Tuesday, March 11, 2025
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Delhi News : ‘Human Physiology’ पर पुस्तक विमोचन 

पुस्तकें इस बात का वैज्ञानिक अन्वेषण (Scientific exploration) प्रस्तुत करती है कि किस तरह मानव शरीर की संरचना और कार्य वेदों और वैदिक साहित्य के गहन ज्ञान को दर्शाते हैं।

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Human Physiology पर आधारित हैं दोनों पुस्तक 

Delhi News, Book Launch/Release Event News : मानव शरीर क्रिया विज्ञान (Human Physiology): वेद और वैदिक साहित्य (Vedas and Vedic Literature) की अभिव्यक्ति, और मानव शरीर क्रिया विज्ञान में रामायण (Ramayana) आधिकारिक तौर पर भारत में लॉन्च की गईं।
पुस्तकें इस बात का वैज्ञानिक अन्वेषण (Scientific exploration) प्रस्तुत करती है कि किस तरह मानव शरीर की संरचना और कार्य वेदों और वैदिक साहित्य के गहन ज्ञान को दर्शाते हैं।
मानव शरीर क्रिया विज्ञान में रामायण, रामायण की महाकाव्य कथा (The Epic Tale of Ramayana) और मानव शरीर के भीतर जैविक प्रक्रियाओं (Biological Processes) के बीच संबंधों की गहराई से खोज करती है। इन पुस्तकों को डॉ. टोनी नादर (Dr. Tony Nader) ने लिखा है।
पुस्तक विमोचन कार्यक्रम (book launch event) में मुख्य अतिथि के रूप में जनरल जीडी बख्शी (General GD Bakshi) सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हुए। वहीं, वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अमिताभ वर्मा और अजय प्रकाश श्रीवास्तव ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
डॉ. नादर, हार्वर्ड से प्रशिक्षित चिकित्सक और न्यूरोसाइंटिस्ट (Neuroscientist) हैं। उन्होंने एमआईटी (MIT) से मस्तिष्क और संज्ञानात्मक विज्ञान (Brain and Cognitive Sciences) में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की है। विशेषज्ञ ने वैदिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान (Vedic knowledge and modern science) के बीच संबंधों पर शोध करने में दशकों बिताए हैं।

वैदिक ग्रंथ और मानव शरीर संरचना के संबंधों को उजागर करती है पुस्तक  

इन पुस्तकों में मानव शरीर की विभिन्न संरचनाएं वैदिक ग्रंथों के संगठन के अनुरूप कैसे हैं, इसका प्रमाण प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक में प्रमुख रूप से इस तथ्य का खुलासा किया गया है कि मानव मस्तिष्क का उदर दृश्य (ventral view of human brain) भगवान गणेश (Lord Ganesha) के रूप से कितना मिलता-जुलता है।
Delhi News : ‘Human Physiology’ पर पुस्तक विमोचन
Delhi News : पुस्तक विमोचन
कई अन्य उदाहरणों में, डॉ. नादर, वैदिक संरचनाओं और न्यूरोफिज़ियोलॉजी (Neurophysiology) के बीच आकर्षक समानताएं प्रस्तुत की है।
इसी तरह, रामायण इन ह्यूमन फिजियोलॉजी (Ramayana in Human Physiology) में रामायण के पात्र और घटनाएं मौलिक जैविक और शारीरिक सिद्धांतों (Fundamental biological and physiological principles) के साथ कैसे संरेखित होती हैं, इससे संबंधित तथ्यों को विस्तार से उजागर किया गया है।

Book Release Event : वेद और मानव शरीर रचना के बीच संबंधों की खोज 

इन पुस्तकों में राम और रावण के बीच महाकाव्य युद्ध मानव प्रणाली के भीतर जटिल नियामक तंत्र (Regulatory mechanisms) का प्रतीक बताया गया है, जो इस धारणा को पुष्ट करता है कि प्राचीन शास्त्र गहन वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि को समाहित करते हैं।
डॉ. नादेर के मुताबिक, “महर्षि के मार्गदर्शन में, मैंने वेद और मानव शरीर रचना के बीच एक सटीक संबंध की खोज की, जो ऋषियों की अंतर्दृष्टि (Insights of the sages) की पुष्टि करता है।
वेदोहम – “मैं वेद हूँ।” इस शोध से पता चलता है कि वेद शरीर (Body) और ब्रह्मांड (Universe) का खाका है। डीएनए से लेकर अंग प्रणालियों तक, हमारा शरीर विज्ञान वैदिक साहित्य को दर्शाता है, जो दर्शाता है कि बुद्धि पदार्थ (Intelligence Matters) का आधार है।
ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन तकनीक (Transcendental Meditation Technique), चेतना की एक वैदिक तकनीक है, जो गहन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है। व्यापक सहकर्मी-समीक्षित शोध (Peer-reviewed research) स्वास्थ्य और चेतना की उच्च अवस्थाओं में सुधार की पुष्टि करता है।

Human Physiology : भारत के वैदिक विज्ञान में अपार क्षमता 

डॉ नादेर के मुताबिक, आधुनिक विज्ञान अब वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत के वैदिक विज्ञान (Vedic Sciences of India) की अपार क्षमता को पहचान रहा है। हम मानवता के लाभ के लिए ध्यान करने वालों के बड़े समूह स्थापित करने के लिए भारतीय संगठनों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं।”
इस लॉन्च कार्यक्रम (Book Launch Program) में वैदिक अध्ययन (Vedic Studies) के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और विद्वानों ने हिस्सा लिया। वहीं, चेतना, चिकित्सा और प्राचीन ग्रंथों के प्रतिच्छेदन (Intersection) पर चर्चा को बढ़ावा दिया।
 वैदिक ज्ञान के वैज्ञानिक आधार (Scientific basis of Vedic knowledge) को समझने के लिए एक संरचित (Structured), साक्ष्य-आधारित दृष्टिकोण की पेशकश करने के लिए डॉ. नादेर के शोध को व्यापक रूप से सराहा जा रहा है।
इन पुस्तकों के प्रकाशन (Publications of books) के साथ, डॉ. नादेर प्राचीन ज्ञान (ancient wisdom) को आधुनिक वैज्ञानिक प्रतिमानों (modern scientific paradigms) के साथ एकीकृत करने पर चल रही बातचीत में योगदान देना चाहते हैं, जो मानव शरीर विज्ञान, चेतना और वैदिक परंपराओं के बीच गहन संबंधों पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान करता है।

नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

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