भोजन में औषधीय पौधों को शामिल कर नियंत्रित कर सकते हैं chronic inflammation
नई दिल्ली। यदि आप पुरानी सूजन (Chronic inflammation) की समस्या का सामना कर रहे हैं तो शायद आप शरीर के दर्द, पुरानी थकान और अनिद्रा से तंग आ चुके होंगे। क्या दवाइयां लेते हुए आपके पास पुरानी सूजन (Chronic inflammation) की समस्या के साथ समझौता करते हुए जीना पड रहा है? कुछ लोग इस समस्या से निपटने के लिए मॉर्डन मेडिसिन का सहरा लेते हैं तो कुछ लोग अंतिम उपाय के रूप में पारंपरिक चिकित्सा (traditional medicine) को अपनाते हैं।
जबकि अलग-अलग लोगों को इनमें से प्रत्येक विकल्प के साथ भिन्न परिणाम भी देखने को मिलते हैं। यहां हम आपको मशहूर क्लिनिकल हर्बलिस्ट विलियम सिफ (Clinical Herbalist William Siff) द्वारा बताए गए प्लांट प्रोटोकॉल (Plant Medicine Protocol) के बारे में बता रहे हैं, जिससे काफी हद तक पुरानी सूजन (Chronic inflammation) की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
कौन हैं William Siff?
क्लिनिकल हर्बलिस्ट विलियम सिफ़ (Clinical Herbalist William Siff) ने अपनी नई किताब, द प्लांट मेडिसिन प्रोटोकॉल (Plant Medicine Protocol) में कई रोचक जानकारियों को साझा किया है। गोल्डथ्रेड टॉनिक (Goldthread Tonic) के संस्थापक और सूत्रधार के रूप में सिफ दुनिया में सबसे अधिक मांग वाले नैदानिक हर्बलिस्टों (clinical herbalists) में से एक है। उनका शोध सूजन को कम करने, ऊर्जा बढ़ाने, प्रतिरक्षा निर्माण और पाचन में सुधार के लिए अभूतपूर्व रहा है।
Chronic inflammation क्या है?
जब भी आप घायल होते हैं या किसी प्रकार की बैक्टीरियल संक्रमण (bacterial infection) का सामना करते हैं तब सूजन वाली कोशिकाओं (inflammatory cells) से लडने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली (Defence system) सूजन के आसपास सक्रिय हो जाती है। कई बार खतरा टल जाने के बाद भी सूजन की स्थिति लंबे समय तक बनी रह सकती है। इसे क्रॉनिक सूजन (Chronic inflammation) कहा जाता है। कई बार अपने ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं को बाहरी तत्व समझकर उनपर हमला कर देती है।
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जिसके कारण ऑटोइम्यून हेल्थ कंडिशन (Autoimmune Health Conditions) पैदा होती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) और एंकिलोजिंग स्पॉन्डिलाइटिस (ankylosing spondylitis) इसके सबसे बडे उदाहरण हैं। ये इंफ्लेमेट्री ऑटोइम्यून रूमेटिक डिसऑर्डर (Inflammatory Autoimmune Rheumatic Disorder) हैं। जिसमें शरीर के जोडों के बीच सूजन की समस्या हो जाती है। इन स्वास्थ्य स्थितियों में पुरानी सूजन का होना सामान्य है। यदि आपको सूजन है, तो लालिमा, छूने पर गर्म महससू होना, जोडों में दर्द, जोडों में सूजन और कठोरता (stiffness) का अनुभव हो सकता है। सिफ की 5-चरणीय प्लांट प्रोटोकॉल योजना का उपयोग करके पुरानी सूजन (Chronic inflammation) की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
5-चरणीय प्लांट प्रोटोकॉल-5-Step Plant Protocol
विलियम सिफ (Clinical Herbalist William Siff) ने अपने इस प्रोटोकॉल में पारंपरिक चीनी चिकित्सा और आयुर्वेद से ज्ञान लिया है। उन्होंने अपनी नई किताब में पांच चरण बताए हैं। यह विधि आवश्यक रूप से आपके आहार से चीजों को हटाने के बारे में नहीं है। जबकि, स्वस्थ भोजन करना, व्यायाम करना, हाइड्रेटेड रहना और अच्छी नींद लेने इस उपचार की प्रभावशीलता को और बढाती है।
सिफ ने अपने प्रोटोकॉल में उन पौधों के प्रति संपर्क बढ़ाने के बारे में चर्चा की है, जो फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) का उत्पादन करते हैं। ये पौधों को जीवंत रंग, स्वाद और सुगंध प्रदान करते हैं। औषधीय पौधों में इनकी सांद्रता (concentration) ज्यादा होती है। सिफ के मुताबिक आप नियमित रूप से इन यौगिकों (compounds) का जितना ज्यादा सेवन करेंगे, उतना ही आपका स्वास्थ्य बेहतर होता चला जाएगा।
चरण एक: पाक कला
सिफ की योजना में पहला कदम आपके आहार में जड़ी-बूटियों, मसालों और कड़वे पदार्थों को शामिल करने से जुडी है। आप इनमें से कई चीजों का पहले से ही उपयोग कर रहे हों, यह भी संभव है। ये खाद्य पदार्थ कई व्यंजनों के निर्माण में महत्वपूर्ण रूप से प्रयोग किए जाते हैं। यहां कुछ जड़ी-बूटियां, मसाले और कड़वे पदार्थ बताए गए हैं, जिनकी सिफारिश सिफ ने द प्लांट मेडिसिन प्रोटोकॉल में की है।
- काली मिर्च
- कड़वा तरबूज
- अदरक
- Chives
- हल्दी
चरण दो: पोषक तत्व
पश्चिमी आहार (western diet) अक्सर उन पोषक तत्वों की उपेक्षा करता है, जिनमें आवश्यक विटामिन, खनिज, ट्रेस तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी होती है। शरीर को स्वस्थ रखने में यह पोषक तत्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए इन पोषक तत्वों को आवश्यक रूप से इस दूसरे चरण में शामिल किया गया है। सिफ के मुताबिक इन खाद्य पदार्थों को अक्सर “सुपरफूड” के रूप में पैक किया जाता है, भले ही दुनिया भर की संस्कृतियां इन्हें आलू की तरह आम मानती हैं।
- अकाई बेरीज़
- अल्फाल्फा का पत्ता
- बेर खजूर
- नोरी
- समुद्री सब्जियां
चरण तीन: डिमुलसेंट
डेमोलसेंट (demolishant) अपने शीतलन और मॉइस्चराइजिंग (moisturizing) गुणों के लिए जाना जाता है। इन पौधों में जल की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। जो सभी प्रकार की जीआई ट्रैक्ट समस्याओं, जैसे कि लीकी गट, को रोकने में मदद कर सकती है। अपने किताब में सिफ़ ने इस बात का उल्लेख किया है कि अपने आहार में डेमोलसेंट को शामिल करने का सबसे आसान तरीका सुबह सबसे पहले उन्हें पानी में मिलाकर पुनः हाइड्रेट (rehydrate) करना है।
- ताजा एलोवेरा का टुकड़ा
- चिया बीज
- मुलैठी की जड़
- मनुका शहद
- जैतून का तेल
चरण चार: तंत्रिकाएँ
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चौथे चरण में प्रयोग होने वाले औषधीय पौधे, उन व्यस्त क्षणों के लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं, जब आप काफी व्यस्त होते हैं। आमतौर पर, इन्हें कैमोमाइल (Chamomile) या पेपरमिंट जैसी हर्बल चाय के माध्यम से लिया जाता है। जब आप सांस लेते हैं, तब तंत्रिकाएं (nerves) आपको न्यूरोट्रांसमीटर उत्पन्न करने में मदद करती हैं।
इससे आपको आराम और आपकी चेतना की स्थिति को बदलने में सहायता मिलती है। सिफ़ द्वारा साझा की जाने वाली नसों को आराम देने वाले पौधों की पहली श्रेणी सुगंधित और आराम देने वाली हैं। इससे तंत्रिका तंत्र (Nervous system) को काफी राहत मिलती है। नीचे दी गई सूची में, कुछ आवश्यक तेल शेयर किया गया है। इस्तेमाल करने से पहले प्लांट मेडिसिन प्रोटोकॉल की जांच अवश्य कर लें। कुछ लोगों को इससे एलर्जी की समस्या हो सकती है।
- लोहबान
- लैवेंडर
- चंदन
- गुलाब
- चमेली
चरण पांच: एडाप्टोजेन्स
यह अंतिम चरण है लेकिन निश्चित रूप से यह महत्वपूर्ण है। एडाप्टोजेन्स (Adaptogens) लंबे समय तक तनाव के अनुकूल होने और अपने शारीरिक संतुलन को बहाल करने के लिए आवश्यक मदद प्रदान करता है। ये वास्तविक “सुपरफूड” हैं, जो अक्सर प्राचीन संस्कृतियों में शानदार किंवदंतियों (legends) के साथ बताए गए हैं। ये औषधीय तत्व आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करेने के साथ सूजन और कोर्टिसोल (cortisol) के स्तर को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा इनके इस्तेमाल से नींद की गुणवत्ता बढ़ती है साथ ही प्रजनन क्षमता को भी बढावा मिलता है। आप एडाप्टोजेन्स का लाभ उठाने के लिए अपनी दैनिक दिनचर्या में इन्हें शामिल कर सकते हैं :
- अल्मा बेरीज
- पवित्र तुलसी
- गोजी जामुन
- कोरियाई जिनसेंग
- एस्ट्रैगलस जड़
परफैक्ट होने से पहले नियमित होना जरूरी
जीवन में प्रत्येक दिन आपको खुद को साबित करने और भोजन के माध्यम से उपचार प्राप्त करने का नया अवसर देता है। इस दिशा में आपकी सहायता के लिए प्लांट मेडिसिन प्रोटोकॉल में स्वादिष्ट पेय व्यंजनों का एक पूरा समूह बताया गया है। जैसे स्पार्कलिंग रोज़मेरी लिमेडे (Sparkling Rosemary Limeade) या ब्लू पॉपी-सीड स्लीप एलिक्सिर (Blue Poppy-Seed Sleep Elixir)। सिफ के मुताबिक जब उनके प्रोटोकॉल का पालन करने की बात आती है तो निरंतरता पूर्णता से अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
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