Thursday, November 21, 2024
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Care Heart : हार्ट अटैक मरीज अब 3 की जगह ले सकेंगे एक ‘पॉलिपिल’

तीन दवाओं की कंबाइंड डोज है पॉलिपिल

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Care Heart : World Heart Day पर हार्ट अटैक मरीजों के लिए राहत भरी खबर

नई दिल्ली। Care Heart : हार्ट अटैक (Heart Attack) से पीडित मरीज अब आजीवन 3-4 गोलियों की जगह केवल एक गोली ले सकेंगे। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हार्ट अटैक के इलाज (heart attack treatment) के लिए पॉलिपिल (Polypill) को आवश्यक दवाओं की सूची (List of essential medicines) में शामिल किया है। यह तीन दवाओं की कंबाइंड डोज (combined dose) है।

एम्स विशेषज्ञ ने कहा आसान होगी मरीजों की राह

एम्स (Aiims) के विशेषज्ञ भी पॉलिपिल को आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल करने को उपयोगी कदम बताया है। डॉक्टरों का कहना है कि इससे मरीजों के लिए हार्ट की देखभाल  और उपचार और आसान हो जाएगी। उन्हें जीवन भर 3 या 4 गोलियों की जगह केवल एक गोली ही लेने की जरूरत होगी। एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग (Cardiology Department) के प्रोफेसर डॉ. अंबुज राय (Dr. Ambuj Rai) के मुताबिक हार्ट अटैक वाले मरीजों को जीवन भर तीन दवाइयां अनिवार्य रूप से लेनी पडती है।

हार्ट अटैक मरीजों को अब 3 की जगह ले सकेंगे एक 'पॉलिपिल'
हार्ट अटैक मरीज अब 3 की जगह ले सकेंगे एक ‘पॉलिपिल’ | Photo : freepik

इनमें खून को पतला करने, कोलेस्ट्रोल का स्तर नियंत्रित रखने के लिए स्टैटिन और बीटा ब्लॉकर (Statins and beta blockers) दिया जाता है। एक ही दवा में इन सभी दवाओं का कॉम्बिनेशन मरीजों के लिए राहत से कम नहीं है। ऐसा पाया गया है कि मरीजों के लिए रोजाना तीन गोलियां लेना चुनौती साबित होती है।

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कुछ मरीज हालत थोडी बेहतर होने के साथ ही दवाएं लेना या तो कम कर देते हैं या दवा लेना ही बंद कर देते हैं। कई बार मरीज दवाएं लेना भूल जाते हैं। हार्ट अटैक के पुराने मरीजों पर कंबाइंड डोज वाली गोली पालीपिल के इस्तेमाल और उपचार को लेकर विदेश में लंबे वक्त तक शोध और अध्ययन किया गया है। इन अध्ययनों से यह निष्कर्ष निकलकर आया है कि पहले से हार्ट अटैक की समस्या का सामना कर रहे मरीजों में कंबाइंड डोज की यह दवा मौत की दर को 33 प्रतिशत तक कम कर सकती है।

जल्द ही राष्ट्रीय सूची में भी शामिल हो सकती है पॉलिपिल

पॉलिपिल के लाभ को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल किया है। इसके आधार पर ही देशों के द्वारा राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची में किस भी दवा को शामिल किया जाता है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही अपने देश में भी इस दवा को राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल कर लिया जाएगा। ऐसा होने से दवा की कीमत भी कम हो सकेंगी और बडे स्तर पर मरीज इसका लाभ भी उठा सकेंगे।

तीन में से एक मौत की वजह Heart Attack

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक हर तीन में से एक मौत की वजह हार्ट अटैक (Heart Attack) है। विश्व में बडी संख्या में हार्ट अटैक लोगों की मौत का कारण बन रहा है। वहीं, दिल के रोग से मरने वालों की तादाद चिंता पैदा करती है। प्रत्येक वर्ष करीब 11 करोड़ 79 लाख लोग, हृदय रोग की वजह से अपनी जांन गंवा देते हैं। रिपोर्ट में एक सकारात्मक पहलु यह भी सामने आया है कि 88 प्रतिशत लोग जागरूकता बरतते हुए हृदय रोग से बचाव के प्रति संवेदनशील भी हैं।

आंकडों में हृदय रोग से मौत

वर्षमौत
201218522
201319930
201418309
201518820
201621914
201723246
201825764
201928005
202028680
202128449
  • स्रोत : ADSI (NCRB)

हाइपरटेंशन सबसे बडी वजह

विशेषज्ञ हृदय रोग के पीछे सबसे प्रमुख वजह हाईपरटेंशन (hypertension) को बता रहे हैं। हाईपरटेंशन इसलिए भी अधिक खतरनाक साबित हो रहा है क्योंकि हाईपरटेंशन पीड़ित दो तिहाई लोग लो और मिडिल इनकम वाले देशों में रहते हैं। इनमें से आधे से अधिक ऐसे मरीज हैं, जिन्हें यह पता ही नहीं है कि उन्हें हाइपरटेंशन की समस्या है। विश्वभर में हाइपरटेंशन से पीडित मरीजों की तादाद 130 करोड़ हो चुकी है। हाइपरटेंशन से पीडित मरीजों की आयु 30 से 79 साल के बीच है।

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ऐसे करें हृदय रोग से बचाव

  • प्रतिदिन 30 मिनट टहलें।
  • रोज 15 मिनट तक ध्यान और हल्के व्यायाम करें।
  • तनाव मुक्त रहने की हर प्रकार से कोशिश करें।
  • कोलेस्टॉल के स्तर की नियमित जांच कराएं और उसे नियंत्रित रखें।
  • वजन नियंत्रित रखें।
  • रेशेदार भोजन करें।
  • शुगर नियंत्रित रखें।
  • रक्तचाप बढने पर अनदेखा न करें।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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