Ayurvedic Hospital Delhi : आयुर्वेर्दिक अनुसंधान के क्षेत्र में भी अग्रणी
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : Ayurvedic Hospital Delhi : एक समय था जब आयुर्वेद पद्धति में शोध और अनुसंधान के अभाव के तर्क पर सवाल उठाए जाते थे। वैसे तो यह परंपरागत और प्राचीन पद्धति है लेकिन कोरोना काल में आयुर्वेद ने न केवल अपनी प्रमाणिकता सिद्ध की है बल्कि इस पद्धति पर सवाल उठाने का सिलसिला भी थम गया है। कोरोना काल में आयुर्वेद ने लोगों का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल की है। आयुर्वेद पद्धति इन दिनों उन देशों में लोकप्रिय है, जो मॉर्डन मेडिसिन के क्षेत्र में बडे-बडे शोध-अध्ययन और खोज के लिए जाने जाते हैं।
दिल्ली में आयुर्वेद का एक ऐसा अस्पताल है, जिसे आयुर्वेद का एम्स कहा जाता है। जिस तरह मॉर्डन मेडिसिन के क्षेत्र में एम्स का नाम है, उसी प्रकार अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान आयुष के क्षेत्र की एक बडी चिकित्सकीय संस्थान है। यहां न केवल मरीजों का उपचार किया जाता है बल्कि आयुर्वेदिक अनुसंधान के क्षेत्र में भी इस संस्थान ने अपना लोहा मनवाया है। संस्थान ने आयुर्वेद के क्षेत्र में कई बडे शोध और अध्ययन किए हैं। जिससे संबंधित 1500 से अधिक रिसर्च पेपर भी प्रकाशित किया जा चुका है।
2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था उद्धाटन
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (Ayurvedic Hospital Delhi) का उद्घाटन वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। तब से लेकर यह संस्थान लगातार नई ऊंचाईयों को हासिल कर रहा है। संस्थान ने राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर के 54 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। एआईआईए (AIIA) की निदेशक डॉ. तनुजा नेसरी के मुताबिक संस्थान ने राष्ट्रीय मूल्यांकण और प्रत्यायन परिषद की समीक्षा में ए++ ग्रेड हासिल किया है। यह इस संस्थान की ताजा उपलब्धि है। एआईआईए इस तरह की उपलब्धि प्राप्त करने वाला देश का पहला आयुर्वेदिक संस्थान बन गया है।
मेडिकल एजुकेशन में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है संस्थान
दिल्ली के सरिता विहार स्थित यह आयुर्वेदिक अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों की नई पीढी को तैयार करने में जुटा हुआ है। यहां 354 मेडिकल छात्र पीजी और पीएचडी की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पिछले वर्ष गोआ स्थित इस संस्थान के सेटेलाइट केंद्र में 100 छात्रों ने बीएएमएस में दाखिला लिया है।
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5 वर्ष में 15 लाख मरीज स्वस्थ होकर लौटे घर
आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में एआईआईए की चिकित्सकीय गुणवत्ता का ही यह प्रमाण है कि पिछले 5 वर्षों में यहां से 15 लाख मरीजों को स्वस्थ करने में कामयाबी हासिल हो चुकी है। आयुष मंत्रालय की निगरानी में संचालित इस चिकित्सकीय संस्थान में विभिन्न बीमारियों का उपचार किया जाता है। इसके लिए यहां नियमित रूप से ओपीडी भी संचालित की जाती है। यहां इंटर्नल मेडिसिन, सर्जरी, आई एंड ईएनटी, प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ऑब्स्टेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी सहित कई अन्य विभाग के ओपीडी संचालित किए जाते हैं।
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