AIIMS के डॉक्टरों ने किया 51 वर्षीय महिला में डुअल किडनी ट्रांसप्लांट
Dual Kidney Transplant in Delhi AIIMS : दिल्ली के एम्स अस्पताल (AIIMS Hospital) में डॉक्टरों ने पहली बार एक ऐसा कमाल किया है, जिससे सुनकर हर कोई दंग है। एम्स विशेषज्ञों ने 51 साल की एक महिला में एक ही तरफ दो किडनी प्रत्यारोपित (One side Dual Kidney Transplant in Delhi Aiims) कर उसे नई जिंदगी दी है। महिला मरीज पिछले कई महीनों से एम्स में अपना उपचार करवा रही थी। मरीज की दोनों किडनी फेल हो चुकी थी और वह रेगुलर डायलिसिस पर थी।
Delhi AIIMS : 78 साल की महिला थी डोनर
दरअसल, एम्स ट्रॉमा सेंटर (AIIMS Trauma Centre) में एक बुजुर्ग महिला को भर्ती किया गया। महिला सीढ़ियों से गिर गई थी लेकिन उपचार के दौरान उसे ब्रेन डेड (Brain Dead) घोषित कर दिया गया। मृतक महिला के परिवार ने ऑर्गन डोनेट (organ donation) करने का निर्णय लिया। हालांकि, उम्र ज्यादा होने से यह प्रक्रिया थोडी जटिल थी लेकिन आखिरकार जांच के बाद मृतक महिला के अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) के लिहाज से सही पाए गए।
यहां बता दें कि मृत्यु के बाद, ये भारत में सबसे ज्यादा उम्र में अंगदान करने वाली दूसरी महिला (Second oldest woman to donate organs in India) हैं। एम्स विशेषज्ञों के मुताबिक, मृतक महिला की उम्र बहुत अधिक होने के कारण उनकी किडनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रही थी। डॉक्टरों को आशंका थी कि उनकी किडनी प्रत्योरोपित करने से जीवित मरीज को कोई विशेष लाभ नहीं होगा। ऐसे में डॉक्टरों ने मृतक महिला की दोनों किडनी को निकालने का फैसला किया। अगंदान की यह प्रक्रिया 19 दिसंबर 2023 को पूरी की गई।
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एक ही तरफ दो किडनी (Bilateral Kidney Transplant) का अनोखा प्रयोग
एम्स विशेषज्ञों ने 21 दिसंबर को डायलिसिस पर चल रही 51 साल की महिला में दाहिने हिस्से में एक ही दो तरफ किडनी प्रत्यारोपित कर दी। यहां बता दें कि सामान्य तौर अंग प्रत्यारोपण की जरूरत वाले मरीजों को कई वर्षों तक अंग प्राप्त करने के लिए वेटिंग लिस्ट में इंतजार करना पडता है। ऐसे में डॉक्टर मृतक महिला से प्राप्त किडनी को किसी भी हाल में बेकार नहीं होने देना चाहते थे। जिसके बाद उन्होंने इस तरकीब को आजमाने का निर्णय लिया।
सफल रहा एम्स विशेषज्ञों का यह प्रयोग
दिसंबर में की गई प्रत्यारोपण की यह सर्जरी सफल साबित हुई और मरीज की हालत में सुधार होने लगा। उसके शरीर में दोनों किडनियां एक ही तरफ प्रत्यारोपित है और सही तरीके से काम भी कर रही है। इस ट्रांसप्लांट को सफल बनाने में एम्स की सर्जरी विभाग की डॉक्टर आसुरी कृष्ण और डॉक्टर सुशांत सोरेन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।