Delhi High Court ने जताई नाराजगी
Delhi Hospital : दिल्ली सरकार के अस्पतालों (Delhi government hospital) में चिकित्सा सुविधा के बुनियादी ढांचे (Medical facility infrastructure) की स्थिति को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने 3 करोड की आबादी पर महज 6 सीटी स्कैन मशीनों (Only 6 CT scan machines for a population of 3 crore in Delhi) की उपलब्धता से संबंधित तथ्य को लेकर नाराजगी भी जाहिर की है।
Delhi Hospital : आश्चर्य! इतनी बडी आबादी पर महज 6 सीटी स्कैन मशीन
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने दिल्ली की तीन करोड आबादी पर दिल्ली सरकार के अस्पतालों (Delhi Hospital) में महज 6 सीटी स्कैन मशीनों की उपलब्धता (Availability of CT scan machines in Delhi) पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है? साथ ही यह भी कहा कि बुनियादी ढांचे को कई गुना बेहतर करने की आवश्यता है। यह रातोरात तो संभव नहीं है, आप इसे कैसे बढाएंगे? पीठ ने कहा कि लंबे समय से स्वास्थ्य क्षेत्र पर जरूरत के मुताबिक ध्यान नहीं दिया गया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं से जुडे मामले पर कोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान
स्वास्थ्य सुविधाओं (health facilities in Delhi Hospital) से जुड़े मामले का कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका (Public interest litigation) पर सुनवाई शुरू की थी। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने अदालत में मौजूद स्वास्थ्य सचिव से पूछा कि उनके अधिकारी किस तरह से अस्पतालों के बुनियादी ढांचों को बढाने के लिए योजना बना रहे हैं। अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य सचिव ने यह दावा किया है कि सभी छह मशीने इस्तेमाल की जा रही हैं लेकिन दो अलग संस्थानों ने एक अन्य मामले में हलफनामा देकर यह कहा है कि ये पूरी तरह काम नहीं कर रही है।
कोई समस्या है तो सीधे स्वीकार करें
मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि अदालत में बैठकर भी हमें यह पता है कि अधिकारी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। मशीने (Delhi Hospital) अक्सर खराब होती रहती हैं। अदालत ने कहा कि मशीन पुराने हो गए होंगे, यह भी एक कारण हो सकता है क्योंकि पिछले कई वर्षों से बुनियादी ढांचे में सुधार नहीं किया गया है।
अदालत ने कहा कि अगर कोई समस्या है, तो उसे सीधे स्वीकार किया जाना चाहिए। जब तीन करोड लोग हमारी ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हों, तो हमें यह नहीं कहना चाहिए कि हमारे बीच किसी तरह का विवाद चल रहा है।
सचिव ने स्वास्थ्य मंत्री के आरोपों का किया खंडन
दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव (Health Secretary of Delhi) ने स्वास्थ्य मंत्री के उन आरोपों का खंडन किया, जिसमें यह कहा गया था कि वे बैठकों में उपस्थित नहीं होते। इस सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार (Delhi Health Secretary SB Deepak Kumar) ने अरोपों से इंकार करते हुए कहा कि वे हमेशा बैठकों में मौजूद रहते हैं।
उन्होंने कहा कि मंत्री के बैठकों के विवरण में उनकी उपस्थिति भी दर्ज है। यहां बता दें कि कई सरकारी अस्पतालों का दौरा करने वाले स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्धाज (Health Minister Saurabh Bhardwaj) ने यह दावा किया कि जब भी उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों के साथ बैठकें बुलाईं, तब स्वास्थ्य सचिव बैठकों में उपस्थित नहीं हुए।
सभी संबंधित विभागों को रिपोर्ट और सुझाव देने के निर्देश
अदालत ने इस मामले से जुडे सभी विभागों को यह निर्देश दिया है कि वे अपनी रिपोर्ट और सुझाव दें। फिलहाल, 9 फरवरी तक के लिए आगे की सुनवाई स्थगित कर दी गई है। अदालत ने कहा है कि कमियों को देखने और विभिन्न प्राधिकारियों के स अदालत ने इस टिप्पणी के साथ मामले से जुड़े सभी विभागों को अपनी रिपोर्ट व सुझाव देने का निर्देश देते हुए नौ फरवरी तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
अदालत ने कहा कि वह कमियों को देखने और विभिन्न प्राधिकारियों के सुझावों पर विचार करने के लिए वे एक समिति गठित करना चाहते हैं। इसके साथ ही अदालत ने स्वास्थ्य सचिव को स्वास्थ्य क्षेत्र में बडी संख्या में रिक्तियों (Large number of vacancies in health sector Delhi) के मुद्दे पर गौर करने के लिए कहा।
रिक्त हैं डॉक्टरों के 75 प्रतिशत स्वीकृत पद
अदालत ने सुनवाई के दौरान दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा सौंपी गई स्थिति रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। इस रिपोर्ट में डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और दवाओं की कमी के साथ कई अन्य कमियों पर सुझाव दिए गए हैं।
दिल्ली सरकार के स्थायी अधिवक्ता के माध्यम से दायर स्थिति रिपोर्ट में स्वास्थ्य मंत्री ने यह स्वीकार किया है कि अस्पतालों (Delhi Hospital) में डॉक्टरों की कुल स्वीकृत संख्या का 33 प्रतिशत से अधिक (कुछ मामलों में इससे भी अधिक) पद खाली हैं। यह भी कहा गया कि दो जनवरी को दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिखा गया है। जिसमें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और सेवा विभाग को डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के चयन और नियुक्तियों में तेजी लाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
Delhi Hospital में रिक्तियों का हाल
- डॉक्टरों के 75 प्रतिशत पद खाली हैं।
- पैरामेडिक्स के 20 प्रतिशत से अधिक पद खाली है।