Tuesday, December 3, 2024
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Delhi Aiims Skin Cancer Treatment : नई तकनीक से सर्जरी करेगा एम्स

त्वचा कैंसर की सर्जरी (Skin Cancer Treatment) के लिए यह बेहद अत्याधुनिक और विशिष्ट सर्जिकल तकनीक है। विशेषज्ञ इसे त्वचा कैंसर के उपचार में देखभाल का मानक मानते हैं। इसमें असपास की सामान्य त्वचा की हानि बेहद कम होती है। वहीं, कैंसर ग्रस्त ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने की आजादी मिलती है।

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दिल्ली Aiims में शुरू हुई स्किन कैंसर की माइक्रोग्राफिक सर्जरी

Delhi Aiims News : दिल्ली एम्स ने स्किन कैंसर (Skin Cancer) मरीजों का उपचार (Skin cancer Treatment) सर्जरी की नई तकनीक (New technology of Skin Cancer Surgery) से शुरू की है। इस तकनीक को मोहस (MOHS) कहा जा रहा है। जो एक तरह की माइक्रोग्राफिक सर्जरी (micrographic surgery) है। एम्स  निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास (AIIMS Director Professor M. Srinivas) ने एम्स में इस सुविधा की शुरूआत की।

Skin Cancer Surgery शुरू करने वाला पहला अस्पताल बना Aiims

एम्स डर्मेटोलॉजी विभाग के विभागाध्याक्ष डॉ. कौशल कुमार वर्मा (Dr. Kaushal Kumar Verma, Head of Department of Dermatology, Delhi AIIMS) के मुताबिक, एम्स की मोहस तकनीक (Mohs technique of AIIMS) से भारत में स्किन कैंसर की सर्जरी शुरू करने वाला पहला अस्पताल (First hospital to start skin cancer surgery in India) बनकर उभरा है।
अभी तक स्किन कैंसर की सर्जरी (skin cancer surgery) में मरीजों के कैंसरग्रस्त त्वचा (cancerous skin) के ज्यादा हिस्से को काटकर निकालना पडता था। इसकी वजह से उनके शरीर पर बडे-बडे सर्जरी मार्क्स (large surgery marks) बन जाते थे। अब एमओएचएस माइक्रोग्राफिक तकनीक (MOHS Micrographic Techniques) से सर्जरी कर कैंसरग्रस्त उत्तकों (cancerous tissues) को निकालने में आसानी होगी। जिसकी वजह से मरीजों के शरीर पर सर्जरी वाले मार्क्स भी छोटे दिखेंगे।

Facial Skin Cancer वालों को मिलेगा विशेष लाभ 

स्किन कैंसर की माइक्रोग्राफिक सर्जरी नई तकनीक से करेगा एम्स
स्किन कैंसर की माइक्रोग्राफिक सर्जरी नई तकनीक से करेगा एम्स | Photo : Canva
डॉक्टर वर्मा के मुताबिक पहले अगर किसी मरीज को चेहरे की त्वचा का कैंसर होता था, तो सर्जरी के बाद उसके चेहरे पर सर्जरी के बडे-बडे मार्क्स रह जाते थे। इससे मरीज की सुंदरता प्रभावित होती थी लेकिन नई तकनीक से मरीज के सुंदरता पर सर्जरी का बेहद कम असर पडेगा। डॉक्टर वर्मा के अनुसार अब स्किन कैंसर के मामले तेजी से बढ रहे हैं। उनके विभाग में सर्जरी के लिए मरीजों को लंबी वेटिंग का सामना करना पड रहा है।

30 लाख की लागत से सुविधा हुई शुरू

एम्स (Delhi Aiims) के इस उद्घाटन समारोह में स्किन कैंसर की सर्जरी वाले 12 मरीजों को भी बुलाया गया था। डॉक्टर वर्मा के मुताबिक नई तकनीक से सर्जरी की यह सुविधा करीब 30 लाख की लागत से शुरू की गई है। जिससे अब स्किन कैंसर से प्रभावित मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार और देखभाल (Quality treatment and care for patients affected by Skin cancer) मिल सकेगी। इस तकनीक की एक विशेषता यह भी है कि इसमें समय कम लगता है और अधिक मरीजों की सर्जरी संभव हो पाएगी। विदेशों में इस तकनीक का इस्तेमाल पहले से किया जा रहा है।

क्या है Delhi Aiims की MOSH माइक्रोग्राफिक सर्जरी

त्वचा कैंसर की सर्जरी (Skin Cancer Treatment) के लिए यह बेहद अत्याधुनिक और विशिष्ट सर्जिकल तकनीक है। विशेषज्ञ इसे त्वचा कैंसर के उपचार में देखभाल का मानक मानते हैं। इसमें असपास की सामान्य त्वचा की हानि बेहद कम होती है। वहीं, कैंसर ग्रस्त ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने की आजादी मिलती है।
जिससे दोबारा कैंसर होने का जोखिम (Risk of getting cancer again) भी कम हो जाता है। इस तकनीक का उपयोग प्रमुख रूप से गैर मेलेनोमा त्वचा कैंसर (non-melanoma skin cancer) के मामले में किया जाता है। जबकि, अब मेलेनोमा और अन्य स्किन ट्यूमर के इलाज (Treatment of melanoma and other skin tumors) में भी इसका उपयोग किया जाएगा।
इस तकनीक का उपयोग करते हुए ट्यूमर को परतों में हटाया जाता है। जिसमें प्रत्येक चरण के बाद सर्जन स्वयं माइक्रोस्कोप के नीचे एक्साइज्ड नमूने (excised samples) को देख पाते है। इस प्रक्रिया को तबतक जारी रखा जाता है, जबतक कि किनारे साफ नहीं हो जाते हैं। इसके बाद ट्यूमर को हटाने की वजह से हुई सुराख (hole caused by tumor removal) को बंद करने के लिए स्किन फ्लैप और ग्राफ्ट तकनीकों का उपयोग (Use of skin flap and graft techniques) किया जाता है। डॉ. कौशल वर्मा के मुताबिक, त्वचा कैंसर के उपचार में यह तकनीक क्रांतिकारी साबित होगी।

अमेरिका से आया है डॉक्टरों का दल 

इस नई तकनीक की शुरूआत को संभव बनाने के लिए दिल्ली एम्स (Delhi Aiims) में अमेरिका से छह सर्जनों और तीन तकनीशियनों का दल आया है। एम्स निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास के मुताबिक, मरीजों को सर्वोत्तम विश्व स्तरीय उपचार और देखभाल प्रदान करने में एम्स हर संभव प्रयास करेगा।


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

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