दूसरी लहर के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई थी याचिका
नई दिल्ली। कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड की कमी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई खत्म कर दी गई है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला लेेते हुए कहा कि सरकार की ओर से इस मामले में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा चुके हैं। नतीजतन, अब इस अर्जी पर सुनवाई करने का कोई औचित्य ही नहीं रह गया है।
इससे पहले इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कई बार सरकार पर तल्ख टिप्पणियां भी की थीं, लेकिन हालात और माहौल को देखते हुए और सभी गवाहों व बयानों को सुनने के बाद कोर्ट ने सुनवाई को बंद करने का फैसला लिया।
यहां बता दें कि राजधानी दिल्ली में कोरोना की दूसरी और मारक लहर के दौरान बड़ी तादाद में लोगों की मौत हुई थी। इसके पीछे ऑक्सीजन की कमी या फिर अस्पतालों में बेड न मिलने को कारण ठहराया गया था। इसी दौरान दिल्ली के एक अस्पताल में तो एक ही दिन में कथित तौर पर 25 मरीजों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया था। जबकि, अन्य अस्पतालों को भी ऑक्सीजन की भारी कमी से गुजरना पडा था। हालात यहां तक पहुंच गए थे कि कुछ अस्पतालों ने ऑक्सीजन की तत्काल आपूर्ति के लिए गुहार भी लगाई थी। इसी दौरान दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार की व्यवस्थाओं के खिलाफ याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि सरकार की खराब व्यवस्थाओं और कालाबाजारी के चलते दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी किल्लत का सामना करना पडा।
याचिका में ये भी कहा गया था कि खराब व्यवस्था के चलते दिल्ली के अस्पतालों में भी बेड की कमी हुई, जिसके चलते बड़ी संख्या में गंभीर मरीजों को इलाज से वंचित होना पडा। नतीजतन, बडी तादाद में लोगों की मौत हुई। इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई करने के बाद कहा कि सरकार ने समय के हिसाब से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं और आगे भी इस संबंध में सरकार की ओर से काम किया जा रहा है। इसे देखते हुए अब इस मामले में सुनवाई का कोई मतलब ही नहीं बनता है।
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Bahut hi achi khabar