Tuesday, July 2, 2024
HomeLatest ResearchDengue Fever : कठिन परिस्थिति में भी डेंगू मच्छर कैसे रहता है...

Dengue Fever : कठिन परिस्थिति में भी डेंगू मच्छर कैसे रहता है जिंदा, वैज्ञानिक ने उठाया रहस्य से पर्दा

Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now

Dengue Virus के प्रभाव को कम करने में उपयोगी साबित होगा यह वैज्ञानिक अध्ययन

Dengue Fever : डेंगू मच्छर (Dengue Mosquito) की उत्पत्ति को लेकर एक ताजा अध्ययन ने कठिन परिस्थितियों में भी डेंगू मच्छर के पनपने की प्रक्रिया (Process of breeding of dengue mosquito) की पहचान की है। माना जा रहा है कि इस अध्ययन से डेंगू वायरस (Dengue Virus) को नियंत्रित करने में काफी मदद मिलेगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (Indian Institute of Technology Mandi) और इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल साइंस एंड रीजनरेटिव मेडिसिन, बेंगलुरु (Institute for Stem Cell Science and Regenerative Medicine, Bengaluru) के शोधकर्ताओं ने साथ मिलकर ऐसी बायोकेमिकल प्रक्रियाओं (biochemical processes) की खोज की है, जो डेंगू पैदा करने वाले मच्छर के अंडों को कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने और अनुकूल परिस्थितियों में पुनर्जिवित होने में सक्षम बनाती हैं।

Dengue Virus/Dengue Fever के खिलाफ बेहद उपयोगी साबित होगा यह अध्ययन

Dengue Fever : कठिन परिस्थिति में भी डेंगू मच्छर कैसे रहता है जिंदा, वैज्ञानिक ने उठाया रहस्य से पर्दा
Dengue Fever : कठिन परिस्थिति में भी डेंगू मच्छर कैसे रहता है जिंदा, वैज्ञानिक ने उठाया रहस्य से पर्दा

जानकारों की मानें तो यह शोध मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारियों (mosquito borne diseases) के खिलाफ महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इससे वेक्टर नियंत्रण उपायों (vector control measures) को पहले से बेहतर तरीके से लागू करने में आसानी होगी। यह शोध मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण की दिशा में आशा की नई किरण साबित हो सकती है।

Also Read : Dengue treatment : गजब.. वैज्ञानिकों ने बना ली डेंगू की खास दवा!

इस शोध के विवरण को पीएलओएस बायोलॉजी जर्नल (PLOS Biology Journal) में प्रकाशित किया गया है। इस शोध पेपर को तैयार करने में आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. बस्कर बक्थावचालू  (Dr. Baskar Bakthavchalu )के साथ अंजना प्रसाद, श्रीसा श्रीधरन और इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल साइंस एंड रीजेनरेटिव मेडिसिन (डीबीटी-इनस्टेम) से डॉ. सुनील लक्ष्मण का विशेष सहयोग रहा है।

विपरित प​रिस्थतियों में भी कैसे बचता है Dengue Mosquito का अस्तित्व?

मच्छर विभिन्न बीमारियों के महत्वपूर्ण वाहक होते हैं। वह अपने अंडे पानी में देते हैं और जब वह फूटते तो लार्वा उत्पन्न होते हैं। डेंगू और जीका के अंडे एडीज मच्छर (aedes mosquito) द्वारा दिए जाते हैं, जो बिना पानी के लंबे समय तक रह सकते हैं। यह प्रक्रिया ठीक उसी प्रकार है जैसे पौधे के बीज नमी के अभाव में भी धैर्यपूर्वक अंकुरण की प्रतीक्षा करते हैं। इस घटना की जानकारी होने के बावजूद, शुष्कन सहनशीलता (desiccation tolerance) और पुनर्जलीकरण (rehydration) के बाद जीवित रहने के पीछे मौलिक कारण अब तक एक रहस्य बने हुए हैं।

ऐसे किया अध्ययन

शोध टीम ने नवीन प्रयोगों की एक श्रृंखला के माध्यम से एडीज एजिप्टी मच्छरों (aedes aegypti mosquitoes) को पाला और इसमें उनके अंडों का अध्ययन किया है। इस दौरान पहले अंडों को निर्जलीकरण (dehydration) किया गया और उसके बाद उनका पुनर्जलीकरण (rehydration) किया गया। इस प्रक्रिया में टीम ने यह पाया कि विकासशील लार्वा जीवित रहने के लिए आवश्यक विशिष्ट मेटाबोलिक परिवर्तनों (specific metabolic changes) से गुजरते हैं।

इस सम्बन्ध में आईआईटी मंडी के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. बास्कर बक्तवाचलू ने बताया, “मूल रूप से सभी का जीवन पानी पर निर्भर है। हालांकि, अत्यधिक पर्यावरणीय परिस्थितियों ने जीवों को पानी के बिना जीवित रहने के तरीके खोजने के लिए प्रेरित किया है। इस प्रक्रिया में प्रत्येक जीव ने पानी की कमी से उबरने का अपना अनूठा तरीका ढूंढा है।

Also Read : Osteoporosis Treatment : ऐसी बीमारी जिसमें महज खांसने, झुकने, या हल्की चोट से ही टूट जाती है हड्डियां

इस मूलभूत प्रक्रिया के बारे में हमारी समझ सीमित है। मच्छर के अंडे सूखे की स्थिति का सामना करने के लिए एक परिवर्तित मेटाबोलिक अवस्था (altered metabolic state) में प्रवेश करते हैं, जिससे पॉलीमाइन्स (polyamines) का उत्पादन काफी बढ़ जाता है, जो भ्रूण को पानी की कमी से होने वाले नुकसान का सामना करने में सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा, वे पुनर्जलीकरण होने के बाद अपने विकास को पूरा करने के लिए ऊर्जा स्रोत के रूप में उच्च कैलोरी लिपिड (high calorie lipids) का उपयोग करते हैं।“

मच्छरों की सहनशीलता बाधित करने से बदल सकती है तस्वीर

शोधकर्ताओं के मुताबिक इस शोध के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इन जीवन बचाने वाले प्रक्रियाओं को समझना नवीन मच्छर नियंत्रण रणनीतियों (innovative mosquito control strategies) के लिए एक आधार प्रदान करता है। मच्छरों के अंडों की सूखे की सहनशीलता (drought tolerance) को बाधित करके शोधकर्ताओं ने मच्छरों की आबादी और रोग संचरण (disease transmission) में उल्लेखनीय कमी का अनुमान लगाया है। इस शोध से प्राप्त जानकारी से संभावित रूप से मानसून की बारिश के बाद मच्छरों के पुनः प्रसार (recirculation) को रोका जा सकता है। यह वह अवधि है जो पारंपरिक रूप से रोग संचरण के जोखिमों में वृद्धि के साथ जुड़ी हुई है।

Also Read : United States में वयस्कों के लिए बड़ा जोखिम साबित हो रहा है CKM Syndrome

इस शोध से प्राप्त जानकारी का रोग नियंत्रण के अलावा भी प्रयोग किया जा सकता है। कृषि कीटों के मामले में भी इसी तरह के तरीके अपनाए जाते हैं। जिससे कृषि चुनौतियों से निपटने की संभावनाएं पैदा होती हैं। इन बायोकेमिकल प्रक्रियाओं को समझकर वैज्ञानिक स्थायी कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करते हुए पर्यावरण-अनुकूल, लक्षित कीट नियंत्रण उपायों का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।


नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: caasindia.in में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को caasindia.in के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। caasindia.in लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी/विषय के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

 

caasindia.in सामुदायिक स्वास्थ्य को समर्पित हेल्थ न्यूज की वेबसाइट

Read : Latest Health News|Breaking News|Autoimmune Disease News|Latest Research | on https://www.caasindia.in|caas india is a multilingual website. You can read news in your preferred language. Change of language is available at Main Menu Bar (At top of website).
Join Whatsapp Channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
Follow Google News Join Now
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindi
Caas India - Ankylosing Spondylitis News in Hindihttps://caasindia.in
Welcome to caasindia.in, your go-to destination for the latest ankylosing spondylitis news in hindi, other health news, articles, health tips, lifestyle tips and lateset research in the health sector.
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Article