वे क्या कर सकते हैं और क्या नहीं।” उन्होंने साझा किया कि कैसे वह बिना किसी प्रभाव वाले खेलों के माध्यम से व्यायाम में निरंतरता बनाए रखते हैं।
हमेशा कुछ नया करने के लिए तैयार रहें
मैक्स ने क्रॉस-ट्रेनिंग के एक तरीके के रूप में रॉक क्लाइम्बिंग को चुना। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें खुद के लिए यह चुनौती पसंद थी। मैक्स कहते हैं “मुझे चढ़ाई की एथलेटिकिज्म पसंद है। यह एक गैर-भार वहन करने वाला व्यायाम है लेकिन इसमें मुख्य काम, ताकत और लचीलापन का ही है। खेल में एक सामाजिक तत्व भी है जो उन्हें अकेले जाने के बजाय दूसरों से मिलने की अनुमति देता है। मैक्स के मुताबिक “जब से मुझे एएस का पता चला है, मैंने वह सब कुछ किया है जो मैं करना चाहता था, चाहे वह बैककंट्री स्कीइंग, चढ़ाई, लंबी पैदल यात्रा या अल्ट्रामैराथन दौड़ना हो।
Ankylosing Spondylitis : एएस से जीतने के लिए प्रेरित करती है इन 3 मरीजों की कहानी
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