Friday, February 21, 2025
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Benefits of Yellow Kaner : पीला फूल जो हेल्थ को रखे कूल 

कनेर के फूल कई रंगों के होते हैं। जिसमें सफेद कनेर, पीला कनेर और लाल और गुलाबी कनेर होते हैं। कनेर की मुख्य रूप से दो प्रजातियां होती है। सफेद और पीला कनेर। फूलों के आधार पर इसकी प्रजातियां तय की गई है।

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औषधीय गुणों की खान है Yellow Oleander 

Benefits of Yellow Kaner, Benefits of Yellow Oleander, Yellow Kaner ke fayde aur nuksan : अभी तक आपने कनेर का इस्तेमाल (Use of oleander) सिर्फ पूजा के लिए किया होगा। बहुत कम लोगों को यह मालूम है कि कनेर का फूल कई स्वास्थ्य समस्याओं में उपयोगी साबित हो सकता है।
सबसे खास बात यह है कि यह फूल आसानी से उपलबध भी हो जाता है और इसपर सभी मौसम में फूल खिलते हैं। हम यहां आपको पीला कनेर के फायदे (Benefits of Yellow Oleander), पीला कनेर का औषधीय प्रयोग (Medicinal use of yellow oleander), पीले कनेर के फायदे और नुकसान (Benefits and side effects of yellow oleander) बता रहे हैं।

पीला कनेर क्या है? (What is Yellow Oleander (Yellow Kaner) in Hindi?)

कनेर के फूल कई रंगों के होते हैं। जिसमें सफेद कनेर, पीला कनेर और लाल और गुलाबी कनेर होते हैं। कनेर की मुख्य रूप से दो प्रजातियां होती है। सफेद और पीला कनेर। फूलों के आधार पर इसकी प्रजातियां तय की गई है।

पीला कनेर का वान​स्पतिक नाम (Botanical name of yellow oleander)

पीले कनेर को Thevetia peruviana (Pers.) Schum. (थिवेटिआ पेरूवियाना) Syn-Thevetia neriifolia Juss. ex DC., Cascabela thevetia (Linn.) Lippold के नाम से जाना जाता है। यह Apocynaceae (ऐपोसाइनेसी) कुल से संबंधित पौधा है।

इन नामों से भी पुकारा जाता है पीला कनेर (Name of Yellow Oleander in Different Languages)

Benefits of Yellow Kaner : पीला फूल जो हेल्थ को रखे कूल 
Benefits of Yellow Kaner : पीला फूल जो हेल्थ को रखे कूल
Hindi-पीला कनेर
Sanskrit-पीत करवीर, दिव्य-फूल
Oriya-कोनयार फूल (Konyar phul)
Kannada-कडुकासी   (Kadukasi)
Gujarati-पीला कनेर (Pili kaner)
Nepali-पीलो कनेर (Pelo kaner)
Marathi–पिंवलकण्हेर (Pivalakanher)
Malayalam-पच्चारली (Pachchaarali)
Telugu-पच्चागन्नेरु (Pachchaganeru)
Tamil-पचैयलरि (Pachaiyalari)
English – Yellow Oleander (येलो ओलिएन्डर), एक्जाइल ट्री (Exile tree), लक्की नट ट्री (Lucky nut tree)
Bengali-कोकलाफूल (Koklaphul), कोकीलफूल (Kokilphul), कलके फूल (Kalke phul)

विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं में पीले कनेर के फायदे और प्रयोग (Yellow Oleander (Yellow Kaner) Benefits and Uses in Hindi)

सिरदर्द से राहत के लिए पीले कनेर के प्रयोग और लाभ (Yellow Oleander Benefits to Relief from Headache in Hindi)

कनेर के फूल को कांजी में पीसकर पेस्ट तैयार करें। इसका लेप अपने माथे पर करें। इससे सिरदर्द में राहत मिलेगी। सफेद कनेर के पीले पत्तों को सुखाकर इसे बारीक पीस लें। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा है, उस तरफ की नाक से इसे सूघें। इससे छींक आएगी और सिरदर्द से राहत मिल जाएगी।

सफेद बालों की समस्या में पीले कनेर का प्रयोग और लाभ (Benefits of Yellow Oleander for Grey Hair Problem in Hindi)

कनेर और दुग्धिका को एक साथ कूट लें। इसे गोदधि के साथ मिलाएं और सिर पर इसका लेप लगाएं। इससे बाल झडने की समस्या में लाभ होगा और असमय सफेद होने की रफ्ताार में कमी आएगी।

कीट दंश में पीले कनेर का प्रयोग और लाभ (Yellow Kaner Benefits in Insect Bite in Hindi)

किसी कीड़े-मकौड़े के काटने के बाद कनेर के पत्तों का तेल लगाने से बेहतर लाभ मिल सकता है। कनेर के पत्तों को तेल में पकाएं। इससे प्रभावित हिस्से की मालिश करें। इससे कीट दंश के सूजन और दर्द में आराम मिलेगा।

घाव में पीले कनेर के प्रयोग और लाभ (Benefits of Yellow Kaner in Healing Wound in Hindi)

घाव के मामले में कनेर के पत्तों का विशेष लाभ है। कनेर के पत्तों को पीसकर इसे तेल में पकाएं। इसे साफ कपडे से छान लें और घाव पर लगाएं। इससे घाव में मौजूद कीटाणु नष्ट होते हैं।
Benefits of Yellow Kaner : पीला फूल जो हेल्थ को रखे कूल 
Benefits of Yellow Kaner : पीला फूल जो हेल्थ को रखे कूल

लकवा में कनेर का प्रयोग और लाभ (Yellow Kaner (Yellow Oleander) Uses for Paralysis Treatment in Hindi)

लकवे के मामले में सफेद कनेर फायदेमंद है। इसकी जड़ की छाल, सफेद गुंजा की दाल और काले धतूरे के पत्ते को समान मात्रा में मिलाकर इसका पेस्ट तैयार करें।
फिर पेस्ट से चार गुना पानी लें और पेस्ट के बराबर मात्रा में तेल ले लें। इन सभी को एकसाथ मिलकार कलई वाले बर्तन में धीमी आंच पर पकाएं। जब केवल तेल बच जाए तो इसे स्वच्छ कपडे से छान लें। इस तेल की मालिश से लकवे में लाभ मिलता है।

दांत के दर्द में पीले कनेर के प्रयोग और लाभ (Yellow Oleander Benefits to Relief from Dental Pain in Hindi)

दांतों के लिए सफेद कनेर की डाली बेहद उपयोगी साबित होती है। सफेद कनेर की डाली से दातुन करने से हिल रहे दांत भी मजबूत हो जाते हैं। वहीं, इससे दांत दर्द ठीक होता है और इससे राहत मिलती है।

हृदय दर्द में पीले कनेर के प्रयोग और लाभ (Benefits of Yellow Oleander to Cure Heart Pain in Hindi)

हृदय में होेने वाले दर्द के लिए पीले कनेर की जड बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। करीब 200 मिग्रा कनेर की जड की छाल लें और भोजन के बाद इसका प्रयोग करें। इससे हृदय दर्द की समस्या में राहत मिलेगी।

सिफलिस में पीले कनेर का प्रयोग और लाभ (Benefits of Yellow Oleander to Treat Syphilis Disease in Hindi)

सिफलिस में सफेद कनेर के पत्ते बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके पत्तोे का काढा बनाकर सिफलिस (उपदंश) के घावों को धोने से लाभ होता है। सफेद कनेर की जड़ को पानी मिलाकर पीसने से तैयार लेप से सिफलिस के घाव पर लगाएं। इससे लाभ मिलेगा।

जोड़ों के दर्द में पीले कनेर का प्रयोग और लाभ (Benefits of Yellow Kaner in Relief from Joint Pain in Hindi)

जॅाइंट पेन के मामले में पीले कनेर की महत्वपूर्ण उपयोगिता है। कनेर के पत्तों को पीसें और इसे अपने तेल में मिला लें। दर्द प्रभावित हिस्से में इस तेल का लेप करें। इससे जोडों के दर्द में राहत मिलेगी।
नियमित प्रयोग करने से कई बार जोडों के दर्द ठीक भी हो सकते हैं। 50 ग्राम कनेर के ताजे फूल लें। इसे 100 मिली मीठे तेल के साथ पीसकर इसे एक हफ्ते तक रख दें। इसके बाद इसे 200 मिली जैतून के तेल में मिक्स करके लगाएं। इससे पीठ और बदन दर्द में लाभ मिलेगा।

दाद में कनेर के प्रयोग और लाभ (Yellow Kaner Benefits in Itching Problem in Hindi)

दाद की समस्या में सफेद कनेर का प्रयोग बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। सफेद कनेर की जड की छाल को तेल में पकाएं, इसे साफ कपडे से छान लें। दाद प्रभावित हिस्से में लगाएं। इसके प्रयोग से दाद के साथ अन्य त्वचा की समस्याओं में लाभ मिल सकता है। खुजली की समस्या के लिए कनेर के पत्तों में पके हुए तेल का प्रयोग करने से राहत मिलती है।

कुष्ठ रोग में कनेर के प्रयोग और लाभ (Benefits of Yellow Kaner in Leprosy Treatment in Hindi)

सफेद कनेर की जड़ के साथ कुटज-फल, करंज-फल, दारुहल्दी की छाल और चमेली की नयी पत्तियों को पीसकर लेप तैयार करें। इससे प्रभावित हिस्सों पर लगाएं। कनेर के पत्तों का काढा तैयार करके इसे नहाने के पानी में मिलकार नियमित स्नान करने से भी कुष्ठ रोग में राहत मिलती है। सफेद कनेर की छाल को पीसकर लेप तैयार करें और इसका चर्म रोग पर लेप करें।
पीले कनेर की जड में पकाए गए तेल लगाने से भी कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है। 20 ग्राम कनेर के ताजे फूलों को 100 मिली मीठे तेल में मिलाकर पीसकर पेस्ट तैयार करें। इसे एक हफ्ते के लिए रख दें। इसके बाद 200 मिली जैतून के तेल में मिलाकर इसे लगाने से लाभ मिलेगा। कुष्ठ रोग और सफेद दाग के लिए यह आयुर्वेदिक फॉर्मूला राहत देने वाला साबित हो सकता है।

स्किन ग्लो के लिए कनेर का प्रयोग और लाभ (Kaner Benefits in Glowing Face in Hindi)

सफेद कनेर के फूलों को बारीक पीसकर चेहरे पर मसाज करने से स्किन में निखार आता है और स्किन ग्लो करने लगता है। इसका लेप तैयार कर अपने हाथों की त्वचा पर लगाकर पहले जांच जरूर कर लें।

पीले कनेर के इन हिस्सों का है औषधीय उपयोग (Beneficial Part of Yellow Kaner (Yellow Oleander in Hindi)

Benefits of Yellow Kaner : पीला फूल जो हेल्थ को रखे कूल 
Benefits of Yellow Kaner : पीला फूल जो हेल्थ को रखे कूल
पत्ते
दूध
जड़
जड़ की छाल

जरूरत से ज्यादा पीले कनेर के उपयोग का नुकसान या दुष्प्रभाव (Side Effect of Yellow Oleander (Yellow Kaner) in Hindi)

दस्त
एनीमिया
अवसाद (डिप्रेशन)
हृदय से जुड़ी बीमारियां
उल्टी
पेट दर्द
बेचैनी

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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Dr. RP Parasher
Dr. RP Parasherhttps://caasindia.in
Dr. R. P. Parasher is a clinical psychologist and Ayurveda specialist. He works as the Chief Medical Officer (Ayurveda) in Municipal Corporation of Delhi, Dr. Parasher is one of the popular practitioners in the field of Ayurvedic medicine. He has special interest in lifestyle diseases, treatment of autoimmune and rare diseases.
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