80 देशों में अध्ययन के बाद इस Critical Illness का हुआ खुलासा
Critical Illness : आमतौर पर दुनियाभर में यह माना जाता है कि मच्छरों के वजह से पैदा हुए रोगों की वजह से सबसे ज्यादा मौत होती है लेकिन नए अध्ययन के नतीजों ने इस तथ्य को अब झुठला दिया है। इसके साथ ही दुनियाभर में एक नई तरह की बहस भी शुरू हो गई है कि आखिर वह कौन सी बीमारी है, जिसके कारण सबसे अधिक मौत हो रही हैं।
38 लाख से अधिक जान ले लेती है यह Critical Illness
इस नए अध्ययन में इस बात का पता चला है कि इस बीमारी से 38 लाख से भी अधिक लोगों की जान ले ली है। एक दशक पहले एक साल में जहां फंगल संक्रमण (fungal infection) से 20 लाख लोगों की जान जा रही थी, वहीं अब इसके सलाना आंकडों में दोगुनी तेजी आई है। इस अध्ययन को लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज (Lancet Infectious Disease) में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।
अध्ययन में दुनियाभर के 300 पेशेवरों ने किया सहयोग
लैंसेट इंफेक्सियस डिजिजेज में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस अध्ययन को भारत सहित 80 से अधिक देशों में किया गया है। इस अध्ययन में दुनियाभर के 300 पेशेवरों ने अपना सहयोग दिया, तब कहीं जाकर इसे पूरा करने में कामयाबी मिल पाई है।
ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में संक्रामक रोग विभाग के प्रोफेसर डेविड डेनिंग के मुताबिक, फंगस (fungal infection) से होने वाली मौतों के मामले में अंदाजा लगाना मुश्किल था। इसका पूर्वानुमान भी स्पष्ट नहीं था। दरअसल, फंगस कई रोगों (जैसे एड्स और ल्यूकेमिया) में जटिलताओं को और ज्यादा बढा देते हैं। जिसके कारण रोगी की मौत की आशंका बढ जाती है।
68 फीसदी मौतों के लिए सीधा जिम्मेदार है फंगल संक्रमण
विभिन्न प्रकार के रोगों से होने वाले मौत के आंकडों पर गौर करें तो फंगस की वजह से होने वाले रोगों से 68 प्रतिशत (25.5 लाख) मामलों का पता चलता है। वहीं, 12 लाख (32%) का संबंध दूसरे रोगों से पाया गया है।
सांस की समस्याओं से जुडी गंभीर बीमारियों की वजह से होने वाली 32.3 लाख मौतों में से एक तिहाई एस्परगिलस फंगस के संक्रमण से होने की जानकारी सामने आई है। इस बीमारी से कई लोगों की मौत इसलिए भी हो जाती है क्योंकि डॉक्टरों के लिए भी यह बीमारी रहस्य बन जाता है। डॉक्टर इस बीमारी को आसानी से कई बार पहचान नहीं पाते हैं। जब तब बीमारी की पहचान होती है, तबतक देर हो चुकी होती है।
मलेरिया, टीबी से भी ज्यादा खतरनाक बन गया है फंगस
अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक फंगस से होने वाली बीमारियों की वजह से जो मौतेें होती है उसके मृत्युदर ने रोगाणुओं से होने वाली मौत के आंकडों को भी पीछे छोड दिया है। विशेषज्ञ इस बात को जानकर हैरान हैं कि फंगस की वजह से होने वाले लोगों से मलेरिया की तुलना में 6 गुना और टीबी के मुकाबले 3 गुना ज्यादा मौतें हुई हैं।
फंगस का सबसे घातक कवक एस्परगिलस फ्यूमिगेटस और एस्परगिलस फ्लेवस हैं। यह फेफड़ों में संक्रमण की वजह बनते हैं। इससे प्रभावित मरीजों में अस्थमा, टीबी और फेफड़ों के कैंसर होने के जोखिम अधिक होते हैं।