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आयकर विभाग की छापेमारी में सामने आया गोरखधंधा
नई दिल्ली। आयकर विभाग की छापेमारी में 150 करोड से अधिक काली कमाई के गोरखधंधे का खुलासा हुआ है। यह छापेमारी दिल्ली-एनसीआर में अस्पताल संचालित करने वाले कारोबारी समूहों के खिलाफ की गई। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को यह जानकारी साझा की। तलाशी अभियान की शुरूआत 27 जुलाई को की गई थी। जिसमें कारोबारी समूहों के 44 परिसरों को शामिल किया गया। इन समूहों की पहचान को उजागर नहीं किया गया है।
बोर्ड ने एक बयान में कहा कि समूहों में से एक ने खाते की किताबों का एक समानांतर सेट तैयार कर रखा था। इससे मरीजों से नकद में प्राप्त राशि से संबंधित रसीदों का व्यवस्थित तरीके से पूरा ब्योरा न दिए जाने का पता चलता है। यहां बता दें कि आयकर विभाग के लिए सीबीडीटी एक प्रशासनिक इकाई है। सीबीडीटी के मुताबिक इस समूह द्वारा अपनाए गए तौर-तरीकों में अस्पताल से मरीजों की छुट्टी के समय बिल को हटाना या बिल राशि को ‘छूट या रियायतें’ आदि के रूप में चिह्नित करना शामिल है। बयान में कहा गया है कि इन तरीकों को अपनाकर आयकर की चोरी होती है, इसे सभी अस्पतालों में अपनाया जा रहा है और यह गोरखधंधा कई वर्षों से चल रहा है।
बयान में एक अन्य कारोबारी स्वास्थ्य समूह को दवाओं और स्टेंट जैसे चिकित्सा उपकरणों के फर्जी बिल के काम में शामिल होने की भी जानकारी दी गई है, जिसने न केवल वास्तविक लाभ छिपाया बल्कि रोगियों से अधिक शुल्क भी वसूले गए हैं। बोर्ड के मुताबिक इन समूहों के अस्पतालों में से एक अस्पताल को निर्दिष्ट व्यवसाय के रूप में पात्र होने के लिए आवश्यक शर्तों को पूरा किए बिना वर्षों से गलत कटौती का दावा करते हुए भी पाया गया। तलाशी दल ने ऐसे दस्तावेज भी जब्त किए हैं जिनसे इस बात का खुलासा होता है कि डॉक्टरों और स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों के पास मरीजों को रेफर करने के बदले भुगतान की प्रथा बाकायदा चलाई जा रही थी। जबकि, इसे खाता किताबों में दर्ज नहीं किया गया।
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सीबीडीटी के मुताबिक मरीजों को दिए जाने वाले बिल के हिसाब से एक खास प्रतिशत पर रेफरल भुगतान तय होने की बात सामने आई है। तलाशी कार्रवाई के दौरान बेनामी प्रकृति के लेनदेन से संबंधित साक्ष्य भी पाए गए हैं। तलाशी दलों ने छापेमारी के दौरान 3.50 करोड़ रुपये की अस्पष्टीकृत नकदी और 10 करोड़ रुपये के आभूषण जब्त किए, जबकि 30 बैंक लॉकर भी सील किए गए हैं। बयान में यह कहा गया है कि अब तक इन अभियानों में मिली सभी समूहों की बेहिसाब आय 150 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।
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Nice kalabajri band honi chahiye