Diwali 2023 : खानपान पर दें विशेष ध्यान
Diwali 2023 : डायबिटीज एंड मेटाबोलिक सिंड्रोम में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक भारत में मोटापे (obesity) से 135 मिलियन लोग प्रभावित हैं। अध्ययन में, शोधकर्ताओं हवाला दिया है कि, “आईसीएमआर-इंडियाबी अध्ययन 2015 के अनुसार, मोटापे और केंद्रीय मोटापे की व्यापकता दर क्रमशः 11.8% से 31.3% और 16.9% से 36.3% तक भिन्न होती है। भारत में पेट का मोटापा हृदय रोग (सीवीडी) के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापे का प्रसार काफी अधिक है।
त्योहारों में लापरवाही से बिगड जाता है सेहत का तानाबाना
विशेषज्ञों के मुताबिक, जो लोग लंबे समय से डाइट को प्लान करके चल रहे होते हैं या वे लोग जो वजन को नियंत्रित करने के लिए विशेष तरह की डाइट ले रहे होते हैं, त्योहारों (Diwali 2023 )के दौरान खानपान की एक दिन की लापरवाही से उनके सारे प्रयास प्रभावित हो सकते हैं। डाइट विशेषज्ञों के मुताबिक, इनमें एक बडी भूमिका मिठाईयों की होती है। ऐसे में इस दिवाली में भी कई लोग अपने खानपान को लेकर लापरवाह हो जाएंगे और मोटापे (obesity) की दहलीज तक पहुंच जाएंगे।
दिल्ली की नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रजनी के मुताबिक परिवार और दोस्तों के बीच मिठाइयों और स्नैक्स के आदान-प्रदान द्वारा चिह्नित इन उत्सवों (Diwali 2023 ) ने अनजाने में देश की मोटापा (obesity) महामारी में भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर यह कहते हैं कि पहले भी उत्सवों में मिठाईयों का आदान-प्रदान किया जाता रहा है।
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ऐसा जोखिम पहले तो नहीं होता था। डॉ. रजनी के मुताबिक पहले के लोग आज के मुकाबले शारीरिक परिश्रम अधिक करते थे। मिठाइयों और उत्सवों में वितरित होने वाली मिठाइयों और खाद्य पदार्थों में मिलावट की गुंजाईश कम होती थी। लोगों के भोजन में ज्यादा मात्रा में बडे अनाज होते थे। वहीं, फास्ट फूड वगैरह ज्यादा नहीं होता था लेकिन अब स्थिति अब एकदम विपरीत है।
जान लीजिए मिठाई में कैलोरी की मात्रा
जश्न का यह मौसम कैलोरी से भरपूर व्यंजनों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है, जिसमें अनूठी जलेबियों से लेकर गहरे तले हुए व्यंजनों की विविधता भी शामिल है। केवल दो लड्डू 307 कैलोरी होता है। जबकि रसमलाई के एक टुकड़े में 331 कैलोरी होती है। यह कैलोरी की एक ऐसी मात्रा है जो पहले से चली आ रही आपके संतुलित डाइट प्लान को पटरी से उतार सकती है।
क्या कहता है डब्ल्यूएचओ
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, मोटापा और अधिक वजन शरीर में अत्यधिक वसा जमा होने से जुड़ी स्थितियां हैं। 25 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (किसी व्यक्ति के वजन को उसकी ऊंचाई से विभाजित करने का एक माप) को अधिक वजन के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जबकि, 30 से अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को मोटापे के रूप में वर्गीकृत किया गया है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 1.9 मिलियन वयस्क (18 वर्ष और उससे अधिक आयु के) अधिक वजन वाले हैं, जबकि 650 मिलियन से अधिक लोग मोटापे से ग्रस्त हैं।
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मोटापे से जुडे हैं इन बीमारियों के तार
उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों के सेवन और बदली हुई जीवनशैली के कारण भारत जैसे विकासशील देशों में मोटापा और उससे संबंधित स्थितियों जैसे हृदय रोग, मधुमेह आदि की व्यापकता विशेष रूप से अधिक है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज एंड डाइजेस्टिव एंड किडनी डिजीज द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा है कि मोटापा और अधिक वजन की स्थिति से उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस, गुर्दे की हानि सहित हृदय रोग जैसी गैर-संचारी बीमारियों के विकास का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया, कैंसर, गर्भावस्था संबंधी समस्याएं, अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी बीमारियां और फैटी लीवर रोग भी मोटापे और अधिक वजन से महत्वपूर्ण रूप से जुड़े हुए हैं।