भारत के लिए बडी समस्या बन गए हैं Chronic Obstructive Respiratory Disorder के मामले
नई दिल्ली। Chronic Obstructive Respiratory Disorder : भारत में क्रोनिक रेस्पिरेटरी डिजीज (CRD) बडी चुनौती साबित हो रही है। वैश्विक सीआरडी मामलों में 15.69 प्रतिशत मरीज भारत से ही हैं। इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि सीआरडी के कारण होने वाली सभी वैश्विक मौतों में से 30.28 प्रतिशत मौतें सिर्फ भारत में होती हैं।
एक विशेष सीआरडी, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), भारत में विशेष रूप से प्रचलित है, जिसके 5 करोड़ 50 लाख और 23 हजार मामले हैं। यह संख्या भारत को विश्वभर में सीओपीडी मामलों की सबसे अधिक वाला देश बनाता है। चिंता की बात यह है कि बात यह है कि सीओपीडी से संबंधित मौतों के मामले में भी भारत विश्व में दूसरे पायदान पर है।
यहां हर साल लगभग 8 लाख 50 हजार मौतें होती हैं। वहीं, देश अस्थमा के संबंध में एक चिंताजनक वास्तविकता से जूझ रहा है क्योंकि यह अस्थमा से संबंधित मौतों के मामले में विश्व में सबसे आगे है। इस स्थिति के कारण होने वाली वैश्विक मौतों में से 43 प्रतिशत मौतें केवल भारत में होती हैं।
अभियान के जरिए लोग होंगे जागरुक
विश्व फेफड़ा दिवस (World Lung Day) 2023 की थीम, “सभी के लिए रोकथाम और उपचार तक पहुंच: कोई भी पीछे न छूटे” को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस अभियान का संचालन अल्केम कर रहा है। जिसका उद्देश्य फेफड़ों के स्वास्थ्य के महत्व और शीघ्र निदान और सही उपचार की आवश्यकता पर लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। अल्केम इस पहल के माध्यम से भारत के हर कोने तक पहुंचने और श्वसन रोगों से पीड़ित लोगों की बढ़ती संख्या में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने मिशन को आगे बढ़ाने के लिए, अल्केम टियर-1 और टियर-2 शहरों के लगभग 100 अस्पतालों के साथ सहयोग करते हुए, पूरे भारत में 700-800 शिविर आयोजित कर रहा है।
इनहेलेशन थेरेपी को लेकर जागरुकता की पहल
अल्केम लेबोरेटरीज लिमिटेड के प्रेसिडेंट, हेड-एक्यूट बिजनेस, सुदीप्तो रॉय के मुताबिक “इस वर्ष विश्व फेफड़े दिवस पर अल्केम लेबोरेटरीज लिमिटेड, स्वस्थ फेफड़ों (healthy lungs) को बढ़ावा देने और इनहेलेशन थेरेपी (inhalation therapy) के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित है।
हमारा मानना है कि इनहेलेशन थेरेपी सहित गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार होना चाहिए। हमारी देशव्यापी पहल के माध्यम से, हमारा लक्ष्य जागरूकता फैलाना, जनता को शिक्षित करना और यह सुनिश्चित करना है कि श्वसन संबंधी बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में कोई भी पीछे न रहे।”
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इनहेलेशन थेरेपी श्वसन संबंधी प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और अक्सर अस्थमा और सीओपीडी सहित फेफड़ों की बीमारियों के लिए अनुशंसित प्रारंभिक या प्रथम उपचार है। “विश्व फेफड़ा दिवस 2023 पर, हम व्यक्तियों, संगठनों और सरकारों को इस वैश्विक आंदोलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं। साथ मिलकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि फेफड़ों की बीमारियों के खिलाफ लड़ाई में कोई भी पीछे न छूटे।
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