वेब कहानियां

योग दिवस पर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के प्रति फैलेगी जागरूकता

नई दिल्ली : अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (international yoga day 2022) के मौके पर लोगों को ऑटोइम्यून डिसऑर्डर (autoimmune disorder) के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से राजधानी दिल्ली में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम कैंपेन अगेंस्ट अंक्योलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस इंडिया (campaign against ankylosing spondylitis india) आयोजित करेगी। इस मौके पर लोगों को ऑटोइम्यून डिसॉर्डर के बारे में बताया जाएगा। साथ ही इस बीमारी से सामाजिक आर्थिक और शारीरिक प्रभाव के बारे में भी लोगों को जानकारी दी जाएगी।

 

 योग दिवस पर ऑटोइम्यून डिसॉर्डर के प्रति फैलेगी जागरूकता  "
caas india

यहां बता दें कि देश की लगभग 4 प्रतिशत आबादी किसी न किसी ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से पीडित है। यह रोगों की एक ऐसी श्रेणी है, जिसका कोई प्रभावी उपचार नहीं है। इस तरह की बीमारियां शरीर के खिलाफ ही उसके प्रतिरोधी तंत्र के व्यवहार करने से होती है। जिसका असर अलग-अलग अंगों पर होता है। अंक्योलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (ankylosing spondylitis) भी ऑटोइम्यून डिसऑर्डर श्रेणी की ही बीमारी है और यह ज्यादातर 15 से 35 वर्ष के युवाओं को भी पीडित करती है।

इसे भी पढें : योग दिवस के दिन 75000 युवा करेंगे प्रदर्शन

इस रोग से पीडित युवाओं के जोडों में सूजन और दर्द पैदा होती है। साथ ही शरीर के छोटे या बडे जोड आपस में जुडने लग जाते हैं। इस बीमारी का सबसे अधक प्रभाव रीढ की हड्डी पर पडता है, जिसके मनके आपस में जुडने लगते हैं। एक समय के बाद इस बीमारी से पीडित व्यक्ति की रीढ सिंगल बोन में तब्दील हो जाती है। इस बीमारी की य सर्वाधिक खतरनाक अवस्था मानी जाती है, जिसमें चोट लगने या किसी अन्य वजह से रीढ की हड्डी में फ्रैक्चर होना बहुत आसान हो जाता है।

ज्यादातर ऑटो इम्यून डिसऑर्डर  और अंक्योलूजिंग स्पान्डिलाइटिस से पीडित मरीजों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा नहीं दी जाती। देश का हेल्थ सिस्टम इसे ओपीडी ट्रीटेबल बीमारियां मानता है। कमाल की बात यह भी है कि इस तरह की बीमारियों को गंभीर श्रेणी का भी नहीं माना जाता है। जबकि, इन बीमारियों से पीडित व्यक्ति युवा अवस्था में ही विकलांगता का शिकार हो जाता है।

alt= " योग दिवस पर ऑटोइम्यून डिसॉर्डर के प्रति फैलेगी जागरूकता  "
caas india

इसे भी पढें : दिल्ली में तापमान के उतार-चढाव से टायफॉइड और डायरिया के मामले बढे 

कैपेन अगेंस्ट अंक्योलूसिंग स्पांडिलाइटिस के संस्थापक अध्यक्ष छत्रपति अंकुर के मुताबिक यह बीमारी सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रभावित करती है। जिसका सीधे तौर पर देश को नुकसान पहुंचता है। एक टैलेंटेड युवा देश के लिए कई स्तर पर फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन अगर यही युवा किसी बीमारी पीडित होकर विकलांगता का शिकार होता है तो वह देश की तरक्की में अपना योगदान नहीं दे पाता है।

इस तरह से देखा जाए तो सीधे तौर पर देश का ही नुकसान है। उन्होंने कहा​ कि विश्व में कई देशों ने अपनी जरूरतों के मुताबिक हेल्थ पॉलिसी में परिवर्तन किया है। जिन बीमारियों में हेल्थ बीमा की सुविधा नहीं थी, अब देने लगे हैं। अपने देश में इस आशय में विचार किया जाना चाहिए। अगर समय से और जरूरत के मुताबिक ऐसी बीमारियों का उपचार हो तो पीडित लोगों की जिंदगी आसान हो सकती है और वह विकलांगता से बच सकते हैं।


Read : Latest Health News | Breaking News | Autoimmune Disease News | Latest Research |  on  https://caasindia.in | caas india is a Multilanguage Website | You Can Select Your Language from Social Bar Menu on the Top of the Website .alt

5 thoughts on “योग दिवस पर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर के प्रति फैलेगी जागरूकता

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *