दिल्ली की सर्दी Delhi’s winter : लकवाग्रस्त हो रहे हैं पक्षी
नई दिल्ली।टीम डिजिटल : दिल्ली की सर्दी Delhi’s winter अब परिंदों के लिए जानलेवा (Delhi’s winter has now become fatal for birds) साबित हो रही है। ठंडी हवा से न केवल राजधानी में रहने वाले इंसान प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि आसमान में उडने वाले परिंदों की सेहत पर भी असर पडने लगा है। जमा देने वाली ठंड के कारण बडे पैमाने पर पक्षी बीमार हो रहे हैं और बीमार पक्षियों को अस्पताल लाया जा रहा है। पक्षियों का उपचार करने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक ठंड के कारण पक्षियों को लकवा मार रहा है। इसके अलावा उन्हें ठंड से जुडी अन्य कई समस्याएं भी प्रभावित करने लगी है।
3000 से अधिक बीमारी पक्षी अस्पताल में भर्ती
चांदनी चौक स्थित पक्षियों के बडे अस्पताल में बीमार पक्षियों की तादाद 3000 के आंकडों को पार कर चुकी है। पक्षियों का उपचार करने वाले चिकित्सक रामेश्वर यादव ने बताया कि ठंड (दिल्ली की सर्दी Delhi’s winter) के कारण बीमार पक्षी बडे पैमाने पर अस्पताल लाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ठंड का असर कुछ इस कदर है कि रोजाना 50-70 पक्षियों को बीमार हालत में अस्पताल लाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ये परिंदें लोगों को पार्क, सडक और रिहायसी सोसायटियों के आसपास मिलते हैं और कुछ लोग उन्हें अस्पताल लेकर आते हैं। उन्होंने बताया कि इन दिनों कई ऐसे पक्षी अस्पताल लाए गए हैं जो ठंड के कारण लकवा ग्रस्त हो चुके हैं। इसके अलावा कई परिंदे मौसमी फ्लू की समस्या से भी पीडित हैं। वहीं इनमें से कई को डायरिया की भी समस्या है।
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2 से तीन महीनों तक चलता है लकवा ग्रस्त परिंदों का उपचार :
अस्पताल के सेकेट्री अतिशय जैन के मुताबिक लगवाग्रस्त पक्षियों के उपचार में लंबा समय लगता है। आसमान में एक बार फिर से उडान भरने के लिए ऐसे पक्षियों को 2 से तीन महीनों तक चिकित्सकीय उपचार में रहना पडता है। अस्पताल में भर्ती इन पक्षियों को दवाइयों के साथ बेहतर आहार भी दी जाती है। वहीं गर्मी प्रदान करने के लिए हीटर और गर्मी देने वाले बल्ब लगाए गए हैं।
ठंड की मार से चली और मोर भी प्रभावित
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि दिल्ली का सर्द तापमान (दिल्ली की सर्दी Delhi’s winter) इसबार चील और मोर जैसे पक्षियों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा है। चील अधिक ऊंचाई तक उडने में सक्षम होता है और इन्हें अन्य पक्षियों के मुकाबे ज्यादा मजबूत माना जाता है। ज्यादा ऊपर तक उडने की कोशिश में ठंडी हवा इन्हें प्रभावित कर देती है। फॉग की वजह से ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। इसकी वजह से उडान के दौरान समस्याओं से ये पक्षी प्रभावित हो जाते हैं। ठंडी हवा की वजह से पक्षियों को कोल्ड डायरिया और लकवा हो रहा है। इसके अलावा ठंड के मौसम में सही आहार नहीं मिलने के कारण पक्षी कमजोरी से भी पीडित हो जाते हैं।
दिल्ली की सर्दी Delhi’s winter : परिंदों की उडान पर शीतलहर की लगाम
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