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नई दिल्ली : कोरोना (corona) की सतर्कता डोज के प्रति दिल्लीवासियों की उदासीनता बडी पहली साबित हो रही है। लगातार कोरोना संक्रमण के बढते हुए मामलों के बावजूद भी दिल्ली के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूकता नहीं दिखा रहे हैं। सतर्कता डोज के प्रति उदासीनता का यह आलम तब है, जब यह डोज लोगों को निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है।
आंकडे इस बात की पुष्टि करते हैं कि इस डोज के लिए योग्य होने के बावजूद भी करीब 71 प्रतिशत लोगों ने इसे लगवाया नहीं है। अगर आयु वर्ग की बात करें तो जिन लोगों ने अभी तक यह डोज नहीं लिया है, उनमें से ज्यादातर लोग 18 से 59 वर्ष के हैं। इस आयुवर्ग के 81.50 प्रतिशत लोगों ने अभी तक यह डोज लगवाया ही नहीं है।


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स्वाथ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक सतर्कता डोज को न लगवाने की स्थिति इस बात के सबूत हैं कि लोगों में कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता कम हो रही है। यह सही है कि इससे डरना नहीं है लेकिन अपने बचाव के लिए जागरूक रहना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि समय से डोज लगवाने से कोरोना संक्रमण के बाद की गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है। विभिन्न अध्ययनों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन और उसकी जरूरी डोज नहीं ली, ज्यादातर ऐसे ही लोग गंभीर रूप से बीमार हुए हैं और इनमें से ही ज्यादातर लोगों की मौत भी हुई है।
यहां बता दें कि दिल्ली मेें गत 10 अप्रैल से लोगों को सतर्कता डोज लगवाने की कवायद शुरू हुई थी। शुरूआत में यह डोज निशुल्क नहीं लगाया जा रहा था। जिसके कारण इस डोज के लिए लोगों को निजी अस्पतालों में जाकर पैसे खर्च करने पड रहे थे लेकिन लोगों की परेशानी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बाद में इस डोज को 18 से 59 वर्ष के लोगों के लिए निशुल्क कर दिया। अब यह डोज सभी सरकारी अस्पतालों में लोगों को निशुल्क लगाए जा रहे हैं।
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आयुवर्ग के हिसाब से 30 लाख से अधिक ऐसे लोग हैं, जो सतर्कता डोज लगाने के योग्य हैं। इनमें से 25 लाख लोगों ने अभी तक यह डोज नहीं लिया है। लोग अगर समय से डोज नहीं लेते हैं तो यह तादाद बढती ही जाएगी और फिर जब लोग अचानक इसको लगवाने के लिए जाएंगे तो भीड की वजह से उन्हें असुविधाओं का भी सामना करना पड सकता है। यहां बता दें कि दिल्ली सरकार का परिवार कल्याण मंत्रालय इसके लिए प्रति डोज 236.50 रूपए का भुगतान कर रहा है। सरकार इसके लिए हर घर दस्तक अभियान चलाकर भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है।
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