मंजूरी से पहले FDA को आखिर क्यों चेतावनी जारी करने की पडी जरूरत
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Ankylosing Spondylitis (AS) के उपचार में उपयोग होने वाले JAK inhibitors को मंजूरी देने से पहले अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने इसे लेकर एक चेतावनी जारी की। जिसे नाम दिया गया, ब्लैक बॉक्स। आखिर एफडीए (FDA) को क्यों जरूरत पडी इस तरह चेतावनी जारी करने की। आईए हम यहां विस्तार से आपको इसके बारे में बताते हैं :
जब FDA ने AS उपचार के लिए पहले JAK अवरोधक को मंजूरी दी, तो उसने ब्लैक बॉक्स चेतावनी के साथ ऐसा किया। एफडीए ने इस दवा के संबंध में गंभीर सुरक्षा जोखिम होने की बात कही है। साथ ही यह भी स्पष्ट कहा है कि कुछ लोगों के जीवन के लिए यह दवा खतरा भी साबित हो सकता है। Xeljanz के मामले में, संघीय एजेंसी ने यह पाया कि इस दवा से “दिल का दौरा या स्ट्रोक, कैंसर, रक्त के थक्कों और मृत्यु जैसी गंभीर दिल से संबंधित घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।
जेएके इनहिबिटर (JAK inhibitors) के जरिए उपचार कराने वाले मरीजों में गंभीर संक्रमण विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। किसी गंभीर संक्रमण की वजह से मरीज अस्पताल में भर्ती हो सकता है और कई बार मरीज की मौत तक हो सकती है। एबीएमएस बोर्ड
AS : JAK inhibitors के लिए एफडीए ने क्यों जारी किया ब्लैक बॉक्स चेतावनी
प्रमाणित रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. स्टेला बार्ड के मुताबिक अधिकांश मरीजों को इनहिबिटर के साथ इम्यूनोसप्रेसेन्ट, जैसे मेथोट्रेक्सेट और या कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स भी दिया जाता है। ऐसे में यह बताना मुश्किल है कि संक्रमण का जोखिम जेएके इनहिबिटर से पैदा हुआ या इन विशेष इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स से। उन्होंने ने एक अध्ययन के हवाले से ऐसा कहा। बार्ड ने पाया कि इन संक्रमणों में बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण शामिल हैं। जैसे हर्पीस ज़ोस्टर (दाद) और तपेदिक (टीबी)। इसके अलावा क्रिप्टोकॉकोसिस और न्यूमोसिस्टिस जैसे आक्रामक फंगल संक्रमण होना भी संभव हैं।
JAK अवरोधक किसी व्यक्ति के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकते हैं। यह उन्हें प्रमुख प्रतिकूल हृदय संबंधी घटनाओं (एमएसीई) के जोखिम को बढाने वाला साबित हो सकता है। जैसे कि दिल का दौरा या स्ट्रोक। वर्ष 2022 के एक अध्ययन में रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजोंं में टीएनएफ ब्लॉकर्स (TNF Blockers) के साथ जेएके अवरोधकों की तुलना की गई। इस अध्ययन में ऐसे लोेगों को शामिल किया गया, जिनकी आयु 50 वर्ष और उससे अधिक थी और जिनमें कम से कम एक हृदय जोखिम कारक था। शोधकर्ताओं ने JAK अवरोधकों के उपयोग के साथ इन प्रमुख प्रतिकूल हृदय संबंधी घटनाओं की उच्च दर पाई।
इस कारण से, डॉक्टर जेएके अवरोधकों को उन लोगों के लिए निर्धारित नहीं करने का निर्णय ले सकते हैं जो वर्तमान में धूम्रपान करते हैं, जो लोग पहले धूम्रपान करते हैं और जिन्हें दिल का दौरा या स्ट्रोक का इतिहास है। अध्ययन से यह भी पता चला है कि जेएके अवरोधक लेने वाले कुछ लोगों में
AS : JAK inhibitors के लिए एफडीए ने क्यों जारी किया ब्लैक बॉक्स चेतावनी
फेफड़ों के कैंसर सहित लिम्फोमा और अन्य कैंसर की उच्च दर थी। धूम्रपान के इतिहास वाले लोगों में जोखिम बढ़ गया था। वही तंत्र जो प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को अवरुद्ध करते हैं, शरीर को कुछ ट्यूमर से लड़ने से रोक सकते हैं।
क्या JAK inhibitors सभी के लिए सही हैं?
अक्षीय स्पोंडिलोआर्थराइटिस वाले केवल 51.3% रोगी – जिनमें से AS एक स्पेसिफिक सबसेट है – उनपर टीएनएफ अवरोधकों की प्रतिक्रिया पाई गई। इनमें से कुछ लोग समय के साथ दवा के प्रति अपनी प्रतिक्रिया खो भी देते हैं या अवांछनीय दुष्प्रभाव विकसित करते हैं, जबकि अन्य इसे लेने के योग्य नहीं होते हैं। इन कारणों से, एएस (AS) जैसी स्थितियों के लिए हमेशा नए उपचार विकल्पों की आवश्यकता होती है।
यहां बता दें कि ऑटोइम्यून और पुरानी सूजन संबंधी बीमारियों का क्षेत्र में होने वाली प्रगति एक बेहतर उदाहरण भी साबित हुई है। सिर्फ 4 दशक पहले, मानक उपचार नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) था। रुमेटीइड गठिया (RA) और एएस (AS) सहित विभिन्न स्थितियों वाले लोग एस्पिरिन जैसी दवाओं की उच्च खुराक लेंते थे। इससे साइड इफेक्ट काफी होता था और किसी को राहत मिलता था तो किसी को नहीं। जिसके बाद NSAIDs उपलब्ध होने से हालात थोडे सुधर गए।
वर्ष 2000 के दशक की शुरुआत में इन स्थितियों के इलाज में पहली सफलता देखी गई, क्योंकि एएस या अन्य ऑटोइम्यून स्थितियों वाले लोगों के लिए एंटी-टीएनएफ अवरोधक उपलब्ध हो गए। आज, JAK अवरोधक भी उपलब्ध हैं। हालांकि डॉक्टरों ने आरए और कई अन्य इन्फलेमेट्री स्थितियों के इलाज के लिए इन दवाओं का उपयोग लगभग एक दशक तक किया है, लेकिन खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने केवल 2021 में एएस वाले लोगों में उपयोग के लिए उन्हें मंजूरी दी थी। अब, डॉक्टर उन लोगों के इलाज के लिए संभावित अगले कदम के रूप में JAK अवरोधकों की ओर रुख कर रहे हैं, जिन्होंने अन्य उपचार विकल्पों को अप्रभावी पाया है।
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एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (AS) के साथ अन्य कई बीमारियों का जोखिम जुडा हुआ है। इसमें से एक प्रमुख समस्या हृदय रोग (Ankylosing Spondylitis and AS) भी है। एएस के साथ हृदय रोग की चपेट में आना बडी कठिनाई साबित हो सकती है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि Ankylosing Spondylitis से पीडित मरीज वह सभी प्रयास करते रहें, जिससे हृदय रोग का जोखिम (heart disease risk)
किसी परिवार का एक सदस्य जब Ankylosing Spondylitis जैसी लाइलाज बीमारी से पीडित होता है, तब मरीज का शरीर उसकी पीडा सहती है लेकिन पारिवारिक सदस्यों की आत्मा उस दर्द की पीडा को महसूस करती है। यह हाल तब होता है जब इस Autoimmune rheumatic diseases से परिवार का सिर्फ एक सदस्य पीडित होता है। जरा सोचिए अगर पारिवारिक जीवन के दो महत्वपूर्ण स्तंभ पति और पत्नी (Husband and Wife) दोनों ही AS से पीडित होे, तो उस परिवार की परिस्थितियां क्या होगी?
Ankylosing Spondylitis (AS) के उपचार में स्टेम सेल थेरेपी (stem cell therapy) कितना कारगर है और क्या इस थेरेपी का प्रयोग एएस मरीजों पर करने की मंजूरी भी है या नहीं? ये तमाम ऐसे सवाल हैं, जिन्हें अक्सर AS मरीजों को पूछते हुए पाया जाता है। आज हम आपको स्टेम सेल थेरेपी से जुडी हुई प्रत्येक जरूरी जानकारी विस्तृत रूप से देंगे।
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