Delhi के आनन्द विहार ओवर ब्रिज एस्केलेटर के पार्ट्स मिले गायब
नई दिल्ली। Delhi News : दिल्ली सरकार के दिव्यांगजन आयुक्त (Commissioner for Persons with Disabilities) रंजन मुखर्जी जब दिल्ली की सड़कों के फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए निकले तो उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि एक हैरान कर देने वाली सूचना उनके सामने आ जाएगी।
आनंद विहार इलाके में निरीक्षण करते हुए अचानक उनकी नज़र फुटओवर ब्रिज पर पड़ी तो देखा की वहा बने एस्कलेटर की स्थिति छिन्न भिन्न हैं और उसके कई हिस्से भी गायब हैं। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि कोई दिव्यांग इस सड़क को बिना फुटओवर या एस्कलेटर के कैसे पार कर सकता है। उन्होंने पाया कि एस्कलेटर के कुछ पार्ट्स टूट गए हैं और कई अन्य गायब हो गए हैं। उन्होंने तत्काल ही इस एस्कलेटर की मरम्मत के आदेश देते हुए कहा कि अगर जरूरत हो तो इसे बदलने की कार्रवाई करें।
अतिक्रमण की जद में मार्ग और फुटपाथ देखकर दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश
दिव्यांगजन आयुक्त (Commissioner for Persons with Disabilities) ने संयुक्त अभियान के तहत कई अन्य विभागीय अधिकारियों और स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ आनंद विहार की सड़कों, फुटपाथ, बस स्टैंड का दौरा किया और पाया कि फुटपाथ के साथ सड़कें भी तहबाजारी, ठेले वालों और दुकानदारों ने घेर रखी है। यहां स्थिति कुछ ऐसी है कि दिव्यांगों की कौन कहे? एक सामान्य व्यक्ति का भी फुटपाथ पर चलना मुुश्किल हो रहा था। इस स्थिति को देखकर आयुक्त हैरान रह गए। उन्होंने फुटपाथ पर ही बिजली के खंभे, एमसीडी के एडवरटाइजमेंट पिलर को स्थापित पाया और इन सभी को हटाने के निर्देश भी दिए।
दिव्यांगों के लिए मार्ग सुगम बनाने की लगातार चला रहे हैं मुहिम
दिव्यांगजन आयुक्त (Commissioner for Persons with Disabilities) शारीरिक रूप से लाचार और बुजुर्ग लोगों के लिए राजधानी की सडकों को सुगम बनाने की पहल में लगातार जुटे हुए हैं और विभिन्न इलाकों का निरीक्षण कर गतिरोध दूर करने की कार्रवाई भी कर रहे हैं। इस क्रम को आगे बढाते हुए उन्होंने शाहदरा दक्षिणी एमसीडी ऑफिस में एक बैठक आयोजित की।
जिसमें आयुक्त (Commissioner for Persons with Disabilities) ने कहा कि इस बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों और विभागों को निश्चित रूप से प्रयास करना चाहिए कि आम दिव्यांग और वृद्ध व्यक्ति जब सड़कों और फुटपाथ पर चलें तो उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होने चीन, सिंगापुर आदि जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एक व्हीलचैयर पर विकलांग व्यक्ति सुबह काम पर निकलता है और बिना किसी सहायक के शाम को घर वापस लौट जाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपील किया कि कम से कम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (Delhi) को तो विकलांगो के लिए सुगम्य बनाने का सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए।
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पूर्वांचल विचार मंच के अध्यक्ष डा राकेश रमण झा ने कहा कि सभी अधिकारियों को विकलांगता अधिनियम 2016 (Disability Act 2016) का अध्ययन करना चाहिए तभी इसके प्रावधानों का कारगर क्रियान्वयन सम्भव हो सकता है। इस संयुक्त अभियान में एमसीडी शाहदरा दक्षिणी जोन के उपायुक्त अंशुल सिरोही, एसडीएम, विवेक विहार, कमलेश कुमार, एसएचओ, पटपड़गंज, सुरेन्द्र कुमार, जितेन्द्र कुमार, अभियन्ता एमसीडी, विनय कुमार, आर पी सेल, ट्रैफिक इंस्पेक्टर मंजु सिंह, डॉ सौरभ मिश्रा, पब्लिक हेल्थ विभाग आदि अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
वहीं, दिव्यांगजन आयुक्त् कार्यालय के पदाधिकारियों में संतोष कुमार, वी के राजपूत, जे एल डूडेजा और कल्याण अधिकारी अमरजीत कौर मौजूद रहे। स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि अखिल भारतीय विकलांग विधवा वृद्धा सेवा समिति के अध्यक्ष सुनहरी लाल यादव और कोशिश के महासचिव साजिद चौधरी और अमित यादव ने इस संयुक्त अभियान में सराहनीय योगदान दिया।
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