Depression पर किए गए वैज्ञानिक अध्ययन में दवा जितनी ही कारगर निकली रनिंग थेरेपी
शोधकर्ताओं ने चिंता और अवसाद (Depression) से पीड़ित 141 रोगियों पर एक अध्ययन किया है। इसके तहत मरीजों को दो समूहों में बांटा गया। पहला समूह वह था जिन्हें 16 सप्ताह तक एसएसआरआई (antidepressant) दिए गए और दूसरे समूह को इतने ही दिन रनिंग थेरेपी (running therapy) दी गई। जब अध्ययन के परिणाम का आकलन किया गया तो वैज्ञानिकों ने पाया कि दोनों ही उपचार विधि मरीजों पर समान रूप से प्रभावी है।
यहां दोनों समूहों के मरीजों के बीच एक अंतर का भी पता चला है, जिसमें यह पाया गया कि रनिंग थेरेपी वाले मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य (Mental health) में सुधार होने के साथ शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ। उनका वजन, कमर की परिधि और हृदय संबंधी स्वास्थ्य में भी सुधार पाई गई। जबकि, एंटीडिप्रेसेंट (antidepressant) लेने वाले मरीजों के समूह में मेटाबोलिक मॉर्करों (metabolic markers) में भी थोडी गिरावट पाई गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस अध्ययन में मानसिक उपचार में व्यायाम की उपयोगिता (Benefits of exercise in mental treatment) को स्पष्ट करने में मदद मिली है।
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अध्ययन के महत्वूपर्ण तथ्य :
समान मानसिक लाभ, विविध शारीरिक परिणाम:
रनिंग थेरेपी और एसएसआरआई दोनों समूहों में समान रूप से अवसाद और चिंता में कमी पाई गई। रनिंग थेरेपी लेने वाले समूह के मरीजों की शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि पाई गई। जबकि, एसएसआरआई लेने वालों में मेटाबोलिज्म से संबंधित समस्या होने का पता चला।
उपचार चयन में रोगी की प्राथमिकता :
शोध में हिस्सा लेने वाले मरीजों को व्यायाम और दवा के बीच एक विकल्प को चुनने की पेशकश की गई थी। मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए एक रियलिस्टिक अप्रोच को दर्शाता है। इसके अलावा प्रतिभागियों के बीच व्यायाम के प्रति प्रारंभिक प्राथमिकता को प्रकट करता है।
स्रोत: ईसीएनपी
व्रीजे यूनिवर्सिटी, एम्स्टर्डम के प्रोफेसर ब्रेंडा पेनिनक्स ने बार्सिलोना में ईसीएनपी सम्मेलन में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। इसे हाल ही में जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर में भी प्रकाशित किया गया है। प्रोफेसर ब्रेंडा के मुताबिक, वे तुलना करना चाहते थे कि व्यायाम या अवसादरोधी दवाएं (antidepressant) आपके मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) और सामन्य स्वास्थ्य को किस तरह से प्रभावित करते हैं।
शोधकर्ताओं ने अवसाद (Depression) और चिंता से ग्रस्त 141 रोगियों को इस अध्ययन में शामिल किया। उन्हें उपचार के दो विकल्प अवसादरोधी दवाएं और रनिंग थेरेपी में से किसी एक को चुनने के लिए कहा गया। दोनों समूह को उनके द्वारा चुनी गई थेरेपी को 16 सप्ताह के लिए दी गई। इनमें से 45 ने अवसादरोधी दवाएं चुनीं और 96 ने रनिंग थेरेपी को चुना। जिस समूह ने अवसादरोधी दवाएं चुनीं, उनमें शामिल मरीज रनिंग थेरेपी में शामिल मरीजों के मुकाबले अधिक अवसादग्रस्त थे।
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प्रोफ़ेसर ब्रेंडा के मुताबिक “इस अध्ययन ने चिंतित और अवसादग्रस्त लोगों को वास्तविक जीवन में दवा या व्यायाम के रूप में दो विकल्प दिया। दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश लोगों ने व्यायाम का विकल्प चुना, जिसके कारण दवा समूह की तुलना में दौड़ने वाले समूह में संख्या अधिक हो गई। अवसादरोधी दवाओं से उपचार के लिए रोगियों को अपनी निर्धारित दवा से संबंधित नियमों का पालन करना आवश्यक होता है लेकिन इसका आम तौर पर दैनिक व्यवहार पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है।
इसके विपरीत, व्यायाम सीधे तौर पर लोगों को बाहर जाने, व्यक्तिगत लक्ष्य निर्धारित करने, अपनी फिटनेस में सुधार करने और समूह गतिविधि में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करके अवसाद और चिंता विकारों वाले रोगियों में पाई जाने वाली गतिहीन जीवन शैली को बेहतर बनाता है।
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